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विश्व महासागर दिवस है आज-प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि इस ई  जागरूकता में जूनियर रेड क्रॉस के सदस्यों ने प्रतिभागिता की।

जूनियर रेडक्रॉस की  महासागरों को स्वच्छ रखने की अपील।

जूनियर रेडक्रॉस की  महासागरों को स्वच्छ रखने की अपील।
राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एन एच तीन फरीदाबाद की सैंट जॉन एम्बुलेंस ब्रिगेड ने विश्व महासागर दिवस पर ई जागरूकता अभियान चलाया। प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि इस ई  जागरूकता में जूनियर रेड क्रॉस के सदस्यों ने प्रतिभागिता की। उन्होंने कहा कि विश्व महासागर दिवस प्रतिवर्ष 8 जून को मनाया जाता है। समुद्र की महत्त्वपूर्ण भूमिका के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए इस दिवस की शुरुआत वर्ष 1992 में की गई थी, 1992 में रियो डी जनेरियो में हुए पृथ्वी ग्रह नामक फोरम में प्रतिवर्ष विश्व महासागर दिवस मनाने के फैसले के बाद और सन 2008 में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा इस संबंध में मान्यता दिए जाने के बाद से यह दिवस मनाया जाने लगा है। विश्व महासागर दिवस मनाने का प्रमुख कारण विश्व में महासागरों के महत्व और उनकी वजह से आने वाली चुनौतियों के बारे में विश्व में जागरूकता पैदा करना है। इसके अलावा महासागर से जुड़े पहलुओं, जैसे- खाद्य सुरक्षा, जैव-विविधता, पारिस्थितिक संतुलन, सामुद्रिक संसाधनों के अंधाधुंध उपयोग, जलवायु परिवर्तन आदि पर प्रकाश डालना है। मनचन्दा ने बताया कि भूमि हमें विभाजित करती है जबकि महासागर सबको एकजुट करता है। इसका अर्थ है कि सभी क्षेत्र में सुरक्षा और विकास। विद्यालय की प्रवक्ता जसनीत कौर और आशा मैडम ने राधा, मानसी , निशा , बेबी , शिवानी और तारा ने पोस्टर बना कर ई जागरूकता का प्रचार किया। रेडक्रॉस काउन्सलर और विद्यालय के प्रधानाचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि महासागर हमारी पृथ्वी पर न सिर्फ जीवन का प्रतीक है, बल्कि पर्यावरण संतुलन में भी प्रमुख भूमिका अदा करता है। पृथ्वी पर जीवन का आरंभ महासागरों से माना जाता है। महासागरीय जल में ही पहली बार जीवन का अंकुर फूटा था। आज महासागर असीम जैव विविधता का भंडार है। हमारी पृथ्वी का लगभग 70 प्रतिशत भाग महासागरों से घिरा है। महासागरों में पृथ्वी पर उपलब्ध समस्त जल का लगभग 97 प्रतिशत जल समाया हुआ है। महासागरों की विशालता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यदि पृथ्वी के सभी महासागरों को एक विशाल महासागर मान लिया जाए तो उसकी तुलना में पृथ्वी के सभी महाद्वीप एक छोटे द्वीप से प्रतीत होंगे।  प्रधानाचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने सभी से आग्रह किया कि वे महासागरों को स्वच्छ बनाए रखने में सहयोग करें।
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