स्वास्थ्य

भागलपुर जिले के सभी प्रखंडों में नियंत्रण में है कालाजारः सिविल सर्जन

-डब्ल्यूएचओ ने कालाजार उन्मूलन पर कार्यशाला का किया आयोजन
-जिले के अस्पतालों के प्रभारी और बीसीएम वर्कशॉप में हुए शामिल

भागलपुर, 14 सितंबर-

कालाजार नियंत्रण को लेकर बुधवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ओर से शहर के एक होटल में कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा ने दीप जलाकर किया। इस अवसर पर जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दीनानाथ , डब्ल्यूएचओ के राज्य समन्वयक डॉ. राजेश पांडेय, जोनल कोऑर्डिनेटर डॉ. एजिलारसन, डॉ. सोमल्या घोष, जिला वेक्टर जनित रोग सलाहकार रविकांत और केयर इंडिया के डीपीओ मानस नायक मौजूद थे। इस दौरान मेडिकल कॉलेज और सभी प्रखंडों के चिकित्सा पदाधिकारी, स्टाफ नर्स, बीसीएम और कालाजार कर्मी उपस्थित थे। कार्यशाला में कालाजार और पीकेडीएल रोगियों की पहचान और उसके उपचार के बारे में विस्तृत जानकारी डब्ल्यूएचओ के डॉ. राजेश पांडेय और डॉ. एजिलारसन ने दी। साथ ही इसकी रोकथाम और इसके उपायों पर भी चर्चा की गई।
वर्कशॉप का उद्घाटन करने के बाद सिविल सर्जन डॉ. उमेश कुमार शर्मा ने कहा कि जिले के सभी प्रखंड में कालाजार नियंत्रण में है। इसे कायम रखने के लिए और मेहनत करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कालाजार उन्मूलन को लेकर लगातार काम हो रहे हैं। अभी भी सिंथेटिक पायराथायराइड का छिड़काव चल रहा है। पांच सितंबर को शुरू हुए छिड़काव का काम 60 दिनों तक चलेगा। क्षेत्र में छिड़काव सही तरीके से हो, इस पर अस्पतालों के प्रभारी और बीएचएम निगरानी रखें। जागरूक रहें। साल में दो बार आशा कार्यकर्ता के जरिये कालाजार के मरीजों की खोज होती है। साथ ही दो बार छिड़कावकर्मियों द्वारा भी कालाजार के मरीजों की खोज होती है। खोज में अगर कालाजार के मरीज मिलते हैं तो उसका सही तरीके से उपचार सुनिश्चित करें। साथ ही सिविल सर्जन ने कहा कि वर्कशॉप के दौरान जो भी बारीकियां आपलोग सीखेंगे, उस पर अमल करें। कालाजार उन्मूलन को लेकर आपलोग अपना काम जारी रखें।
छिड़काव कार्य पर नजर रखें प्रभारी और बीएचएमः जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दीनानाथ ने कहा कि कालाजार उन्मूलन को लेकर लगातार प्रयास हो रहे हैं। यह अच्छी बात है कि कालाजार को लेकर डब्ल्यूएचओ वर्कशॉप का आयोजन कर रहा है। इसमें सीखी गई बातों पर सभी अस्पतालों के प्रभारी और बीएचएम अमल तो करेंगे ही, साथ ही अभी जो जिले के 14 प्रखंडों के प्रभावित गांवों में सिंथेटिक पायराथायराइय का छिड़काव चल रहा है, उस पर भी नजर रखें। इस बात पर ध्यान दें कि प्रभावित प्रखंडों के प्रभावित गांवों का एक भी घर छूट नहीं जाए। घरों में ठीक तरीके से छिड़काव हो, इस बात को सुनिश्चित करें।
भागलपुर कालाजार उन्मूलन के मापदंड पर खराः वर्कशॉप को संबोधित करते हुए डब्ल्यूएचओ के डॉ. राजेश पांडेय ने कहा कि कालाजार उन्मूलन को लेकर लगातार कार्य हो रहे हैं। यह अच्छी बात है कि भागलपुर कालाजार उन्मूलन के मापदंड पर खरा है। प्रति 10 हजार की आबादी पर एक केस से कम होने पर जिले को कालाजार उन्मूलन वाला जिला माना जाता है। भागलपुर इस श्रेणी में आता है। इसे बरकरार रखने की जरूरत है। इस काम में आपलोग सहयोग करें। कालाजार उन्मूलन को लेकर जो भी कार्यक्रम चलते हैं, उसे ठीक से संचालित करवाने का काम करें। साथ ही बालूमक्खी जहां पर पनपती है, वैसी जगहों को बनने से रोकने के लिए लोगों को जागरूक करें। आमतौर पर नमी और अंधेरे वाले क्षेत्रों में बालूमक्खी पनपती है। ऐसी जगहों पर छिड़काव का काम सही तरीके से करवाएं। छिड़काव जिस समय नहीं हो रहा हो, उस समय वैसी जगहों पर केरोसिन डालने के लिए लोगों को जागरूक करें।

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