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भारत के महामहिम उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू द्वारा लेखकः अच्युत सामंत द्वारा अंग्रेजी में लिखित पुस्तक -नीलिमारानीःमाई मदर,माई हीरो भुवनेश्वर राजभवन में लोकार्पित

-हमें अपनी मां,मातृभूमि तथा मातृभाषा को कभी नहीं भूलना चाहिए-एम. वेंकैया नायडू, उपराष्ट्रपति

भुवनेश्वर-

भुवनेश्वर राजभवन में आयोजित पुस्तक लोकार्पण समारोह के सम्मानित अतिथि ओडिशा के मान्यवर राज्यपाल प्रोफेसर गणेशीलाल की गरिमामयी उपस्थिति में लेखकः अच्युत सामंत द्वारा अंग्रेजी में लिखित पुस्तक -नीलिमारानीःमाई मदर,माई हीरो का लोकार्पण मुख्यअतिथि भारत के उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू द्वारा हुआ। वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव को ध्यान में रखकर यह आयोजन भुवनेश्वर राजभवन में रखा गया था। अपने संबोधन में मुख्यअतिथि उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने बताया कि उन्होंने अनेक आत्मकथाएं पढीं हैं लेकिन अपनी मां की आत्मकथा वे पहली बार लेखक प्रोफेसर अच्युत सामंत का देख रहे हैं। लोकार्पित पुस्तक नारीजाति के लिए प्रेरणा है। हमें अपनी मां,मातृभूमि तथा मातृभाषा को कभी नहीं भूलना चाहिए। सम्मानित अतिथि ओडिशा के मान्यवर राज्यपाल प्रोफेसर गणेशीलाल ने अपने संबोधन में यह कहा कि हमें केवल मानवता की सेवा ही नहीं करनी चाहिए अपितु मानवता की पूजा भी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि डा सामंत की अंग्रेजी में लिखी पुस्तक नीलिमारानीःमाई मदर,माई हीरो को आद्योपांत पढकर मुझे ठक्कर बापा की याद आती है।लेखकः अच्युत सामंत ने मुख्यअतिथि उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू तथा सम्मानित अतिथि ओडिशा के मान्यवर राज्यपाल प्रोफेसर गणेशीलाल के प्रति हृदय से आभारी हैं जिन्होंने उनकी पुस्तक को आज लोकार्पितकर उनको प्रोत्साहित किया है। उन्होंने पुस्तक प्रकाशन के पीछे प्रेरणा को स्पष्ट करते हुए यह बताया कि संतान चाहे अमीर हो अथवा गरीब,प्रत्येक संतान के जीवन में उसकी अपनी मां का विशेष महत्त्व होता है।

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