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शुरू में ही बीमारी की पहचान होने पर 12 वर्षीया मुन्नी ने आसानी से दी टीबी को मात 

– सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं से हुआ समुचित इलाज, आशा फैसिलिटेटर के सहयोग से मिली  बेहतर स्वास्थ्य सुविधा 
– खगड़िया प्रखंड के बछौता गाँव की रहने वाली है टीबी को मात दे चुकी मनीषा कुमारी 

खगड़िया-

टीबी उन्मूलन को लेकर सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग काफी गंभीर है और इसे सार्थक रूप देने के लिए स्थानीय स्तर पर भी टीबी की जाँच से लेकर समुचित इलाज तक की व्यवस्था की गई है। ताकि संबंधित बीमारी के मरीजों को जाँच और इलाज कराने में सुविधा हो और सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध सुविधाओं का मरीजों को सुविधाजनक तरीके से बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिल सके। खगड़िया प्रखंड के बछौता वार्ड नंबर 14 निवासी संजय शर्मा की 08 वर्षीया पुत्री मुन्नी कुमारी शुरूआती दौर में ही बीमारी की पहचान होने पर टीबी जैसी बीमारी को आसानी के साथ मात देने में सफल रही और आज पूरी तरह स्वस्थ है। मुन्नी का जाँच से लेकर समुचित इलाज तक सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में ही हुआ और यहाँ उपलब्ध सुविधा और संसाधन के बदौलत ही वह टीबी बीमारी को मात देने में सफल रही। यह सबकुछ स्थानीय आशा फेसीलीटेटर डेजी कुमारी के साकारात्मक सहयोग और बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के बदौलत संभव हुआ। 

– जानकारी मिलते सदर अस्पताल में करवाई जाँच और समुचित इलाज : 
बछौता गाँव की आशा फेसीलीटेटर डेजी कुमारी ने बताया, टीबी बीमारी से संक्रमित मुन्नी कुमारी के पिता संजय शर्मा ने मुझे बताया कि मेरी बेटी कई दिनों से सर्दी-खांसी एवं बुखार से पीड़ित थी। स्थानीय स्तर पर ग्रामीण चिकित्सकों से इलाज भी करवाया। किन्तु, उसके स्वास्थ्य में सुधार नहीं हो रहा है। जिसपर मैं सदर अस्पताल में जाँच कराने की सलाह दी। इसके बाद मैं खुद मुन्नी को उनके पिता के साथ जाँच कराने के लिए सदर अस्पताल ले गई। जहाँ जाँच में टीबी संक्रमण की शिकायत पाई है। जो सुनते ही बच्ची के पिता घबरा गए। जिसपर मैं उनके पिता को कहा कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है। यहाँ पूरी तरह निःशुल्क समुचित इलाज की सुविधा उपलब्ध है। जिसके बाद बच्ची का इलाज शुरू हुआ और आज बच्ची पूरी तरह स्वस्थ है। 

– इलाज के दौरान आशा फेसीलीटेटर का मिला भरपूर सहयोग : 
बच्ची के पिता संजय शर्मा ने बताया, बच्ची को सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में इलाज के दौरान काफी अच्छा सुविधा मिला एवं समुचित इलाज तक आशा फेसीलीटेटर का भी भरपूर सहयोग मिला। वह इलाज के दौरान लगातार मेरे घर पर आकर बच्ची की स्वास्थ्य अवलोकन करती थी। जिसका परिणाम यह है कि मेरी बच्ची आज पूरी तरह स्वस्थ है। 

– टीबी बीमारी होने पर घबराएं नहीं, अस्पतालों में उपलब्ध है समुचित जाँच और इलाज की मुफ्त सुविधा : 
टीबी बीमारी होने पर घबराना नहीं चाहिए। बल्कि, लक्षण दिखते ही स्थानीय स्वास्थ्य संस्थान में जाँच करानी चाहिए। दरअसल, यह एक सामान्य बीमारी है और समय पर जाँच कराने से आसानी के साथ बीमारी से स्थाई निजात मिल सकती है। इसके लिए अस्पतालों में मुफ्त समुचित जाँच और इलाज की सुविधा उपलब्ध है। इसलिए, किसी भी लोगों को इलाज के लिए खर्च की भी चिंता करने की जरूरत नहीं है। इसके अलावा सरकार द्वारा सहायता राशि भी दी जाती है। 

– ये हैं टीबी बीमारी का प्रारंभिक लक्षण :- 
– 15 दिन या इससे अधिक दिनों तक लगातार खांसी या बुखार रहना। 
– बलगम में खून आना। 
– एक माह या इससे अधिक दिनों तक सीने में दर्द रहना। 
– लगातार शरीर का वजन कम होना एवं कमजोरी महसूस होना।

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