स्वास्थ्य

प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान • जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में शिविर आयोजित कर गर्भवतियों की हुई प्रसव पूर्व जाँच

– सुरक्षित और सामान्य प्रसव के लिए हर गर्भवती को प्रसव पूर्व जाँच कराना बेहद जरूरी
– अधिकाधिक गर्भवती की जाँच सुनिश्चित कराने पर दिया गया बल

लखीसराय, 11 अक्टूबर-

हर माह पूर्व से निर्धारित तिथि के अनुसार 09 तारीख को आयोजित होने वाले प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत प्रसव पूर्व (एएनसी) जाँच शिविर का आयोजन राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देशानुसार इस माह 09 को सामान्य अवकाश (हजरत मो. साहब का जन्म दिवस) एवं 10 तारीख को रविवार साप्ताहिक अवकाश के कारण 11 अक्टूबर को किया गया। जिसके तहत जिले के सभी पीएचसी, सीएचसी, रेफरल एवं अनुमंडलीय व जिला अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व (एएनसी) जाँच की गई। जिसमें गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य जाँच की गई और जाँच के पश्चात आवश्यक चिकित्सा परामर्श भी दिया गया । जाँच के दौरान रहन-सहन, साफ-सफाई, खान-पान, गर्भावस्था के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों समेत अन्य आवश्यक चिकित्सा परामर्श विस्तार पूर्वक दिया गया। ताकि सुरक्षित और सामान्य प्रसव को बढ़ावा मिल सके और मातृ-शिशु मृत्यु दर पर विराम सुनिश्चित हो सके। वहीं, शिविर के सफल संचालन को लेकर अधिकाधिक गर्भवती की एएनसी जाँच सुनिश्चित कराने पर बल दिया गया।
– सुरक्षित और सामान्य प्रसव के लिए हर गर्भवती को प्रसव पूर्व जाँच कराना बेहद जरूरी :
सिविल सर्जन डाॅ देवेन्द्र कुमार चौधरी ने बताया, सुरक्षित और सामान्य प्रसव के लिए हर गर्भवती महिला को प्रसव जाँच कराना बेहद जरूरी है। इससे ना सिर्फ सुरक्षित और सामान्य प्रसव को बढ़ावा मिलेगा बल्कि इससे मातृ-शिशु मृत्यु दर में भी कमी आएगी ।जाँच करने में संबंधित लाभार्थियों को किसी प्रकार की कोई असुविधा नहीं हो, इसके मद्देनजर सरकार द्वारा मुफ्त जाँच की व्यवस्था की गई। जिसे सुनिश्चित करने को लेकर माह में दो दिन, 09 और 21 तारीख को जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत शिविर आयोजित कर गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जाँच की जाती है।

– गर्भवती महिलाओं की हुई समुचित जाँच :
आयोजित शिविर में सुरक्षित और सामान्य प्रसव को बढ़ावा देने के लिए गर्भवती महिलाओं की समुचित स्वास्थ्य जाँच की गई। जिसमें मेडिकल टीम द्वारा गर्भवती महिलाओं की एचआईवी, ब्लड ग्रुप, बीपी, हार्ट-बीट जांच एवं अल्ट्रा साउंड किया गया । जाँच के बाद यदि किसी गर्भवती महिला में हाई -रिस्क प्रेग्नेंसी के साथ खून की कमी पाया जाती है तो उसकी सूची बनाकर लगातार मेडिकल टीम द्वारा निगरानी की जाती एवं उचित प्रबंधन के साथ आवश्यक निर्देश दिया जाता है। ताकि प्रसव के समय की जटिलताओं को दूर किया जा सके . । इसके साथ परिवार नियोजन के स्थाई एवं अस्थाई तरीके बारे में भी जागरूक किया गया ।

– क्यों जरूरी है प्रसव पूर्व जाँच :
सुरक्षित और सामान्य प्रसव को बढ़ावा देने के लिए गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व जाँच कराना जरूरी है। क्योंकि, प्रसव जाँच से गर्भवती महिला और गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य और जटिलताओं की सही जानकारी मिलती है। समय पर जटिलताओं की जानकारी मिलने पर उसे आसानी से दूर किया जा सकताऔर गर्भावस्था से लेकर प्रसव अवधि तक किसी प्रकार की परेशानी की संभावना नहीं के बराबर रहती है।

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