राज्य

युवाओं ने संभाली कमान, गांव को कराया कोरोना मुक्त

– खरीक प्रखंड के तेलघी गांव के लोगों ने जागरूकता अभियान चलाकर कोरोना से पाई मुक्ति
– कोरोना मरीजों के निकलने का सिलसिला शुरू हुआ तो 17 तक पहुंच गया, आज गांव हो गया मुक्त

भागलपुर, 9 दिसंबर
खरीक प्रखंड के तेलघी गांव की गिनती इलाके के संपन्न गांवों में होती है. गांव के लोग काफी शिक्षित और खुशहाल हैं. लेकिन कोरोना काल में ना जाने किसकी नजर लग गई. गांव से एक-एक कर 17 मरीज निकल गए. पूरे गांव को कंटेनमेंट जोन में तब्दील कर दिया गया. लोगों का बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया. इस विपरीत परिस्थिति में गांव के लोगों को समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर क्या करें. संक्रमण का डर अलग से, ऊपर से एक-एक कर मरीजों की बढ़ती संख्या. आखिरकार गांव के युवाओं ने कमान संभाली और उन्हें बुजुर्गों का साथ मिला. इसका परिणाम है कि पिछले 3 महीने से गांव में कोरोना के एक भी मरीज नहीं निकले हैं और आज गाँव कोरोना मुक्त है.


पहले खौफ में जीते थे अब है खुशी का माहौल: गांव की मुखिया शांति देवी कहती हैं कि अप्रैल और मई के महीने में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या से गाँव के लोग काफी परेशान हो गए थे. डरने लगे थे, खौफ में थे. लेकिन उनके गांव के युवाओं ने कमर कसी और इसका सुखद परिणाम निकला. आज ना सिर्फ गांव कोरोना मुक्त हो गया है, बल्कि लोग इसे लेकर जागरूक भी हो गए हैं. अब गांव से कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के बाहर नहीं निकलते हैं और सामाजिक दूरी का भी पालन करते हैं. लोगों में अब खुशी का माहौल है.

गांव के लोग कर रहे हैं सामाजिक दूरी का पालन: जागरूकता अभियान में बढ़-चढ़कर अपनी हिस्सेदारी निभाने वाले धीरज राय कहते हैं कि जब उनके गांव में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती गई तो उन लोगों ने सोचा कि जब इस बीमारी की कोई दवा नहीं है और जागरूकता से ही बचाव हो सकता है तो क्यों नहीं लोगों को जागरूक किया जाए. कुछ युवाओं से मिलकर एक टोली बनाकर गांव के अलग-अलग हिस्से में घूमकर लोगों से हर 2 घंटे के अंतराल पर 20 सेकंड तक हाथ धोने की अपील की. बिना मास्क के बाहर निकले लोगों को मास्क देना शुरू किया और सामाजिक दूरी का पालन करने की सख्त हिदायत दी. इसका असर हुआ. अब लोग गांव में सामाजिक दूरी का पालन करते हुए आपको दिखेंगे.

ग्रामीणों ने दिखाई समझदारी: वहीं गाँव के निवासी दिलीप कुमार का कहना है कि गांव के लोग शिक्षित हैं. इस वजह से हमलोगों को अपना काम करने में आसानी हुई. लोग समझदार थे इसलिए जल्दी मान गए. बहुत जगह ऐसा देखा जाता है कि लोग अपनी जिद पर अड़ जाते हैं कि हम कुछ भी करें आपको उससे क्या मतलब, लेकिन उनके गांव में ऐसा नहीं हुआ. जिन लोगों को जो भी समझाया उन्होंने उसका पालन किया और परिणाम आज सबके सामने है.

युवाओं ने अपनी चिंता किए बगैर जिम्मेदारी निभाई: पूर्व मुखिया अंजनी सिंह कहते हैं कि किसी भी समस्या से सामूहिक तौर पर निपटने की तेलघी गांव की पुरानी परंपरा है. आज के समय में भी उनके गांव के युवाओं ने इसे कायम रखा. वह बताते हैं,उन्हें खुशी है कि गाँव के बच्चों ने वह काम कर दिखाया, जिसे बड़े-बड़े लोग नहीं कर पाए. हगांव के युवाओं ने अपनी चिंता किए बगैर लोगों को इस मुश्किल से निकाला है. जिस तरीके से गांव में युवावर्ग के लोग सक्रिय हैं. उन्हें लगता है कि यहां पर कोरोना का अब कोई असर नहीं होने वाला है.

कोविड 19 के दौर में रखें इसका भी ख्याल:
• व्यक्तिगत स्वच्छता और 6 फीट की शारीरिक दूरी बनाए रखें.
• बार-बार हाथ धोने की आदत डालें.
• साबुन और पानी से हाथ धोएं या अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें.
• छींकते और खांसते समय अपनी नाक और मुंह को रूमाल या टिशू से ढंके.
• उपयोग किए गए टिशू को उपयोग के तुरंत बाद बंद डिब्बे में फेंके.
• घर से निकलते समय मास्क का इस्तेमाल जरूर करें.
• बातचीत के दौरान फ्लू जैसे लक्षण वाले व्यक्तियों से कम से कम 6 फीट की दूरी बनाए रखें.
• आंख, नाक एवं मुंह को छूने से बचें.
• मास्क को बार-बार छूने से बचें एवं मास्क को मुँह से हटाकर चेहरे के ऊपर-नीचे न करें
• किसी बाहरी व्यक्ति से मिलने या बात-चीत करने के दौरान यह जरूर सुनिश्चित करें कि दोनों मास्क पहने हों
• कहीं नयी जगह जाने पर सतहों या किसी चीज को छूने से परहेज करें
• बाहर से घर लौटने पर हाथों के साथ शरीर के खुले अंगों को साबुन एवं पानी से अच्छी तरह साफ करें

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