राज्य

नियमित टीकाकरण में शामिल होगी निमोनिया की वैक्सीन 

जनपद में अब निमोनिया टीका से होगा नवजात का बचाव

बलिया हॉटलाइन संबाददाता संजय कुमार तिवारी की रिपोर्ट
बलिया, 21 जुलाई, 2020
जनपद में नवजातों को अब निमोनिया से होने वाले जान के खतरे से नहीं जूझना पड़ेगा। बच्चों को निमोनिया से बचाने के लिए जनपद में यह टीका मुफ्त लगाया जाएगा। न्यूमोकोकल बैक्टीरिया से होने वाले निमोनिया और अन्य बीमारियों से बचाव के लिए पूरी तरह सुरक्षित व असरदार इस टीके को जनपद में अगले महीने आठ अगस्त को लांच किया जाएगा। यह जानकारी जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ एके मिश्रा ने दी। उन्होने बताया कि प्रदेश के 19 जिलों में नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत पीसीवी वैक्सीन पहले से दी जा रही है जबकि बलिया सहित अन्य 56 जिलों में इसकी शुरुआत की जाएगी। पीसीवी वैक्सीन पर जल्द ही वर्चुअल कार्यशाला का आयोजन किया जायेगा जिसमें राज्य स्तरीय प्रशिक्षकों, यूनिसेफ़, यूएनडीपी एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन के विशेषज्ञों द्वारा टीके से सम्बंधित विशेष जानकारी व प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने बताया कि देश में पाँच वर्ष तक की उम्र के लाखों बच्चे निमोनिया की चपेट में आकर दम तोड़ देते हैं। इसलिए सरकार के नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में अब न्यूमोकोकल कन्जुगेट वैक्सीन (पीसीवी) को भी शामिल किया जा रहा है। यह टीका बच्चों को निमोनिया, डायरिया, मेननजाइटिस तथा सेप्सिस जैसी गंभीर बिमारियों से बचाएगा। आगामी 8 अगस्त को जनपद में इसका विधिवत उद्घाटन होगा जिसमें बच्चों को पीसीवी वैक्सीन की पहली डोज़ दी जाएगी। जन्म से एक साल की उम्र तक के बच्चों को इस टीके के तीन डोज़ दिए जाने हैं। पहला टीका जन्म के छह सप्ताह पूरे होने पर लगता है और दूसरा टीका 14 सप्ताह पर लगता है। नौ महीने पर इसका बूस्टर डोज़ लगता है। इस टीके के बाद निमोनिया से होने वाली शिशु मृत्यु दर में निश्चित तौर पर कमी आएगी।
निमोनिया के लक्षण – नवजात शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सिद्धार्थ मणि दुबे ने बताया कि निमोनिया होने पर इस प्रकार के लक्षण हो सकते है :-
• निमोनिया होने पर फ्लू जैसे लक्षण महसूस होते है। यह लक्षण धीरे-धीरे या फिर तेज़ी से विकसित हो सकते है।
• निमोनिया का मुख्य लक्षण खाँसी है।
• रोगी कमज़ोर और थका हुआ महसूस करता है।
• रोगी को बुखार के साथ पसीना और कंपकपी भी हो सकती है।
• रोगी को सांस लेने में कठनाई होती है, या फिर वह तेज़ी से सांस लेने लगता है।
• सीने में दर्द होना।
• बेचैनी महसूस होना।
छोटे बच्चों में निमोनिया के लक्षण – डॉ सिद्धार्थ दुबे ने बताया कि छोटे बच्चों को बुखार के साथ पसीना एवं कपकपी होने लगती है। पसली चलने लगती है। सांस जल्दी जल्दी चलने लगती है। बहुत ज्यादा खांसी शुरू हो जाती है।
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