दवा खाने के बाद उल्टी या चक्कर आना समस्या नहीं, फाइलेरिया परजीवी के मरने का है शुभ संकेत
– फाइलेरिया उन्मूलन • घर-घर जाकर मेडिकल टीम द्वारा खिलाई जा रही है अल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा
– फाइलेरिया के कारण, लक्षण और इससे बचाव की भी दी जा रही है जानकारी
भागलपुर-
राज्य के 24 जिलों में शनिवार यानी 10 फरवरी से एमडीए राउंड की शुरुआत की गयी है। एमडीए के पहले दिन कई जिलों से दवा सेवन के बाद बच्चों में उल्टी एवं दस्त की शिकायत आयी है। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की स्थानीय एवं प्रखंड स्तरीय टीम के द्वारा त्वरित कार्यवाई करते हुए सभी बच्चों को जरुरी दवा एवं प्रबंधन किया गया है। किसी बच्चों में अधिक गंभीरता नहीं आयी है। सभी बच्चे अब स्वस्थ हैं। फाईलेरिया रोधी दवाएं गुणवत्ता एवं प्रभाव स्तर पर पूर्णता सुरक्षित है। यह जानकारी देते हुए डीभीबीडीसीओ डाॅ. दीनानाथ ने बताया कि जिन बच्चों में दवा सेवन के बाद उल्टी, चक्कर एवं सर दर्द जैसी शिकायत आयी है, उनके शरीर में फाइलेरिया परजीवी का संक्रमण होने की पुष्टि होती है। इसे आसान शब्दों में समझें तो यह है कि दवा सेवन के बाद अगर किसी तरह की शारीरिक शिकायत होती है तो यह स्पष्ट होता है कि शरीर में पहले से फाइलेरिया के परजीवी मौजूद थे। दवा सेवन से परजीवी मरते हैं, जिसके कारण उल्टी, चक्कर या सर दर्द जैसे छोटी-मोटी शिकायत हो सकती है। अगर इसे दूसरे रूप में समझें तो यह एक शुभ संकेत है कि दवा फाइलेरिया परजीवी को मारने में असरदार साबित हो रही है। एक महत्वपूर्ण बात हमेशा याद रखें कि दवा का सेवन कभी भी खाली पेट नहीं करें। खाली पेट दवा सेवन करने से भी दवा का कुछ प्रतिकूल असर आता है। लेकिन एक बात याद रखें यदि फाइलेरिया के परजीवी शरीर में मौजूद हों और दवा का सेवन नहीं किया गया तो फाइलेरिया से संक्रमित होने की सम्भावना बनी रहेगी। यह परजीवी 5 से 10 साल के बाद भी आपको फाइलेरिया से ग्रसित कर सकते हैं। इसलिए हमें हर हाल में दवा सेवन खुद करना होगा और अपने परिजनों को भी कराना होगा। आपका दवा सेवन करना ही फाइलेरिया को आपके परिवार, समाज, राज्य एवं देश से दूर कर सकता है। स्वास्थ्य विभाग आपके बेहतर स्वास्थ्य के लिए हमेशा तत्पर है। गांव से लेकर जिला स्तर पर स्वास्थ्य कर्मी किसी भी तरह की समस्या से आपको बचाने के लिए तैयार हैं। आइये एक बार फिर एक जुट होकर दवा सेवन का संकल्प लें और फाइलेरिया को दूर भगाएं।