राज्य

एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम को मिलेगी मजबूती, कार्यक्रम की होगी समीक्षा

स्वास्थ्यकर्मी जूम एप्प व वीडियो कांनफ्रेसिंग के माध्यम से लेंगे बैठक में हिस्सा 

लखीसराय, 18 जून: जिला में अनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम को और अधिक मजबूती प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से हर संभव कोशिश की जा रही है. इस कार्यक्रम की समीक्षा एवं कोविड 19 महामारी के आलोक में आयरन फोलिक एसिड सीरप तथा टेबलेप की आपूर्ति के संबंध में राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार की ओर से भी पत्र लिखकर सिविल सर्जन को आवश्यक निर्देश दिये गये हैं.
सिविल सर्जन डॉ आत्मानंद राय ने बताया राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत अनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के क्रियान्वयन को लेकर आयरन फोलिक ​एसिड सीरप व टेबलेट को लाभार्थियों तक निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए दिशा निर्देश सहित इस कार्यक्रम के व्यापक प्रचार प्रसार के लिए मजबूत शरीर तेज दिमाग स्लोगन के साथ टिन प्लेट सभी जिलों को भेजी गयी है जिसको सभी स्वास्थ्य संस्थानों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में प्रदर्शित करने के लिए कहा गया है. इन सभी बिंदुओं पर कृत कार्रवाई व कार्यक्रम में प्रगति की समीक्षात्मक बैठक 19 व 20 जून को की जायेगी. इस समीक्षात्मक बैठक के पहले दिन जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, जिला सामुदायिक उत्प्रेरक, जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी, जिला औषधि भंडार के ड्रग स्टोर कीपर व जिला स्तरीय केयर व यूनिसेफ सहित अन्य डेवलपमेंट पार्टनर्स के प्रति​निधि मौजूद रहेंगे. वे वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मीटिंग में भाग लेंगे. वहीं मीटिंग के दूसरे दिन प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक, प्रखंड औषधि भंडार के ड्रग स्टोर कीपर व केयर इंडिया के प्रखंड स्तरीय प्रतिनिधि जूम लिंक के माध्यम से हिस्सा लें​गे.
कार्यक्रम के तहत दी जाती है आयरन की गोली: .
सरकार के द्वारा अनीमिया मुक्त भारत का अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के  अंतर्गत 10 वर्ष से 19 वर्ष के किशोरियो को आयरन की गुलाबी गोली सप्ताह में दो बार बुधवार और शुक्रवार को  खिलाई जाती हैं । आगनवाड़ी केन्द्रो के अलावा स्कूल मे भी ये गोली दी जाती है.
शरीर में खून की कमी से होता है एनीमिया:
हमारे शरीर में हिमोग्लोबिन एक ऐसा तत्व है जो शरीर में खून की मात्रा बताता है। पुरुषों में इसकी मात्रा 12 से 16 प्रतिशत तथा महिलाओं में 11 से 14 के बीच होना चाहिए। किशोरावस्था और रजोनिवृत्ति के बीच की आयु में एनीमिया सबसे अधिक होता है. किशोरवस्था में शरीर में आयरन की कमी से होने वाले नुकसान को ध्यान में रख किशोर किशोरियों के लिए यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है
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