स्वास्थ्य

शेखपुरा जिले में डेंगू से बचाव के लिए की जा रही है फॉगिंग 

 -डेंगू और चिकनगुनिया के खतरे से रहें सतर्क और सावधान –

-स्थिर और साफ पानी में पनपता है यह मच्छर,  नहीं होने दें जलजमाव  

शेखपुरा – जिला में डेंगू से बचाव हेतु जगह -जगह पर फॉगिंग की जा रही है।  इसके संक्रमण से बचाव के लिए हम सभी को भी सतर्क एवं सावधान रहना होगा। किसी भी बीमारी के प्रति सिर्फ सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग को ही जिम्मेदार नहीं माना जा सकता । कोविड-19 के दौर में भी जब हम सभी के द्वारा सतर्कता एवं सावधानीयों के साथ के साथ अपनी जिम्मेदारी का पालन किया गया तो आज हम सब से यह बीमारी कोसों दूर है। इसलिए हम सभी को सतर्कता से डेंगू के बढ़ते प्रभाव पर रोकथाम लगाना है। जिला में डेंगू से ग्रसित लोगों के इलाज के साथ फॉगिंग भी की जा रही है। इसके साथ हर आयु वर्ग के लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत और सावधान रहने की जरूरत है। इस संक्रमण से बचने के लिए रहन-सहन में सकारात्मक  बदलाव के साथ-साथ साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान देने की दरकार है। इसके अलावा लक्षण महसूस होने पर तुरंत जाँच कराने की भी जरूरत है। ताकि शुरुआती दौर में ही बीमारी की पहचान हो सके और आसानी से बीमारी से निजात पायी जा सके।  -मादा  एडीज  मच्छर काटने से होता है डेंगू और चिकनगुनिया :  सिविल सर्जन  डॉ अशोक कुमार सिंह कहते हैं  डेंगू और चिकनगुनिया बीमारी मादा एडीज  मच्छर के काटने से होता है। इसलिए, सोते समय  अनिवार्य रूप से मच्छरदानी लगाएं। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें। घर एवं सभी कमरे को साफ-सुथरा एवं हवादार बनाएं रखें। साथ ही आसपास की साफ-सफाई का भी  ख्याल रखें। साथ ही अपने पड़ोस में रहने वाले अन्य लोगों को भी इसके प्रति  जागरूक करें। उन्होंने बताया, इस बीमारी से बचाव के लिए रहन-सहन में बदलाव के साथ-साथ साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान देने की जरुरत  है। दरअसल, डेंगू  व चिकनगुनिया का शुरुआती लक्षण बुखार से ही शुरू होता है। जिसके कारण लोगों को बीमारी की पहचान करने में काफी परेशानी होती है। इसलिए, लक्षण दिखते ही तुरंत नजदीकी अस्पताल में जाँच कराने की जरूरत है।  – लक्षण दिखते ही तुरंत कराएं इलाज, अस्पतालों में समुचित व्यवस्था है उपलब्ध :  लक्षण दिखते ही ऐसे मरीजों को तुरंत जाँच करानी चाहिए। जाँच रिपोर्ट के अनुसार ही इलाज कराना चाहिए। ताकि बड़ी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े और समय पर इलाज शुरू हो सके। इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में समुचित व्यवस्था उपलब्ध है। यह बीमारी संक्रमित मादा एडीज  मच्छर के काटने से होता है, जो स्थिर साफ पानी में पनपता है। इसलिए घर समेत आसपास में जलजमाव न होने दें। जलजमाव होने पर उसे यथाशीघ्र वैकल्पिक व्यवस्था कर हटायें और पानी जमा होने वाले जगहों पर किरासन तेल या कीटनाशक दवाई का छिड़काव करें।  – डेंगू और चिकनगुनिया के लक्षण :- तेज बुखार, बदन, सर एवं जोड़ों में दर्द तथा ऑखों के पीछे दर्द होना – त्वचा पर लाल धब्बे या चकते का निशान – जी मचलना या उल्टी लगना  – बचाव के उपाय : – सोते समय हमेशा मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।- पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें अथवा मच्छर भगाने वाली दवा/क्रीम का उपयोग करें।- टूटे-फूटे बर्तनों, कूलर, एसी/फ्रिज की पानी निकासी ट्रे, पानी टंकी, गमला, फूलदान, घर के अंदर एवं आसपास पानी नहीं जमने दें।- जमे हुए पानी पर मिट्टी का तेल डालें अथवा कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें।

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