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बेहतर समझना है सीता को, तो मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल 2021 है आपके लिए

दरभंगा में 12 से 15 दिसंबर तक हो रहा है मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल 2021

नई दिल्ली। मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल, सेंटर फॉर स्टडीज ऑफ ट्रेडिशन एंड सिस्टम, दिल्ली द्वारा आयोजित किया जाने वाला एक प्रमुख कार्यक्रम है। वर्ष 2018, 2019 और 2020 में मिथिला (उत्तरी बिहार) की भूमि पर लगातार तीन साहित्य उत्सवों का सफलता पूर्वक आयोजन किया जा चुका है। लिटरेचर फेस्टिवल आयोजित करने के इसी क्रम को जारी रखते हुए सीएसटीएस चौथे मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल 2021 का आयोजन करने जा रहा है। इस वर्ष लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन 12 से 15 दिसंबर के बीच कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय (केएसडीएसयू)के परिसर में किया जाएगा।
सीएसटीएस की डॉ सविता झा खान ने बताया कि मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल 2021 में मिथिला के सामाजिक आर्थिक, सांस्कृतिक और परंपराओं का प्रतिनिधित्व करने वाले कई क्षेत्रों को शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है। अन्य शब्दों में लिटरेचर फेस्टिवल पूरी तरह से स्थानीय लोगों का उत्सव होगा। पिछले प्रयासों को जारी रखते हुए इस वर्ष एमएलएफ (मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल) शहरीकरण के सामाजिक व आर्थिक संरचना के पीछे दुर्बल जर्जर ग्रामीण संवेदनशीलता को सामने लाने का प्रयास करेगा। इसके अलावा लिटरेचर फेस्टिवल 2021 के माध्यम से 21 ज्ञान परंपराओं के कई आयामों, पांडुलिपियों को संग्रहित करने, विद्वानों के कार्यों का प्रकाशन, ग्रामीण उत्थान, मैथिली भाषा व साहित्य को बढ़ावा देने, महिला सशक्तिकरण, विरासत संरक्षण तथा स्थानीय कला को बढ़ावा देने के लिए एक मंच प्रदान किया जाएगा। इसके अतिरिक्त एमएसएफ के माध्यम से भारत- नेपाल सांस्कृतिक, शिल्प और पर्यावरण संबंधी मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी।
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में वक्ताओं ने कहा कि
हर साल मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल में मिथिला की संस्कृति, आध्यात्मिक और दार्शनिक परंपराओं का प्रतिनिधित्व करने वाले कार्यक्रमों को प्रमुखता से शामिल किया जाता है। इस साल मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल का मुख्य आर्कषण मिथिला की बेटी, “सीता” का विभिन्न रूपों में कला के विभिन्न माध्यमों से उत्सव होगा। इसी क्रम में एक अंर्तराष्ट्रीय प्रदर्शनी वैदही का प्रस्तुतिकरण किया जाएगा, जिसमें सीता के 150 से अधिक अवतारों को दर्शाती पेंटिंग को शामिल किया जाएगा। मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल में अंर्तराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त जानी मानी भरतनाट्यम कलाकार वीना सी शेषाद्रि जया जानकी पर अपनी प्रस्तुती देगीं। इसके अतिरिक्त प्रसिद्ध अभिनेत्री कनुप्रिया पंडित, पद्मश्री उषा किरण खान द्वारा लिखित और पद्मश्री रामगोपाल बजार द्वारा निर्देशित नाटक “जाये से पहिने, सिया पिया कथा”, में अभिनय करेगीं। इसके अतिरिक्त एक अन्य कार्यक्रम “एकवस्त्र” का भी आयोजन किया जाएगा, जो कि स्थानीय बुनकरों के सामूहिक योगदान पर आधारित है।
युवाओं के लिए भी इस वर्ष का मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल काफी अहम होगा, क्योंकि इस साल युवा साहित्य के साथ साथ, व्यवसाय के क्षेत्र में पहल करने वाले युवाओं को स्टार्टअप से जुड़े अपने विचारों को साझा करने का मंच दिया जाएगा। इसके अलावा फेस्टिवल के चौथे संस्करण में फिल्म निर्माण कार्यशाला “अरिपन” का आयोजन किया जाएगा, महिलाओं के लिए चित्रकला आयोजन, फोटोग्राफी, पेंटिंग वर्कशॉप, भाषा आधारित वर्कशॉप, स्थानीय थियेटर मंचन स्त्री दलन, राशनचौकी आदि साहित्य से जुड़े शैक्षणिक सत्र के दिलचस्प कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। भाषा, शिक्षा, उद्योग, दर्शन और पर्यावरण सहित मैथिली साहित्य में गांधी पर कार्यशाला के साथ दरभंगा के सांस्कृतिक परिदृश्य को शामिल किया जाएगा, जिसमें दरभंगा के अमता घराने द्वारा ध्रुपद प्रदर्शन, पारंपरिक बग्गी राइड, लोक संगीत, नेपाली सांस्कृतिक कार्यक्रम, बालरंग मंच, भारतीय शास्त्रीय संगीत आदि बहुत कुछ एक मंच के नीचे समेटा जाएगा।
मिथिला की भाषा और संस्कृति को बढ़ावा देने में अमरेश पाठक के बहुमूल्य योगदान को याद रखते हुए मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल 2020 से अमरेश पाठक स्मृति सम्मान की शुरूआत की गई, इस पुरस्कार में प्रशंसा प्रमाणपत्र के साथ 25000 रुपए की नकद धनराशि दी जाती है। पहला अमरेश पाठक स्मृति सम्मान वर्ष 2020 में श्री रामजी पोदार को उनकी असाधारण सात दशकों की समाज सेवा के लिए दिया गया था। इस वर्ष भी यह सम्मान दिया जाएगा।

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