स्वास्थ्य

दस्त से होनेवाली शिशु मृत्यु दर को शून्य स्तर तक लाने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष सघन दस्त पखवाड़ा का आयोजन होता  : सिविल सर्जन

 

ओआरएस घोल और जिंक टैबलट के बावजूद भी  बच्चा ठीक नहीं हुआ तो ले जाएं नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र : डीपीएम

– सघन दस्त पखवाड़ा में उम्र के अनुसार बच्चों को दी जाने वाली ओआरएस और जिंक टैबलेट की तय की गई है खुराक : डीसीएम 

मुंगेर, 15 जुलाई-

दस्त से होने वाली  शिशु मृत्यु को शून्य स्तर तक लाने के उद्देश्य से प्रति वर्ष सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष 15 से 30 जुलाई तक जिला भर में सघन दस्त पखवाड़ा मनाया जा रहा है। उक्त बातें शुक्रवार को सदर अस्पताल परिसर में आयोजित सघन दस्त पखवाड़ा का उद्घाटन  करते हुए सिविल सर्जन डॉ. पीएम सहाय ने कही। उन्होंने बताया कि पूरे पखवाड़ा के दौरान कोरोना महामारी के सुरक्षात्मक उपायों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा ताकि कोरोना वायरस के संक्रमण से खुद के साथ-साथ अपने नौनिहालों का भी बचाव किया जा सके। इस अवसर पर जिला स्वास्थ्य समिति के जिला कार्यक्रम प्रबंधक नसीम रजि, जिला सामुदायिक उत्प्रेरक निखिल राज सहित सदर अस्पताल के कई अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे। 

ओआरएस घोल और जिंक टैबलेट देने के बावजूद भी यदि बच्चा ठीक नहीं हुआ तो तुरंत नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाएं : डीपीएम 
ज़िला स्वास्थ्य समिति के जिला कार्यक्रम प्रबंधक नसीम रजि ने बताया कि ओआरएस का घोल और जिंक टैबलेट का उपयोग दस्त होने के दौरान बच्चों को अनिवार्य रूप से कराया जाएगा। हालांकि दस्त बंद हो जाने के बावजूद जिंक की खुराक 2 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को उम्र के अनुसार 14 दिनों तक जारी रखी  जाए। जिंक और ओआरएस के उपयोग के बावजूद भी यदि दस्त ठीक नहीं हो रहा है तो जल्द ही अपने बच्चे को नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र पर लेकर जाएं। दस्त के दौरान और दस्त के बाद भी नौनिहालों को आयु के अनुसार स्तनपान, ऊपरी आहार एवं भोजन जारी रखना चाहिए। 

उन्होंने बताया कि पखवाड़ा के दौरान आशा कार्यकर्ता और एएनएम के द्वारा उम्र के अनुसार शिशु पोषण से संबंधित परामर्श देने के साथ ही पीने के लिए साफ एवं सुरक्षित पेयजल का उपयोग करने, खाना बनाने एवं खाना खाने से पूर्व और बच्चे का मल व मूत्र की सफ़ाई करने के बाद साबुन या हैंड सेनिटाइजर से रगड़-रगड़कर हाथ धोने के लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा। इससे शरीर के अंदर किसी भी तरह की बैक्टीरिया  प्रवेश नहीं कर पायेगी। यहां सबसे अहम बात यह है कि डायरिया होने पर ओआरएस और जिंक का उपयोग करने से बच्चों में तीव्र गति से सुधार होता है। उन्होंने बताया कि सघन दस्त पखवाड़ा कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पूरे अभियान की  सतत निगरानी एवं अनुश्रवण करने के लिए वरीय अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है।  पखवाड़े के दौरान कुछ विशेष क्षेत्रों में विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा। इन स्थानों में पर्याप्त सफाई व्यवस्था के अभाव वाले इलाकों के अलावा शहरी क्षेत्रों के झुग्गी- झोपड़ी, कठिन पहुंच वाले क्षेत्र, बाढ़ प्रभावित क्षेत्र, निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के परिवार, ईंट भट्टे वाले क्षेत्र, अनाथालय तथा ऐसा चिह्नित क्षेत्र जहां दो- तीन वर्ष पूर्व तक दस्त के मामले अधिक संख्या में पाये गये हों वहां इस अभियान को वृहद रूप से चलाया जाएगा। इसके साथ ही पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों के घरों में प्रति बच्चा एक-एक ओआरएस पैकेट का वितरण किया जाएगा।  

 उम्र के अनुसार बच्चों के लिए   ओआरएस और जिंक टैबलेट की  तय की गई है खुराक : डीसीएम 

जिला स्वास्थ्य समिति मुंगेर के जिला सामुदायिक उत्प्रेरक निखिल राज ने बताया कि इंटेंसीफाइड डायरिया कंट्रोल फोर्टनाइट के दौरान उम्र के अनुसार बच्चों के लिए ओआरएस और जिंक टैबलेट की खुराक तय की गई है। 
दस्त के दौरान ओआरएस घोल की  खुराक : 
2 माह से कम आयु के बच्चे – पांच चम्मच ओआरएस प्रत्येक घोल के अनुसार । 
2 माह से 2 वर्ष तक के बच्चे – 1/4 ग्लास पानी में 1/2 ग्लास प्रत्येक दस्त के बाद । 
2 से 5 वर्ष तक के बच्चे – 1/2 ग्लास पानी में 1ग्लास प्रत्येक दस्त के बाद । 
जिंक की  खुराक : 
2 से 6 माह तक – साफ चम्मच में जिंक की आधी गोली मां के दूध में अच्छी तरह घुलाकर पिलाएं (10) एमजी । 
6 माह से 5 साल तक – साफ चम्मच में जिंक की  एक गोली पीने के पानी में अच्छी तरह घोलकर पिलाएं। (20 एमजी)
ओआरएस और जिंक टैबलेट सभी निकटतम स्वास्थ्य केंद्रों पर निःशुल्क उपलब्ध है। आशा कार्यकर्ता अपने-अपने क्षेत्रों में भ्रमण कर पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों के घरों में प्रति बच्चा एक-एक ओआरएस घोल का पैकेट का वितरण करेगी और परिवार के सदस्यों के समक्ष ओआरएस घोल बनाने और उपयोग की विधि , इससे होने वाले लाभ और साफ-सफाई के महत्व के बारे में जागरूक करेगी।

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