स्वास्थ्य

मलेरिया से बचने के लिए मच्छर से करते रहें अपना बचाव

-बारिश के मौसम में मलेरिया होने का रहता है खतरा
-घर में मच्छर मारने वाली दवाओं का करते रहें छिड़काव

भागलपुर, 27 जुलाई-
 
अभी बारिश का मौसम चल रहा है। ऐसे मौसम में मलेरिया को लेकर सावधान रहने की जरूरत है। इस मौसम में जलजमाव की समस्या आम है और इस कारण मच्छर भी पनपते हैं। मच्छर जब पनपते हैं तो उसमें मलेरिया के भी होते हैं जिससे लोगों को खतरा बना रहता है। मलेरिया के मच्छर शाम से रात के दौरान काटते हैं। इस दौरान बचाव के तरीके इस्तेमाल में लाने की जरूरत है। मच्छरों के छिपने की जगहों जैसे कि बिस्तर के नीचे, अलमारी के पीछे मच्छर मारने वाली दवाओं का छिड़काव करना चाहिए। 
प्रभारी जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ. दीनानाथ कहते हैं कि मलेरिया प्लाजमोडियम नामक परजीवी से संक्रमित मादा एनोफिलिज मच्छर के काटने से होता है। मलेरिया एक प्रकार का बुखार है जो किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है। इसमें कपकपी के साथ 103 से लेकर 105 डिग्री तक बुखार होता है। कुछ घंटों के बाद पसीने के साथ बुखार उतर जाता है, लेकिन बुखार आते-जाते रहता है। उन्होंने कहा कि फेलसीपेरम मलेरिया (दिमारी मलेरिया) की अवस्था में तेज बुखार होता है। खून की कमी हो जाती है। बुखार दिमाग पर चढ़ जाता है। फेफड़े में सूजन हो जाती है। पीलिया एवं गुर्दे की खराबी फेलसीपेरम मलेरिया की मुख्य पहचान है।
सोते समय मच्छरदानी का करें प्रयोगः डॉ. दीनानाथ ने मलेरिया से बचने की सलाह देते हुए कहा कि पूरे बदन को ढकने वाले कपड़े पहनें। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। घर के आसपास जलजमाव वाली जगहों को मिट्टी से भर दें। जलजमाव वाले स्थान पर केरोसिन तेल या डीजल डालें। घर के आसपास  बहने वाली नाले की साफ-सफाई करते रहें। उन्होंने कहा कि मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में सरकार की तरफ से डीडीटी का छिड़काव कराया जाता है। छिड़काव कर्मियों के आने पर उनका सहयोग करें और छिड़काव की तिथि की जानकारी ग्रामीणों को दें। मच्छरों से बचने के लिए घर के दरवाजों और खिड़कियों में लोहे की जाली लगवानी चाहिए। ज्यादातर पहनावे के लिए फुलपैंट और फुल स्लीव का इस्तेमाल करें, ताकि आपका शरीर पूरी तरह ढका रहे तथा मच्छर नहीं काट सके। जहां आप रहते हैं वहां आसपास हमेशा सफाई रखें। दूसरों को भी इसके लिए प्रोत्साहित करें और इसकी जरूरत समझाएं। पानी न जमा होने दें, क्योंकि मच्छर पानी में ही अंडे देते हैं। अपने घर के कूलर की टंकी, आसपास के गड्ढों में पानी जमा तो नहीं हो रहा इस पर नजर रखें और खाली करते रहें। अपने घर की ऐसी जगहों पर मच्छर वाले स्प्रे जरूर डालें जो अंधियारी या फिर अक्सर आड़ में बनी रहती हों। जब स्प्रे डालें अपने मुंह पर कपड़ा बांध लें। 
सरकारी अस्पतालों में जांच और इलाज की मुफ्त व्यवस्थाः  वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी रविकांत ने बताया कि मलेरिया बुखार होने पर पीड़ित व्यक्ति को नजदीकी  सरकारी अस्पताल जाना चाहिए। खून की जांच में मलेरिया निकलने पर डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवा लेनी चाहिए। सरकारी अस्पतालों में इसकी निःशुल्क जांच और इलाज की व्यवस्था है। मलेरिया फैलाने वाला मच्छर किसी स्थान पर ठहरे हुए साफ पानी और धीमी गति से बहने वाली नालियों में अंडे देता और वहां पर पनपता है।

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