देश

जातिगत जनगणना के मुद्दे पर संघ का संतुलित दृष्टिकोण

-कृष्णमोहन झा, लेखक राजनैतिक विश्लेषक है

कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दल पिछले कुछ महीनों से जातिगत जनगणना का मुद्दा उछाल कर देश भर में अपने पक्ष में हवा बनाने की जी तोड कोशिश कर रहे हैं। इस मुद्दे पर  सत्तारूढ़ राजग की मुखिया भाजपा ने अभी तक अपना कोई स्पष्ट दृष्टिकोण व्यक्त नहीं किया है परन्तु राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने गत दिनों केरल के पलक्कड़ शहर में संपन्न अपनी अखिल भारतीय  समन्वय बैठक में जो महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं  उनका निश्चित रूप से स्वागत किया जाना चाहिये। संघ  का मानना है कि हिंदू समाज में जाति एक संवेदनशील मुद्दा है । राष्ट्रीय एकता और अखंडता की दृष्टि के लिए  यह बहुत महत्वपूर्ण है इसलिए इसे बहुत गंभीरता से लिया जाना चाहिए।।यदि आवश्यक हो तो सरकार जातिगत जनगणना करा सकती है लेकिन इस मुद्दे का चुनावी इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। जातिगत जनगणना का उद्देश्य  केवल पिछड़े समाज का कल्याण होना चाहिए। बैठक में संघ का स्पष्ट मत था कि जातीय विभाजन को रोकने का एक मात्र उपाय हिंदुत्व है।
          गौरतलब है कि देश के विभिन्न स्थानों पर संघ की समय समय पर होने वाली बैठकों में अखिल भारतीय समन्वय बैठक को विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। केरल के पलक्कड़ में संपन्न हुई यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही थी क्योंकि कुछ समय पूर्व वायनाड में भूस्खलन से जान-माल का भारी नुक़सान हुआ था। बैठक के प्रारंभ  में वायनाड हादसे में असमय ही मौत की शिकार हुए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की गई। बैठक में संघ के स्वयंसेवकों ने वायनाड में चल रहे राहत कार्यों में अपनी  सहभागिता की जानकारी साझा की । संघ की इस महत्वपूर्ण बैठक के पहले दिन सरसंघचालक मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले मौजूद थे। इनके अलावा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी एल संतोष, विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष और महामंत्री, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री सहित संघ के 32 सहयोगी संगठनों के 320 प्रतिनिधियों ने भी बैठक में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
         लोकसभा चुनावों के बाद तीन महीने बाद संपन्न संघ की इस तीन दिवसीय बैठक में राष्ट्रीय महत्व‌ के जिन विषयों पर गहन विचार विमर्श हुआ उनकी सारगर्भित जानकारी बैठक की समाप्ति के पश्चात् संघ के राष्ट्रीय प्रचार प्रभारी सुनील आंबेकर ने एक पत्रकार वार्ता में प्रदान की । सुनील आंबेकर ने बताया कि बैठक में कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ रेप और उसके बाद उसकी हत्या की घटना की निंदा करते हुए उसकी जांच और न्याय प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए सरकारी मशीनरी, तंत्र की सक्रियता पर बल दिया गया। संघ की बैठक में कोलकाता कांड जैसी घटनाओं को रोकने के पांच तरह के उपाय किए जाने पर बल दिया गया। इनमें फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाकर त्वरित न्याय, सामाजिक जागरूकता, बचपन से बच्चों में उत्तम संस्कार, शिक्षा व्यवस्था और आत्म रक्षा का प्रशिक्षण शामिल है। बैठक में इस विषय जुड़े विचार विमर्श में  इस बात पर विशेष जोर दिया गया कि  डिजिटल प्लैटफॉर्म पर परोसी जाने वाली सामग्री की कड़ी निगरानी की जानी चाहिए ताकि वे अश्लीलता न परोस सकें। इसमें दो राय नहीं हो सकती कि कोलकाता कांड जैसी दुर्भाग्यपूर्ण  घटनाओं को रोकने में संघ द्वारा सुझाए गए उपाय महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। संघ की समन्वय बैठक में बंगला देश में हिन्दुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार से बंगला देश सरकार के साथ बातचीत करने का आग्रह किया गया। बैठक में बंगला देश की ताज़ा स्थिति के बारे में विस्तृत रिपोर्ट भी पेश की गई। संघ के राष्ट्रीय प्रचार प्रभारी ने बताया कि  बैठक में पंच परिवर्तन संकल्प के रूप में  नागरिक कर्तव्य, कुटुम्ब प्रबोधन, सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण और राष्ट्रीय स्वत्व देशव्यापी परिवर्तन अभियान चलाने का संकल्प लिया गया।
               संघ की प्रति वर्ष होने वाली बैठकों में विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जाने वाली समन्वय समिति की यह बैठक इस बार चूंकि लोकसभा चुनावों के बाद आयोजित की गई थी इसलिए जब पत्रकारों ने सुनील आंबेकर से  संघ और भाजपा के बीच विगत दिनों उभरे कथित मतभेद के बारे में प्रश्न किया तो उन्होंने इसे पारिवारिक मामला बताते हुए कहा कि हम इसे परिवार के अंदर ही सुलझा लेंगे। बैठक में संघ के शताब्दी आयोजनों पर भी विचार विमर्श किया गया।

Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button