स्वास्थ्य

फाइलेरिया एक संक्रमित बीमारी है, इससे बचाव के लिए दवा खाना जरूरी

-घर के आसपास गंदे पानी को जमा नहीं होने दें, मच्छरों से करें बचाव

-यह आर्थिक, शारीरिक और मानसिक तौर पर करता है लोगों को परेशान

भागलपुर-

बारिश का मौसम शुरू हो गया है। ऐसे मौसम में पानी जमा होने से मच्छरजनित बीमारी होने का खतरा रहता है। मच्छरजनित बीमारियों में से एक है फाइलेरिया। इस बीमारी से पीड़ित होने के बाद लोगों को जीवनभर परेशानी झेलनी पड़ती है। इसलिए इससे बचाव जरूरी है। बचाव के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि साफ-सफाई रखें और घर के आसपास पानी नहीं जमने दें। फाइलेरिया एक ऐसी बीमारी है जो न सिर्फ आर्थिक और शारीरिक रूप से, बल्कि मानसिक तौर पर भी परेशान 

करती है। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह कितनी खतरनाक बीमारी है। ऐसे में लोगों को खुद को और अपने परिजनों को मच्छरों से बचाना होगा। प्रभारी जिला मलेरिया पदाधिकारी (डीएमओ) डॉ. दीनानाथ कहते हैं कि फाइलेरिया एक खतरनाक बीमारी है और इससे इंसान की मृत्यु नहीं होती है पर जीवनभर के लिए वह दिव्यांग जरूर हो जाता है। यह बीमारी संक्रमित होती है और यह गंदे पानी में बैठने वाले मच्छरों के काटने से होती है। फाइलेरिया से बचाव के लिए फाइलेरिया की दवा खानी जरूरी है।

क्यूलेक्स मच्छर काटने से होता है फाइलेरियाः डॉ. दीनानाथ ने बताया कि फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। क्यूलेक्स मच्छर घरों के दूषित स्थलों, छतों और आसपास लगे हुए पानी में पाया जाता है। इससे बचाव के लिए लोग घरों के आसपास गंदगी और पानी नहीं जमने दें। घर के आसपास साफ-सफाई रखनी चाहिए। बुखार आना, शरीर में लाल धब्बे या दाग होना, शरीर के किसी भी अंग में सूजन होना इसके लक्षण हैं। ज्यादातर इस बीमारी से ग्रसित लोगों के पांव या हाइड्रोसिल में सूजन हो जाती है। लोग इस बीमारी से सुरक्षित रह सकें, इसके लिए सरकार साल में एक बार 

एमडीए अभियान चलाती है। इससे लोगों को जरूरी दवा उपलब्ध होती है, जो इस बीमारी को रोकने में सहायक होती है।

गंभीर रूप से बीमार लोगों को नहीं खिलाई जाती है दवाः डॉ. दीनानाथ ने बताया कि फाइलेरिया को लेकर अभियान चलते रहता है। अभियान के दौरान दो से पांच तक वर्ष के बच्चों को डीईसी और अल्बेंडाजोल की एक गोली, छह से 14 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की दो और अल्बेंडाजोल की एक गोली और 15 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को डीईसी की तीन और अल्बेंडाजोल की एक गोली खिलाई जाती है। अल्बेंडाजोल की गोली लोगों को चबाकर खानी होती है। दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को कोई दवा नहीं खिलायी जाती है। साथ ही गंभीर रूप से बीमार लोगों को भी दवा नहीं खिलाई जाती है। जो लोग अभियान के दौरान दवा नहीं खा सके हैं या फिर छूट गए हैं, वह अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर दवा ले सकते हैं। दवा सेवन के बाद किसी तरह के सामान्य साइड इफ़ेक्ट से घबराने की जरूरत नहीं है। अमूमन जिनके अंदर फाइलेरिया के परजीवी होते हैं, उनमें ही साइड इफ़ेक्ट देखने को मिलते हैं। साइड इफ़ेक्ट सामान्य होते हैं, जो 

प्राथमिक उपचार से ठीक भी हो जाते हैं।

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