स्वास्थ्य

कालाजार से बचाव को लेकर जिले में सिंथेटिक पायरोथायराइड का छिड़काव हुआ शुरू

-छिड़काव से पहले सदर अस्पताल व कहलगांव और नवगछिया में छिड़कावकर्मियों को दी गई है ट्रेनिंग
-जिले के 11 प्रखंडों के 33 गांवों में 60 दिनों में पूरा करना है सिंथेटिक पायरोथायराड के छिड़काव का काम

भागलपुर, 17 मार्च-

कालाजार उन्मूलन को लेकर जिले में सिंथेटिक पायरोथायराइड के छिड़काव का काम शुक्रवार से शुरू हो गया। छिड़काव से पहले बुधवार और गुरुवार को दो दिनों तक सदर अस्पताल भागलपुर और अनुमंडल अस्पताल नवगछिया और कहलगांव में छिड़कावकर्मियों को ट्रेनिंग भी दी गई है। ट्रेनिंग के दौरान छिड़कावकर्मियों को जानकारी दी गई है कि गांव के सभी घरों में छिड़काव करना है। घरों की दीवारों की छह फुट की ऊंचाई तक सिंथेटिक पायरो थाइराइड का छिड़काव करना है। पहले घर के सभी सामान को एक जगह रखकर छिड़काव का काम शुरू करना है। जिले के 11 प्रखंडों के 33 गांवों में 60 दिनों में सिंथेटिक पायरोथायराड के छिड़काव का काम पूरा करना है। केयर इंडिया के डीपीओ मानस नायक ने बताया कि जिले के 11 प्रखंडों में सिंथेटिक पायरोथायराइड का छिड़काव होना है। पीरपैंती के 8, कहलगांव के 11, गोपालपुर के 1, खरीक के दो, रंगरा के 1, शाहकुंड के 1, सन्हौला के 4, गोराडीह के 1, सबौर के 1, जगदीशपुर के 1 और बिहपुर के दो गांवों में छिड़काव होना है। नवगछिया, नारायणपुर, इस्माइलपुर, सुल्तानगंज और नाथनगर प्रखंड में छिड़काव का काम नहीं होगा।
छिड़काव के दौरान कालाजार से बचाव की भी दी जाएगी जानकारी: मानस नायक ने बताया कि छिड़काव के दौरान एक भी घर छूटे नहीं, इस बात का विशेष ख्याल रखा जाएगा। इसको लेकर छिड़काव टीम को भी आवश्यक और जरूरी निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा छिड़काव अभियान के दौरान सामुदायिक स्तर पर लोगों को कालाजार से बचाव के लिए आवश्यक जानकारी भी दी जाएगी। इस दौरान कालाजार के कारण, लक्षण, बचाव एवं इसके उपचार की विस्तृत जानकारी दी जाएगी।
सदर अस्पताल में नि:शुल्क इलाज की है सुविधा: जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दीनानाथ ने बताया कि कालाजार मरीजों की जांच की सुविधा जिले के सभी पीएचसी में नि:शुल्क उपलब्ध है। जबकि, सदर अस्पताल में समुचित इलाज की सुविधा उपलब्ध है। इस कारण संक्रमित मरीज मिलने पर उन्हें संबंधित पीएचसी द्वारा सदर अस्पताल रेफर किया जाता है। मरीजों को सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने पर श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में सरकार द्वारा 7100 रुपये की राशि दी जाती है। पीकेडीएल मरीजों को पूर्ण उपचार के बाद सरकार द्वारा 4000 रुपये श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में दिये जाने के प्रावधान की जानकारी उन्हें दी जायेगी। साथ ही पॉजिटिव मरीजों का सहयोग करने पर प्रति मरीज 500 रुपये संबंधित आशा कार्यकर्ता को दी जाती है। 15 दिनों से अधिक समय तक बुखार का होना कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। भूख की कमी, पेट का आकार बड़ा होना, शरीर का काला पड़ना कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। वैसे व्यक्ति जिन्हें बुखार नहीं हो लेकिन उनके शरीर की त्वचा पर सफेद दाग व गांठ बनना पीकेडीएल के लक्षण हो सकते हैं।

Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button