Uncategorized

कृषि पोषण पर आयोजित तीन दिवसीय राज्य स्तरीय वेबिनार का हुआ समापन

• आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सीखे पोषण वाटिका निर्माण के गुर
• पोषण वाटिका के प्रति सामाजिक जागरूकता पर दिया गया बल
• पोषण वाटिका निर्माण के तकनीकी पहलुओं पर हुयी चर्चा
• पोषण के महत्व के साथ आहार विविधिता पर भी दी गयी जानकारी
 बांका/ 19, अगस्त: आहार विविधता को बढ़ावा देकर दैनिक भोजन की थाली में सूक्ष्म पोषक तत्वों का समावेश करना कुपोषण को कम करने में कारगर साबित होगी। इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए पोषण वाटिका की स्थापना की दिशा में आईसीडीएस,समाज कल्याण विभाग के द्वारा पहल की जा रही है। पोषण वाटिका की संकल्पना की समझ विकसित करने हेतु बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर, भागलपुर के साथ आईसीडीएस निदेशालय के द्वारा आंगनवाड़ी सेविका आयोजित एवं पदाधिकारी के लिए तीन दिवसीय वेबिनार का समापन हुआ। इस तीन दिवसीय वेबिनार में पोषण वाटिका के निर्माण, संचालन एवं उसके तकनीकी पहलुओं की जानकारी के साथ खाध्य विवधता के महत्व एवं पोषक तत्व के बारे में भी विस्तृत रूप वैज्ञानिकों के द्वारा जानकारी दी गई।
घर एवं आस-पास में भी पोषण वाटिका का हो निर्माण:
समापन समारोह में निदेशक-आईसीडीएस आलोक कुमार  के द्वारा सैद्धांतिक प्रशिक्षण के बाद व्यवहारिक प्रशिक्षण आयोजन किए जाने पर विचार किया गया।  उन्होंने कहा इस तीन दिवसीय सेमिनार के उपरांत आंगनवाड़ी सेविका सर्वप्रथम अपने घर व अपने आस-पास विज्ञान केंद्र के सहयोग से वाटिका के निर्माण की निर्माण किए जाने की जरूरत है, ताकि उनके और उनके परिवार के लिए ऑर्गेनिक एवं ताजे फल सब्जियों की कमी दूर हो व परिवार स्वस्थ रह सके. आंगनबाड़ी सेविका स्वयं इसके महत्व से अवगत होने के बाद ही समाज में भी इसके महत्व के बारे में सभी को बता पाएगी। उन्होंने कहा यह प्रशिक्षण सिर्फ आंगनवाड़ी केंद्र के लाभार्थी के लिए ही नहीं बल्कि आंगनवाड़ी के सेविका के स्वयं अपने परिवार को पोषण युक्त आहार उपलब्ध की कमी भी दूर कर सकेगी. इसके लिए वे पोषित समाज के निर्माण का कार्य सर्वप्रथम अपने घर से ही शुरू कर सकती हैं।
‘अपनी क्यारी, अपनी थाली’ के सपने को करना है साकार:
डॉ. आर. के. सुहाने, प्रसार शिक्षा, बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर ने समापन सम्बोधन मे कहा कि राज्य में पोषण वाटिका के निर्माण हेतु आईसीडीएस निदेशालय, समाज कल्याण विभाग के साथ मिलकर कार्य योजना तैयार करेगी एवं क्रमवार  निर्माण की दिशा में आवश्यक तकनीकी सहयोग प्रदान करेगी।  उन्होंने कहा माननीय मुख्यमंत्री जी का भी यह आह्वान है कि देश के प्रत्येक थाली में बिहार का एक वयंजन हो, इस कार्य में पोषण वाटिका का निर्माण “अपनी क्यारी अपनी थाली” एक समेकित सफल प्रयास साबित होगी।
श्वेता सहाय नोडल पदाधिकारी पोषण अभियान के द्वारा तीन दिवसीय कृषि पोषण पर सेमिनार एवं आंगनबाड़ी सेविकाओं को कृषि पोषण पर जागरूकता के लिए यह कार्यक्रम एक सफल प्रयास बताया गया।  उनके द्वारा सभी संबंधित पदाधिकारी एवं आयोजन समिति को धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
डॉक्टर कुमारी शरदा वरीय वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र, बाढ़, पटना के द्वारा आयोजन सचिव के तौर पर आयोजन समिति के सभी सदस्य को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कार्यक्रम का समापन किया गया।
कार्यक्रम में डॉ सीमा कुमारी, डॉ मृणाल वर्मा ,डॉ ज्योति कुमारी, डॉ अभिषेक कुमार, डॉ मनोज कुमार, ईश्वर चंद्र एवं आईसीडीएस निदेशालय व बिहार कृषि विश्वविद्यालय का काफी सहयोग रहा।
Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button