स्वास्थ्य

बांका के मलिन बस्तियों में कैंप लगाकर लोगों की हो रही जांच और इलाज

-अब तक सैकड़ों लोगों का स्वास्थ शिविर में हो चुका है इलाज
-गंभीर से गंभीर बीमारी का भी शिविर में किया जा रहा है इलाज

बांका-

शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की ओर से मलिन बस्तियों में कैंप लगाकर लोगों की जांच और इलाज किया जा रहा है. शिविर में आने वाले हर व्यक्ति की जांच की जा रही है. जांच के बाद उन्हें जिस तरह की बीमारी निकलती है, उसकी दवा दी जा रही है. अगर ज्यादा गंभीर बीमारी सामने आती है तो उसे इलाज के लिए उचित परामर्श दिया जाता है.
मलिन बस्तियों में कैंप लगाने का काम शुरू-
शहरी स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ सुनील कुमार चौधरी ने बताया कि शहरी क्षेत्र में लोगों को हर तरह स्वास्थ्य सुविधाएं मिल जाती हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को इसकी कमी नहीं हो, इसी को देखते हुए हमलोगों ने मलिन बस्तियों में कैंप लगाने का काम शुरू किया गया है. वहां पर हर तरह की जांच और इलाज की सुविधा है. जांच के बाद मरीज को मुफ्त में दवा भी दी जाती है.

शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बनाई गई है एक टीम: मलिन बस्तियों में स्वास्थ्य शिविर लगाने के लिए शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक टीम बनाई गई, जिसमें डॉक्टर, एएनएम और अन्य स्वास्थ्यकर्मी हैं. ये लोग पहले उस क्षेत्र के लोगों को इसकी सूचना दे देते हैं कि कल आपके क्षेत्र में इतने बजे स्वास्थ्य शिविर लगेगा. अपनी जांच और इलाज के लिए आ जाइएगा. उसके बाद ये लोग उस दिन वहां पर जाकर शिविर लगाते हैं.

अब तक 10 स्वास्थ्य शिविर लग चुका है: शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की मैनेजर अल्पना कुमारी ने बताया कि अब तक 10 से अधिक मलिन बस्तियों में स्वास्थ्य शिविर लग चुका है. इस दौरान सैकड़ों लोगों की जांच और इलाज हुआ है. हमलोगों को कुल 12 कैंप लगाना है. यानी कि जल्द ही दो और शिविर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के क्षेत्र में लगाया जाएगा.

स्वास्थ शिविर में कोरोना की गाइडलाइन का होता है पालन: अल्पना कुमारी ने बताया कि मलिन बस्तियों में लगने वाले स्वास्थ्य शिविर में कोरोना की गाइडलाइन का पालन किया जाता है. सभी लोगों को मास्क पहनना अनिवार्य होता है. सामाजिक दूरी का ध्यान रखते हुए इलाज किया जाता है. अगर कोई कोरोना लक्षण संदिग्ध वाला व्यक्ति दिखता देखता है तो उसे तत्काल कोरोना जांच के लिए भेज दिया जाता है.

कोविड 19 के दौर में रखें इसका भी ख्याल:
• व्यक्तिगत स्वच्छता और 6 फीट की शारीरिक दूरी बनाए रखें.
• बार-बार हाथ धोने की आदत डालें.
• साबुन और पानी से हाथ धोएं या अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें.
• छींकते और खांसते समय अपनी नाक और मुंह को रूमाल या टिशू से ढकें.
• उपयोग किए गए टिशू को उपयोग के तुरंत बाद बंद डिब्बे में फेंके.
• घर से निकलते समय मास्क का इस्तेमाल जरूर करें.
• बातचीत के दौरान फ्लू जैसे लक्षण वाले व्यक्तियों से कम से कम 6 फीट की दूरी बनाए रखें.
• आंख, नाक एवं मुंह को छूने से बचें.
• मास्क को बार-बार छूने से बचें एवं मास्क को मुँह से हटाकर चेहरे के ऊपर-नीचे न करें
• किसी बाहरी व्यक्ति से मिलने या बात-चीत करने के दौरान यह जरूर सुनिश्चित करें कि दोनों मास्क पहने हों
• कहीं नयी जगह जाने पर सतहों या किसी चीज को छूने से परहेज करें
• बाहर से घर लौटने पर हाथों के साथ शरीर के खुले अंगों को साबुन एवं पानी से अच्छी तरह साफ करें

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