सेना के हवाले करने की मांग को लेकर राजघाट पर पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा का धरना
56 दिनों से सरकार देश को भटका रही है
-सरकार के पास न तो नीति है और न नियत
नईदिल्ली-
आज प्रवासी कामगारों की समस्या को लेकर पूरा देश आहत है। 56 दिनों से लगातार प्रवासी मजदूरों का पलायन जारी है। केंद्र सरकार पुख्ता इंतजाम नहीं कर पा रही है। जिससे आज राष्ट्र निर्माता प्रवासी कामगार दर दर की ठोकरें खा रहे हैं। न जाने कितनी मौते हो चुकी है जिसका आंकड़ा सरकार के पास भी नहीं है। 56 दिनों से हर दिन केंद्र और राज्य सरकार नियम बदल रही हैं। नए नए कानून बनाकर प्रवासी कामगारों को परेशान किया जा रहा है। प्रतिदिन दुर्घटनाएं हो रही है। और सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। केंद्र सरकार को जगाने के लिए ही इस 4.0 ल़ॉकडाउन के पहले दिन पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा 18 मई 2020 को राजघाट में 11 बजे दिन से धरना पर बैठेंगे। जिससे की गूंगी सरकार को जगा सके।
यशंवत सिन्हा ने मांग की है कि प्रवासी कामगारों को घर पहुंचाने का जिम्मा सेना को दिया जाए। जब भी देश में ऐसे घरेलू विकट समस्या आया है तो सेना ही हल निकालती है। सरकार के पास न तो नीति है और नियत। सरकार केवल देश को भटकाने में लगी है।
यशवतं सिन्हा पहले भी सरकार की गलत नीतियों के प्रति देश को आगाह कर चुके हैं। अब जब समस्या सर के ऊपर से निकल रहा है। तो ऐसे समय में एक बार फिर यशंवत सिन्हा ने देश को सही मार्ग पर ले जाने का बिड़ा उठाया है। जिनके साथ पूरा देश है।