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हांगकांग के प्रो. दया के. थुस्सू ने किया एसएयू का दौरा, अध्यक्ष प्रो. के. के. अग्रवाल से अकादमिक सहयोग पर चर्चा की


नई दिल्ली-

हांगकांग बैपटिस्ट विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय संचार के प्रोफेसर और लंदन विश्वविद्यालय के राष्ट्रमंडल अध्ययन संस्थान में वरिष्ठ शोध फेलो प्रोफेसर दया थुस्सू ने दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय (एसएयू) परिसर का दौरा किया।

प्रो. थुस्सू, मीडिया शिक्षकों और शोधकर्ताओं की दुनिया की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी संस्था, इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर मीडिया एंड कम्युनिकेशन रिसर्च (आईएएमसीआर) के अध्यक्ष हैं. संचार के क्षेत्र में व्यापक अनुभव रखने वाले प्रो. थुस्सू ने एसएयू के अध्यक्ष प्रोफेसर के. के. अग्रवाल से अकादमिक सहयोग के अवसरों पर चर्चा की।

प्रो. अग्रवाल ने प्रो. थुस्सू को एसएयू के विस्तार और अकादमिक विकास के लिए उनके द्वारा उठाए जा रहे विभिन्न उपायों से अवगत कराया। उन्होंने कहा, एसएयू अकादमिक दुनिया में वैश्विक दक्षिण की आवाज बनने के लिए प्रतिबद्ध है और प्रो. थुस्सू जैसे विद्वान इस दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।
प्रसिद्ध शोधकर्ता और कई पुस्तकों के लेखक प्रो. थुस्सू ने मीडिया और संचार शिक्षा और अनुसंधान के मानकों को बढ़ाने के लिए कार्रवाई पर विचार-विमर्श करने के लिए प्रोफेसर अम्बरीश सक्सेना के साथ बैठक की। उन्होंने दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय में कला और डिजाइन संकाय की स्थापना में अपने ज्ञान और अनुभव रूपी सहयोग देने की भी सहमति दी।

दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय के बारे में:
दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय (एसएयू) एक अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय है जिसकी स्थापना, वित्तपोषण और रखरखाव दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) के आठ सदस्य देशों की सरकारों द्वारा किया जाता है। ये देश अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका है। एसएयू का शैक्षणिक वर्ष 2010 से संचालित है। विश्वविद्यालय अर्थशास्त्र, कम्प्यूटर विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी, अंतर्राष्ट्रीय संबंध, कानूनी अध्ययन, गणित और समाजशास्त्र सहित अध्ययन के सात क्षेत्रों में स्नातक, परास्नातक और पीएचडी कार्यक्रम प्रदान कराता है। एसएयू दक्षिण एशिया के छात्रों को शिक्षा देने का कार्य कर रहा है और इसकी डिग्री सभी आठ सार्क देशों द्वारा मान्यता प्राप्त है। विश्वविद्यालय से पढ़े लिखे छात्र देश विदेश के प्रतिष्ठित संस्थानों में रोज़गार हासिल कर अच्छे पदों पर आसीन है। विश्वविद्यालय का परिसर नई दिली स्थित मैदानगढ़ी में स्थित 100 एकड़ के हरे-भरे मैदान में स्थित है।

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