स्वास्थ्य

प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों का कराया जायेगा आईएचआईपी का प्रशिक्षण

• फ़ाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की होगी रियल टाइम मॉनिटरिंग
• अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, फ़ाइलेरिया ने पत्र जारी कर दिया निर्देश

पटना-

फ़ाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की रियल टाइम मॉनिटरिंग के लिए सभी 38 जिलों के प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों का आईएचआईपी पर प्रशिक्षण कराया जा रहा है. अभी भी जिलों में प्रशिक्षण कराना बाकी है. इसे संज्ञान में लेते हुए अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, फ़ाइलेरिया डॉ. परमेश्वर प्रसाद ने सभी जिलों के सिविल सर्जन को पत्र जारी आवश्यक निर्देश दिया है.
जारी पत्र में बताया गया है कि प्रशिक्षण को जल्दी से जल्दी पूरा कर नाईट ब्लड सर्वे ( रात्रि रक्त पट संग्रह ) के दौरान जिन व्यक्तियों का माइक्रो फ़ाइलेरिया दर पॉजिटिव आया है, उनकी सूचि को सबसे पहले आईएचआईपी पर अंकित करना सुनिश्चित करें. साथ ही माइक्रो फ़ाइलेरिया दर पॉजिटिव आये हुए व्यक्तियों की सूचना को अंकित करने के बाद सभी जिलों को अपने जिलों के सभी प्रखंडों में उपलब्ध फ़ाइलेरिया मरीजों की सूचि को भी अंकित करना है. भारत सरकार के निर्देशानुसार आईएचआईपी पोर्टल में फ़ाइलेरिया कार्यक्रम से संबंधित सभी आंकड़ों को भरना है.
डॉ. अनुज सिंह रावत, राज्य सलाहकार फ़ाइलेरिया एवं आईएचआईपी के राज्य नोडल पदाधिकारी ने बताया कि आईएचआईपी में दर्ज आंकड़ों से पूरे फ़ाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की रियल टाइम मॉनिटरिंग की जा सकेगी. प्रारंभ में नाईट ब्लड सर्वे में पाज़िटिव व्यक्तियों का आंकड़ा दर्ज किया जा रहा है और इसके पश्चात प्रखण्ड स्तर पर हाथीपाँव और हाइड्रोसील मरीजों का सम्पूर्ण विवरण अंकित किया जाएगा. कुल 7 प्रकार के विभिन्न प्रतिवेदन के आँकड़ें जल्द से जल्द अंकित कराने का लक्ष्य है. इससे भविष्य की रणनीति बनाने में मदद मिलेगी एवं जल्दी से जल्दी सभी जिलों में प्रशिक्षण पूर्ण कराकर आंकड़ा प्रविष्ट कराना है.
ज्ञात हो कि 18 दिसंबर को राज्य के सभी 38 जिलों के जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी, वीबीडी सलाहकार, महामारी विशेषज्ञों ( एपिडीमोलोगिस्ट ) एवं जिला मुल्यांकन एवं अनुश्रवण पदाधिकारियों का आईएचआईपी पोर्टल पर प्रशिक्षण कराया जा चुका है. राज्य स्तरीय प्रशिक्षण के बाद सभी प्रशिक्षित पदाधिकारियों द्वारा अपने जिलों के सभी प्रखंडों के संबंधित पदाधिकारियों का जिला स्तर पर आईएचआईपी का एक दिवसीय प्रशिक्षण कराने का निर्देश दिया जा चुका है.

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