संस्कृति

प्रेम एवं श्रृंगार के अंतरराष्ट्रीय कवि एवं गीतकार डॉ बुद्धिनाथ मिश्र जी से जुड़ते है-21 जून , रविवार ,शाम 5 बजे

विश्व हिंदी परिषद द्वारा आयोजित ‘काव्योत्सव ‘ में आपका हार्दिक स्वागत है।

  • 1 मई,1949को मिथिलांचल में समस्तीपुर(बिहार) जनपद के देवधा गाँव में संस्कृत विद्वानों के परिवार में जन्म। पिता पं. भोला मिश्र, माता-गुलाब देवी। दस वर्ष की अवस्था में संस्कृत की प्राचीन परिपाटी में विद्या-अर्जन के लिए वाराणसी आगमन।देवधा गाँव के मिडिल स्कूल और  रेवतीपुर(गाज़ीपुर) की संस्कृत पाठशाला में प्रारम्भिक शिक्षा; वाराणसी के डीएवी कालेज और बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी के आर्ट्स कालेज में उच्च शिक्षा। बीएचयू से 1969 में एम.ए.(अंग्रेज़ी) और गोरखपुर विश्वविद्यालय से 1977 में एम.ए.(हिन्दी)। बीएचयू से ‘यथार्थवाद और हिन्दी नवगीत’शोध-प्रबंध पर पी-एच. डी. की उपाधि(1982)।
  • 1966 से राष्ट्रभाषा हिन्दी और मातृभाषा मैथिली के प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में निबंध, कहानी, गीत, रिपोर्ताज़ आदि का नियमित प्रकाशन।
  • हिन्दी और मैथिली के अन्तरराष्ट्रीय स्तर के वरिष्ठ  नवगीतकारऔर राजभाषा विशेषज्ञ। मधुर स्वर, खनकते शब्द, सुरीले बिम्बात्मक गीत, ऋजु व्यक्तित्व। विगत 50 वर्षों से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय काव्य-मंचों पर अग्रणी गीतकार के रूप में सुप्रतिष्ठित ।  कविता में भारतीय मूल्यों और सकारात्मक सोच के प्रतिपादक शीर्षस्थ गीतकवि ।
  • 1969 से आकाशवाणी और दूरदर्शन के सभी केन्द्रों पर काव्यपाठ, वार्ता, संगीत रूपकों का प्रसारण। बीबीसी, रेडियो मास्को आदि से काव्यपाठ और भेंटवार्ता  प्रसारित। दूरदर्शन के राष्ट्रीय धारावाहिक ‘क्यों और कैसे?’का पटकथा लेखन। वीनस कम्पनी से ‘काव्यमाला’ और ‘जाल फेंक रे मछेरे’ कैसेट, मदन मशीनरी मार्ट,वाराणसी से  मैथिली संस्कार गीतों के दो ई.पी. रिकार्ड और हिन्दी के संगीतबद्ध गीतों का कैसेट ‘अनन्या’। यूट्यूब, कविताकोष, रेडियो सबरंग, पूर्वाभास आदि वेबसाइटों से  रचनाएँ प्रचारित-प्रसारित ।
  • जाल फेंक रे मछेरे’(1983) ‘जाड़े में पहाड़’ (2001) ‘शिखरिणी’(2005) ‘ऋतुराज एक पल का’(2013) गीत संग्रह ‘क्यो नहि दै अछि आगि‘ (मैथिली काव्य संग्रह,2016),’निरख सखी ये खंजन आये‘(निबंध संग्रह,2016) प्रकाशित ।‘नोहर के नाहर’ ‘स्वयंप्रभ’ ‘स्वान्तः सुखाय’ ‘नवगीत दशक’ ‘विश्व हिन्दी दर्पण तथा सात मूर्धन्य कवियों के काव्य संकलनों का सम्पादन
  •  वाराणसी के अद्यतन विकास पर आधारित पुस्तक मेरी काशी ‘ का प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा उ.प्र. के राज्यपाल श्री राम नाइक और मुख्य मंत्री श्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में विमोचित एवं प्रशंसित। सोशल मीडिया,पत्र-पत्रिकाओं और काव्यमंचों से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्रवाद के पक्ष में साहित्यकारों को अभिप्रेरित करने में विशेष भूमिका। 
  • ‘अक्षत’(खंडवा) अनुष्का’(मुंबई) पत्रिका और ‘खबर इंडिया’ ई-पत्रिका में व्यक्तित्व- कर्तृत्व पर केन्द्रित विशेषांक । ‘बुद्धिनाथ मिश्र की रचनाधर्मिता’ (2013) पुस्तक (संपादक: डॉ. अवनीश चौहान) प्रकाशित। कई राज्यों के विश्वविद्यालयों और बोर्डों के पाठ्यक्रमों में हिन्दी – मैथिली की रचनाएँ सम्मिलित तथा व्यक्तित्व एवं कर्तृत्व पर अनेक शोधप्रबंध प्रस्तुत।
  • रूस-भारत मैत्री संघ,मास्को का अन्तरराष्ट्रीय पुश्किन सम्मान; उप्र हिन्दी संस्थान का प्रतिष्ठित ‘साहित्य भूषण’ सम्मान,दुष्यन्त कुमार अलंकरण,भोपाल; राष्ट्रकवि दिनकर जन्मशती राष्ट्रीय सम्मान,बेगूसराय; पारिजात संस्कृति संस्थान, कोलकाता से ‘सेतु’ सम्मानपरिवार सम्मान,मुम्बई का राष्ट्रीय सम्मान; परिवार मिलन, नवगीत संग्रह ‘शिखरिणी’ पर कोलकाता का प्रथम ‘काव्यवीणा सम्मान’ ; भारतीय ज्ञानपीठ से प्रकाशित नवगीत संग्रह ‘ऋतुराज एक पल का’ पर डॉ. शम्भुनाथ सिंह नवगीत पुरस्कार;महाप्राण निराला, बच्चन सम्मान तथा ढेर सारे पुरस्कार। हिन्दी साहित्य सम्मेलन से ‘कविरत्न’ और ‘साहित्य सारस्वत’ उपाधि। अखिल भरतीय विक्रम परिषद, काशी द्वारा सुप्रतिष्ठित सृजन मनीषी’ अलंकरण  और अभिनव कला परिषद, भोपाल द्वारा ‘अभिनव शब्दशिल्पी’ सम्मान। टाइम्स ऑफ़ इंडिया ग्रूप का प्रतिष्ठित राजभाषा सम्मान।विद्यापति सेवा संघ,दरभंगा का सुप्रतिष्ठित मिथिला विभूति सम्मान आदि।
  • राजभाषा अधिकारी के रूप में श्रेष्ठ कार्य-निष्पादन के लिए दो बार भारत सरकार का प्रशस्तिपत्र प्राप्तऔर सेवानिवृत्ति के समय `संसदीय राजभाषा समिति ‘ द्वारा विधिवत सम्मानित ।
  • रूस, अमेरिका, ग्रेट ब्रिटेन ( सात नगर), फ्रांस, नीदरलैंड, बेल्जियम, जापान, मारिशस, उज़बेकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका, थाईलैंड, सिंगापुर, यूएई आदि अनेक देशों की साहित्यिक यात्रा। न्यूयार्क(2007) और जोहान्सबर्ग(2012) में भारत सरकार द्वारा आयोजित विश्व हिन्दी सम्मेलनोंमें भारत का प्रतिनिधित्व। सार्क देशों में अत्यन्त लोकप्रिय कवि के रूप में चर्चित।

सम्प्रति(१) स्वतंत्र लेखन, (२) राष्ट्रीय  दैनिक ‘प्रभात खबर’, दैनिक ‘पूर्वोदय’ और दैनिक ‘सन्मार्ग ‘,दैनिक जागरण ‘ आदि पत्रों और अनेक पत्रिकाओं में नियमित स्तम्भ लेखन,(३) राष्ट्रीय/अन्तरराष्ट्रीय कवि सम्मेलनों में अध्यक्षीय काव्यपाठ

  • प्रयोजन-मूलक हिंदी और राजभाषा प्रबंध के विशेषज्ञ के रूप में गत 45 वर्षों से विभिन्न विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों का निर्माण /अध्यापन तथा विभिन्न सार्वजनिक  उपक्रमों , गैर-सरकारी संस्थाओं की  500 से अधिक कार्यशालाओं, सेमिनारों के आयोजन में सक्रिय सहयोग तथा  व्याख्यान । 
  •  भारत सरकार के संस्कृति विभाग का साहित्य-लेखन में सीनियर फेलोशिप ( विषय: भारतीय कविता की वाचिक परम्परा ) प्राप्त ।
  • महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय,वर्धा में गेस्ट स्कॉलर ।
  •   ‘आज’ दैनिक,वाराणसी में दस वर्षों तक साहित्य और समाचार सम्पादन; कलकत्ता में यूको बैंक और हिन्दुस्तान कॉपर लि. तथा देहरादून में ऑयल एण्ड नेचुरल गैस कार्पोरेशन(ओएनजीसी) मुख्यालय में राजभाषा विभाग के मुख्य प्रबंधक पदपर सेवा। ‘स्वयंप्रभा-होलिस्टिक सेंटर फ़ॉर लेंग्वेज एंड लिटरेचर’ के संस्थापक अध्यक्ष
  • आदिकुम्भस्थली सिमरियाधाम के वेद विज्ञान अनुसन्धान संस्थान के अध्यक्ष के रूप में देश भर में द्वादश कुम्भ के आयोजन में उल्लेखनीय भूमिका। प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रशंसित 
  • काशी के प्रतिनिधि साहित्यकार के रूप में राष्ट्रपति भवन के शपथ ग्रहण समारोह (30 मई,2019) में विशेष आमंत्रित अतिथि।
  • आईये, 21 जून 2020, रविवार 5 बजे जुड़ते है -प्रेम एवं श्रृंगार के अंतरराष्ट्रीय कवि एवं गीतकार डॉ बुद्धिनाथ मिश्र जी से विश्व हिंदी परिषद के फेसबुक पेज http://www.facebook.com/vishwahindiparishad पर!विश्व हिंदी परिषद द्वारा आयोजित ‘काव्योत्सव ‘ में आपका हार्दिक स्वागत है।
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One Comment

  1. पूरी टीम को योग दिवस की बधाई और इतना अच्छा वीडियो बनाने के लिए हार्दिक धन्यवाद।

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