देशशिक्षा

पंजाब राज्यपाल से मिला विश्व हिंदी परिषद का शिष्टमंडल हिंदी के प्रचार-प्रसार पर हुई महत्वपूर्ण चर्चा

4 जनवरी 2025, शनिवार को पंजाब राजभवन में महामहिम राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया जी से विश्व हिंदी परिषद का शिष्टमंडल ने एक महत्वपूर्ण मुलाकात की, जिसमें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री डी पी मिश्र, राष्ट्रीय महासचिव डॉ. विपिन कुमार, पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष श्री विक्रम रावत, हरियाणा के प्रदेश संयोजक श्री मुनीष जांगड़ा ने शिरकत किया ।
इस भेंट के दौरान पंजाब में हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर विस्तार से गंभीर चर्चा हुई।   विश्व हिंदी परिषद के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. विपिन कुमार ने राज्यपाल महोदय को परिषद के कार्यों और हिंदी को वैश्विक भाषा के रूप में स्थापित करने की योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने विशेष रूप से पंजाब के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में हिंदी के प्रचार को बढ़ावा देने के उपायों पर जोर दिया। डॉ. कुमार ने बताया कि परिषद ने राज्यभर में हिंदी के प्रचार के लिए कई शैक्षिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए हैं, और अब उन्हें इस अभियान को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए राज्य सरकार का सहयोग चाहिए। राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया ने हिंदी भाषा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हिंदी न केवल भारतीय संस्कृति और एकता का प्रतीक है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उन्होंने डॉ. विपिन कुमार के प्रयासों की सराहना की और हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए परिषद के साथ मिलकर काम करने का आश्वासन दिया। बैठक के अंत में, महामहिम राज्यपाल महोदय ने विश्व हिंदी परिषद के आगामी कार्यक्रम को पंजाब राजभवन में आयोजित करने के लिए अपनी सहमति दी। यह निर्णय हिंदी भाषा के प्रति राज्यपाल की प्रतिबद्धता को दर्शाता है और राज्य में हिंदी के प्रचार के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करेगा।   इस आयोजन के माध्यम से हिंदी साहित्य, संस्कृति और भाषा के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देने की उम्मीद है। इस कार्यक्रम में प्रमुख हिंदी साहित्यकारों, शिक्षाविदों और साहित्य प्रेमियों की भागीदारी को लेकर उत्साह है, जो हिंदी को एक मजबूत और प्रभावशाली भाषा बनाने के लिए काम कर रहे हैं।
यह पहल न केवल पंजाब , बल्कि पूरे देश में हिंदी के महत्व को नए स्तर पर स्थापित करने का एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। राज्यपाल महोदय का यह सहयोग हिंदी के प्रचार-प्रसार में एक मील का पत्थर साबित होगा।

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