स्वास्थ्य

पौष्टिक भोजन का करें सेवन, बढ़ेगी रोग-प्रतिरोधक क्षमता

– विटामिन, कैल्सियम और आयरनयुक्त आहार का सेवन जरूरी
– रोग – प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहने पर संक्रमण से रहेंगे दूर

लखीसराय-
आज की भाग – दौड़ में हम सभी अपने पोषण के प्रति जागरूक नहीं रह पाते हैं। अगर हम स्वस्थ्य नहीं रहेंगे तो हम किसी भी संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं। दरअसल सही पोषण रहने से हीं रोग – प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहती है। सही पोषण के लिए हमें अधिक से अधिक पौष्टिक और प्रोटीनयुक्त आहार का सेवन करना चाहिए। इसलिए पोषण और रोग – प्रतिरोधक क्षमता को लेकर हर व्यक्ति को सजग रहने की जरूरत है। पौष्टिक और प्रोटीनयुक्त आहार से रोग – प्रतिरोधक क्षमता में तेजी से वृद्धि होती है। यह हमें कई बीमारियों से दूर रखता है।

विटामिन, कैल्सियम और आयरनयुक्त आहार का सेवन जरूरी : –
जिला सिविल सर्जन डॉ बीपी सिन्हा ने बताया कि रोग – प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने के लिए विटामिन, कैल्सियम और आयरनयुक्त आहार का सेवन जरूरी है। समय पर खाना खाना चाहिए। खाना खाने के करीब 30 मिनट बाद भरपूर मात्रा में पानी पीना चाहिए। इससे हमारी रोग – प्रतिरोधक क्षमता काफी मजबूत होती है।

रोग – प्रतिरोधक क्षमता की मजबूती को इन सब्जियां का करें सेवन : –
पालक, पनीर, सोयाबीन, कद्दू, गाजर, चुकंदर समेत अन्य हरी सब्जी व साग का भरपूर मात्रा में सेवन करें।

– इन फलों का करें सेवन : –
रोग – प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने के लिए केला, पपीता, संतरा, अनार, अनानास आदि मौसमी फलों का सेवन करना चाहिए।

– नियमित रूप से करें व्यायाम : –
रोग – प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रखने एवं बढ़ाने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करें और साथ ही भरपूर नींद लें।

क्या है रोग – प्रतिरोधक क्षमता : –
प्रतिरक्षा प्रणाली में अंग, कोशिकाएं, टिशू और प्रोटीन आदि शामिल होते हैं। ये सभी तत्व मिलकर मानव – शरीर को सही तरीके से काम करने में सहायता करते हैं। इसके साथ में प्रतिरक्षा प्रणाली मानव – शरीर को बीमारियों, संक्रमण, वायरस इत्यादि से लड़ने में सहायता प्रदान करती है। रोग – प्रतिरोधक क्षमता बीमारियों से लड़ने की शक्ति है, जो व्यक्ति को सेहतमंद रहने में सहायता करती है।

प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहने से होने वाले फायदे : –
रोग – प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहने से लोग शारीरिक, मानसिक रूप से भी मजबूत रहते और संक्रामक बीमारियों से दूर रहते हैं। साथ ही स्वस्थ और मजबूत शरीर का निर्माण होता है।

रोग – प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के लक्षण :
– तनाव महसूस होना।
– अधिक सर्दी लगना।
– पेट संबंधी परेशानियाँ होना।
– चोट को ठीक होने में समय लगना।
– संक्रमण होना।
– कमजोरी महसूस होना

– रोग – प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने का कारण : –
– नशीले पदार्थों का सेवन करना।
– पर्याप्त नींद नहीं लेना।
– वजन का अधिक होना।
– व्यायाम नहीं करना।

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