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इला फाउंडेशन ने मनाया अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस

इला फाउंडेशन वीमेंस फोरम की अध्यक्ष डॉ भावना नवीन के नेतृत्व में वेबिनार का आयोजन

8 मार्च 2021: इला फाउंडेशन वीमेंस फोरम की अध्यक्ष डॉ भावना नवीन ने एक वेबिनार का आयोजन किया जिसे फेसबुक पटल पर लाइव किया गया । कार्यक्रम की मुख्य अतिथि थीं वरिष्ठ साहित्यकार एवं साहित्य अकादमी अवार्ड से सम्मानित डॉ शेफालिका वर्मा और कार्यक्रम की अध्यक्षता इला फाउंडेशन की महासचिव एवं को-फाउंडर डॉ रजनी मिश्रा ने की ।

“कार्यस्थल, परिवार और शौक में संतुलन” – विषय पर आधारित कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही विशिष्ट महिला अतिथियों ने अपने विचार प्रकट किए । प्रशासनिक पदाधिकारी (आईएएस) एवं फाउंडर ऑफ निनाद कल्चरल ऑर्गनाइजेशन श्रीमती नीलम चौधरी, निर्भया केस सहित, महिलाओं केअधिकार के लिए संघर्ष करने वाली एडवोकेट श्रीमती सीमा समृद्धि कुशवाहा, लेखिका-पत्रकार, फाउंडर ऑफ द चर्न, नेशनल टेलीविजन की बोल्ड वक्ता श्रीमती शुभ्रास्था एवं 1999 में मिस बिहार रह चुकी, निमकी मुखिया की डुमरी वाली चाची के रूप में छा जाने वाली फ़िल्म- टेलीविजन कलाकार श्रीमती रीना रानी शामिल हुई।

डॉ शेफालिका वर्मा ने अपने वक्तव्य में स्त्री पुरुष को एक दूसरे का पूरक बताया। जिस प्रकार शिव शक्ति के बिना शव हो जाते हैं नारी के बिना पुरुष शक्ति हीन हो जाता है । उन्होंने कहा कि कई अवसरों पर महिलाएं ही महिलाओं के पतन के लिए जिम्मेदार होती हैं ।
डॉ रजनी मिश्रा ने इला फाउंडेशन के गठन के बारे बताया कि किस प्रकार मात्र तीन लोगों ने मिलकर माँ सरस्वती के नाम पर इला फाउंडेशन का गठन किया और I LOVE ALL के उद्देश्य के साथ चलते हुए पांच वर्षों में इसके दस हजार सदस्य हैं, लाखों लोगों से सम्पर्क हैं । उन्होंने समाज के उत्थान में महिलाओं की सशक्त भूमिका पर प्रकाश डाला और उन्हें आगे बढ़ने को प्रेरित किया ।

इस अवसर पर अपने पिता को याद करते हुए श्रीमती नीलम चौधरी ने कहा कई सफल महिलाएं हैं जिनके पीछे एक पुरुष है। पिता, भाई, पुत्र के बिना महिलाएं भी अपूर्ण हैं । बिना पति और बच्चों के सहयोग के वो आगे नही बढ़ पातीं । उन्होंने सरकार की तरफ से किये जा रहे नारी सशक्तिकरण के प्रयासों पर भी प्रकाश डाला ।

श्रीमती शुभ्रास्था ने इस बात पर प्रकाश डाला कि महिलाओं को अपनी अस्तित्व की पहचान के लिए आत्मनिर्भर होना भी जरूरी है। महिला सशक्तीकरण के लिए महिलाओं को जाति- धर्म आदि से ऊपर उठकर साथ आना होगा।

एडवोकेट सीमा समृध्दि कुशवाहा ने कहा कि जबतक महिलाएं गैर जिम्मेदाराना, अभद्र एवं अश्लील टिप्पणियों पर चुप्पी साधे रखेंगी और समाज मे अपने अधिकारों के लिए नही लड़ेंगी न्याय उन्हें नही मिल पायेगा । उन्होंने बताया कि कैसे सम्पत्ति में महिलाओं की हिस्सेदारी के लिए बना नया कानून उनकी मदद कर सकता है। प्रोपर्टी एक्ट के साथ साथ उन्होंने कई कानूनी प्रावधानों पर प्रकाश डाला जो महिलाओं की मदद के लिए बनाएं गए हैं या उनमें सुधार किए गए हैं।

इस अवसर पर बोलते हुए फ़िल्म अभिनेत्री श्रीमती रीना रानी ने बताया कि किस तरह से समाज मे लैंगिक भेदभाव किया जाता है । उन्होंने अपने प्रारंभिक दिनों को याद करते हुए बताया ग्रामीण परिवेश से आनेवाली महिलाओं को कितनी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है । अपने पिता को यादकर वो भावुक हो गई थीं।

इला फाउंडेशन के प्रेसिडेंट डॉ निशांक शेखर ठाकुर ने सभी अतिथियों को महिला दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा आजादी के बाद बहुत क्षेत्रों में विकास हुआ है लेकिन महिलाएं उपेक्षित ही रहीं उन्हें अपनी जिंदगी स्वेच्छा से जीने की बुनियादी मांग भी सही मायने में पूरी नही दी जाती है। उन्होंने यह भी कहा कि महिलाएं शक्ति का प्रतिनिधित्व करती हैं , उन्हें किसी सहानुभूति की जरूरत नही है बल्कि पुरुषों से सकारात्मक सहयोग चाहिए ।
कार्यक्रम के संचालन के दरम्यान डॉ भावना नवीन ने देश के विभिन्न वीमेंस फोरम को अपनी एकता मजबूत करने और नारी सशक्तिकरण के क्षेत्र में बिना किसी धर्म, जाति या राजनीतिक पक्षपात के काम करने पर जोर दिया ।

अंत में इला फाउंडेशन वीमेंस फोरम द्वारा भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रमों का संचालन करने का वादा किया गया ।

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