
मुलाक़ातें ज़रूरी हैं अगर रिश्ते निभाने हैं
नहीं तो ख़ास रिश्ते भी किसी दिन टूट जाने हैं
ज़रूरी काम हैं इतने कि फ़ुर्सत ही नहीं मिलती
तुम्हारे ये बहाने तो न मिलने के बहाने हैं
शिवकुमार बिलगरामी
मुलाक़ातें ज़रूरी हैं अगर रिश्ते निभाने हैं
नहीं तो ख़ास रिश्ते भी किसी दिन टूट जाने हैं
ज़रूरी काम हैं इतने कि फ़ुर्सत ही नहीं मिलती
तुम्हारे ये बहाने तो न मिलने के बहाने हैं
शिवकुमार बिलगरामी