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आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषण माह के तहत मनाया गया गोदभराई उत्सव 

  -गर्भवती और धातृ माताओं को दी गई उचित पोषण की जानकारी 
– जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर गोदभराई उत्सव का आयोजन 

शेखपुरा, 07 सितंबर।

जिले में चल रहे पोषण माह के तहत बुधवार को  सभी प्रखंडों में संचालित आंगनबाड़ी  केंद्रों पर धूमधाम के साथ गोदभराई उत्सव मनाया गया। इस  दौरान लाभार्थियों को पोषण से संबंधित विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई एवं स्वस्थ समाज निर्माण को लेकर जागरूक किया गया। मंगल गीतों से कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया और गर्भवती महिला को उपहार स्वरूप पोषण की पोटली दी गई है। जिसमें गुड़, चना, हरी पत्तेदार सब्जियां, आयरन की गोली, पोषाहार व फल आदि शामिल थे।  गर्भवती महिलाओं को चुनरी ओढ़ाकर और टीका लगाकर गोदभराई रस्म पूरी की गई। सभी महिलाओं को अच्छी  सेहत के लिए पोषण की आवश्यकता व महत्व के बारे में जानकारी दी गई।

– सुरक्षित और सामान्य प्रसव के लिए उचित पोषण बेहद जरूरी :
आईसीडीएस की  महिला पर्यवेक्षिका आभा कुमारी ने बताया, गोदभराई रस्म में सेविकाओं द्वारा गर्भवती महिलाओं के सम्मान में उसे चुनरी ओढ़ाकर और तिलक लगा कर उनके गर्भस्थ शिशु की बेहतर स्वास्थ्य की कामना की गई। साथ ही गर्भवतियों की गोद में पोषण संबंधी पौष्टिक आहार फल सेव, संतरा, बेदाना, दूध, अंडा, डाल  सेवन करने का तरीका बताया गया।  वहीं  गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को आयरन की गोली खाने की सलाह दी गई। उन्हें  बताया गया कि गर्भवती महिला कुछ सावधानी और समय से पौष्टिक आहार का सेवन करें तो बिना किसी अड़चन के स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती हैं। वहीं, उन्होंने बताया, सुरक्षित और सामान्य प्रसव के लिए उचित पोषण बेहद जरूरी है। 

– नियमित और कोविड टीकाकरण को लेकर लाभार्थियों को किया गया जागरूक : 
पिरामल फाउंडेशन के डीपीएल सेराज हसन ने बताया, गोदभराई उत्सव कार्यक्रम के दौरान मौजूद लाभार्थियों को नियमित टीकाकरण कराने को लेकर भी जागरूक किया गया। उन्हें  नियमित टीकाकरण के महत्व एवं होने वाले फायदे की जानकारी भी दी गई। साथ ही कोविड से सुरक्षा के मद्देनजर वैक्सीनेशन कराने को लेकर भी जागरूक किया गया। इसके अलावा मौजूद लाभार्थियों को बताया गया कि शिशु के जन्म के एक घंटे के भीतर मां का गाढ़ा-पीला दूध बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। अगले छह माह तक केवल माँ का दूध बच्चे को कई गंभीर रोगों से सुरक्षित रखता है। 6 माह के बाद बच्चे का शारीरिक एवं मानसिक विकास काफी तेजी से होता है। इस दौरान स्तनपान के साथ ऊपरी आहार की काफी जरूरत होती है। घर का बना मसला व गाढ़ा भोजन ऊपरी आहार की शुरुआत के लिए जरूरी होता है। सामान्य प्रसव के लिए गर्भधारण होने के साथ ही महिलाओं को चिकित्सकों से जाँच करानी  चाहिए और चिकित्सा परामर्श का पालन करना चाहिए, आदि की जानकारी दी गई।

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