स्वास्थ्य

डॉ. हर्षवर्धन ने “वायरस का पीछा करते हुए: कोविड-19 महामारी के लिए एक सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया” शीर्षक से दस्तावेज़ जारी किया

"दस्तावेज़ पर प्रकाश डाला गया है कि कैसे वैश्विक स्तर की यह महामारी अवसर में परिवर्तित हो गई" "महामारी के खिलाफ हमारी लड़ाई से सबसे बड़ा सबक यह है कि इससे हमारे आत्मविश्वास में बडी वृद्धि हुई है"

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने भारत में कोविड-19 महामारी के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की व्यापक प्रतिक्रिया जारी करने पर अपार प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “यह हम सभी के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। 30 जनवरी को, हमारे देश में पहले रोगी की पुष्टि हुई थी और आज 1 साल और 2 महीने के बाद, हमने 1.2 करोड़ से अधिक कोविड 19 मामलों का पीछा किया है। लेकिन ये ऐसे मामले हैं जिनका हमने पीछा किया है। कई अन्य मामले भी हो सकते हैं जो हमारे रिकॉर्ड में नहीं हैं। लेकिन खुशी की बात यह है कि 1.2 करोड़ मामलों में से 1.13 करोड़ लोग ठीक हो चुके हैं। ”

उन्होंने आगे बताया कि कैसे वैश्विक स्तर की इस अभूतपूर्व महामारी को एक असाधारण अवसर में बदल दिया गया। उन्होंने कहा, “महामारी के शुरुआती दिनों में जिन बाधाओं का सामना किया गया था, उनका समाधान किया गया। हम शुरू में पीपीई किट आयात करते थे। अब, हम न केवल भारत के लिए पर्याप्त किट का निर्माण करते हैं, बल्कि हम उन्हें अन्य देशों में निर्यात कर रहे हैं। जनवरी 2020 में सिर्फ 1 से शुरू हुई कोविड प्रयोगशालाओं का विस्तार अब देश भर में 2433 तक पहुंच गया है। हम कई देशों को टीके भी निर्यात कर रहे हैं।” उन्होने कहा कि महामारी के खिलाफ हमारी लड़ाई से सबसे बड़ा सबक यह है कि इससे हमारे आत्मविश्वास में बड़ी वृद्धि हुई है। देश हमारे रास्ते में आने वाली किसी भी विपरीत परिस्थिति और चुनौतियों से लड़ सकता है। हमने कई देशों से बेहतर प्रदर्शन किया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने महामारी की प्रतिक्रिया के इस वृतांत को प्रकाशित करने की आवश्यकता पर ध्यान दिया। इसके विमोचन के समय उन्होंने कहा, “वायरस का पीछा करते हुए: कोविड-19 महामारी के लिए एक सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया” दस्तावेज इस अभूतपूर्व स्वास्थ्य आपातकाल के लिए देश भर में स्वास्थ्य प्रणालियों की प्रतिक्रिया का एक तथ्यात्मक वर्णन है। इस दस्तावेज़ का खंड -1, महामारी से संबंधित कार्यों के साथ-साथ गैर-कोविड आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं तक निर्बाध पहुंच प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य संबंधी प्रणालियों को सक्षम करने के साथ-साथ प्रतिक्रिया के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी देता है। हम सभी जानते हैं कि हमने यह लड़ाई हर हितधारक के योगदान से लड़ी है । महामारी के खिलाफ हमारी लड़ाई लड़ने में सभी लोगों द्वारा किए गए प्रयासों का दस्तावेजीकरण करना मुश्किल होगा। ”

तपेदिक के खिलाफ हमारी लड़ाई में कोविड-19 की सफलता को कैसे दोहराया जा सकता है, इस पर ध्यान देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “हमारे सामने एक और लक्ष्य है तपेदिक को 2025 तक समाप्त करना। कोविड-19 में परीक्षण, अनुरेखण और उपचार के हमारे प्रयास तपेदिक के उपचार के लिए दोहराए जा सकते हैं। महामारी के अनुभव को 2025 तक तपेदिक को खत्म करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। ”

कार्यक्रम के अंत में, डॉ. हर्षवर्धन ने उन सभी को शुभकामनाएं दीं, जो महामारी के खिलाफ लड़ाई में अभूतपूर्व और महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि यह दस्तावेज स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को मजबूत करने में मदद करेगा, जिससे हितधारकों को महामारी से निपटने की अपनी रणनीतियों को परिष्कृत करने और वर्तमान और भविष्य के स्वास्थ्य आपात स्थितियों के लिए स्वास्थ्य प्रणालियों को मज़बूत करने में मदद मिलेगी।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय सचिव, श्री राजेश भूषण, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. सुनील कुमार, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय सहायक सचिव सुश्री वंदना गुरनानी, ​​सुश्री आरती ऑहूजा, डॉ. मनोहर अगनानी, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में संयुक्त सचिव श्री लव अग्रवाल, श्री विकास शीला और अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।@pib

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