जन सेवा के लिए समर्पित नर्सों को किया जाता है याद

12 मई अन्तराष्ट्रीय नर्सेज दिवस के रूप में मनाया जाता है
जमुई -11मई :
जन सेवा के लिए समर्पित नर्सों को उनके बहुमूल्य योगदान के लिए विश्व भर में 12 मई को अंतर्राष्ट्रीय नर्सेज दिवस मनाया जाता है. आधुनिक नर्सिंग की जनक फ्लोरेंस नाईटेंगल की याद में विश्व भर में इस दिवस को प्रत्येक साल मनाया जाता है. नर्सिंग स्वास्थ्य सेवा की सबसे बड़ी इकाई है तथा नर्सेज स्वास्थ्य विभाग के लक्ष्यों की प्राप्ति की एक अहम् कड़ी है.
वर्ष 1974 में मई 12 को अन्तराष्ट्रीय नर्सेज दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया. नर्सिंग को विश्व के सबसे बड़े स्वास्थ्य सेवा के रूप में देखा जाता है. रोगियों को शारीरिक एवं मानसिक रूप से राहत पहुँचाने में नर्सों का योगदान हमेशा से ही महत्वपूर्ण समझा गया है. इस दिवस के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं में नर्सों के योगदान को याद करने, रोगियों के कल्याण के लिए नर्सों को बेहतर प्रशिक्षण प्रदान करने के साथ उनकी मेहनत और समर्पण की सराहना करने के लिए है.
निःस्वार्थ भाव से सेवा करना है कर्तव्य : अंतर्राष्ट्रीय नर्सेज दिवस पर नर्सों को याद किये जाने से उन्हें अपने कार्यों को और अधिक जिम्मेदारी से निर्वाह करने का हौसला मिलता है. साथ ही जन कल्याण के लिए अपनी पूरी मेहनत से जिम्मेदारियों को निभाते हुए उन्हें भीतर से गर्व भी महसूस होता है. निःस्वार्थ भाव से मरीजों की सेवा कर अपने पद की जिम्मेदारियों के प्रति निष्ठावान रहने का प्रयास करती हैं. इसलिए कभी-कभी सीमित संसाधनों के कारण उन्हे परेशानी तो होती है लेकिन मरीजों की सेवा को प्रथम प्राथमिकता देते हुए निरंतर सेवा प्रदान करती है.
रोगियों की संवेदनाओं को समझना जरुरी : एएनएम. को रोगियों को मानसिक रूप से अधिक सहयोग करने की जरूरत होती है. नर्सों का फर्ज होता है कि वह मरीज से प्यार और संवेदना से पेश आये तथा मरीज की पीड़ा को समझते हुए जरूरी सलाह व चिकित्सा प्रदान करें. इसका पूरा ख्याल रखते हुए वह भी मरीजों की संवेदनाओं को समझती हैं एवं उनकी पीड़ा को कम करने का हर संभव प्रयास करती हैं. वह बताती हैं कि मरीज को सही एवं शीघ्र उपचार दिलाने के लिए डॉक्टर व नर्स के बीच बेहतर संवाद की बेहद जरूरत होती है. जिसके फ्ल्सवरूप आने वाले रोगियों को वह बेहतर स्वास्थ्य सुविधा दिला सकती है ।