आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के अंतर्गत डेली स्कैन एंड शेयर में सीएचसी हवेली खड़गपुर राज्य में प्रथम
: डिजिटल हेल्थ इंसेंटिव स्कीम (डीएचआईएस) के अंतर्गत प्रोत्साहन राशि क्लेम करने में एसडीएच तारापुर और सीएचसी हवेली खड़गपुर राज्य में प्रथम
– बुधवार को पटना के ऊर्जा स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री ने जिला के डीपीएम को किया सम्मानित
मुंगेर-
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के अंतर्गत डेली स्कैन एंड शेयर के सीएचसी कैटेगरी में सीएचसी हवेली खड़गपुर राज्य में प्रथम स्थान पर आया है। इस आशय कि जानकारी गुरुवार को जिला के सिविल सर्जन डॉ. विनोद कुमार सिन्हा ने दी। उन्होंने बताया कि बुधवार को राजधानी पटना स्थित ऊर्जा स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के द्वारा मुंगेर कि इस उपलब्धि के लिए जिला के जिला कार्यक्रम प्रबंधक डीपीएम मो. फैजान आलम अशरफी को सम्मानित किया गया। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार से डिजिटल हेल्थ इंसेंटिव स्कीम (डीएचआईएस) के अंतर्गत प्रोत्साहन राशि क्लेम करने में एसडीएच कटेगरी में एसडीएच तारापुर और सीएचसी कटेगरी में सीएचसी हवेली खड़गपुर राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। इस अवसर पर बिहार के सभी जिलों से जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम), जिला अनुश्रवण और मूल्यांकन (डीएमएंड ई) पदाधिकारी, जिला योजना समन्वयक (डीपीसी), अस्पताल प्रबंधक (एचएम ) और प्रखंड स्तर पर कार्यरत प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक (बीएचएम ) ने हिस्सा लिया ।
जिला स्वास्थ्य समिति मुंगेर के जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) मो. फैजान आलम अशरफी ने बताया कि मुंगेर जिला अंतर्गत सीएचसी हवेली खड़गपुर में विगत जुलाई के महीने में कुल 5615 ओपीडी और 6031 स्कैन और शेयर टोकन किया गया। उन्होंने बताया कि स्कैन और शेयर के माध्यम से ओपीडी में लगने वाली भीड़ में काफी कमी आती है । इसके साथ ही मरीजों के आभा आईडी बनवाने से उनकी मेडिकल हिस्ट्री भी तैयार हो जाती है जिससे मरीजों के इलाज में काफी सहूलियत होती है। उन्होंने बताया कि राज्य के निर्देशानुसार जिला के सभी अस्पतालों सहित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर तक स्कैन और शेयर कि सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। जिला के सभी एपीएचसी और अर्बन पीएचसी पर कार्यरत चिकित्सा पदाधिकारी और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर सीएचओ इस कार्य को पूरा करेंगे। इसके साथ ही विभिन्न प्रखंडों में कार्यरत प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी और प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक को इसकी निगरानी के लिए निर्देशित किया गया है।।