स्वास्थ्य

सुरक्षित मातृत्व के लिए प्रसव पूर्व प्रबंधन जरूरीः सिविल सर्जन

-गर्भवती महिलाएं प्रसव पूर्व जांच कराकर सुरक्षित मातृत्व को दें बढ़ावा
-सरकारी अस्पतालों में जांच से लेकर प्रसव कराने तक की बेहतर व्यवस्था

बांका, 9 जनवरी । सुरक्षित मातृत्व को बढ़ावा देने के लिए प्रसव पूर्व प्रबंधन बहुत जरूरी है। हर महीने की नौ तारीख को प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षित अभियान के तहत जिले के सरकारी अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं की कई तरह की जांच होती हैं। सोमवार को भी जिले के सरकारी अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं की जांच हुई। दरअसल, सरकारी अस्पतालों में वैसी तमाम सुविधाएं हैं, जिससे सुरक्षित मातृत्व को बढ़ावा मिले। यहां पर प्रसव पूर्व जांच से लेकर प्रसव कराने तक की बेहतर व्यवस्था है। सुरक्षित मातृत्व के लिए एएनसी जांच कराना अत्यंत आवश्यक है। एएनसी जांच का मकसद मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाना होता है। अधिक-से-अधिक महिलाओं की एएनसी जांच हो, इसे लेकर सदर अस्पताल में प्रतिदिन गर्भवती महिलाओं की जांच की व्यवस्था रहती है।
सिविल सर्जन डॉ. रविंद्र नारायण कहते हैं कि सुरक्षित मातृत्व को लेकर सदर अस्पताल में बेहतर व्यवस्था है। दरअसल, गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व चार जांच होती है। पहली जांच गर्भधारण से लेकर 12वें सप्ताह तक, दूसरी जांच गर्भधारण के 14वें से लेकर 26वें सप्ताह तक, तीसरी जांच गर्भधारण के 28वें से 34वें सप्ताह तक और आखिरी जांच 36वें सप्ताह से लेकर प्रसव होने के पहले तक कराई जाती है। इसे एएनसी जांच कहते हैं। इस जांच के दौरान गर्भवती महिलाओं को जो भी सलाह दी जाती , उस पर अमल करने की जरूरत होती है। इससे सुरक्षित मातृत्व को बढ़ावा मिलता है। बांका सदर अस्पताल में प्रतिदिन एएनसी जांच की व्यवस्था रहती है।
आयरन और कैल्सियम की दवा भी जरूरीः सिविल सर्जन कहते हैं कि गर्भवती महिलाओं को आयरन और कैल्सियम की दवा भी डॉक्टर की सलाह के मुताबिक लेनी चाहिए। आमतौर पर गर्भावस्था के तीन महीने के बाद कैल्सियम की 360 गोली प्रसव से पहले और 360 गोली प्रसव के बाद लेना होता है। इसी तरह से आयरन की 180 गोली गर्भावस्था के तीन महीने के बाद और प्रसव से पहले लेना होता है और 180 गोली प्रसव के बाद। एएनसी जांच के दौरान आयरन और कैल्सियम की गोली कब लेनी है, इसकी सलाह डॉक्टर से अवश्य ले लें। डॉक्टर जैसी सलाह दें, उसका पालन करें।
प्रसव को लेकर तैयारीः सिविल सर्जन के मुताबिक, इतना कुछ करने के बाद प्रसव को लेकर तैयारी भी बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाता है। जब प्रसव का समय नजदीक आए तो कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। जैसे कि सबसे पहले एंबुलेंस या फिर किसी गाड़ी वाले का नंबर को पास में रखें। अगर दर्द शुरू हो तो तुरंत गाड़ी वाले को फोनकर बुलाएं। इसके अलावा दो-तीन ऐसे लोगों को तैयार रखें, जो कि जरूरत पड़ने पर रक्तदान कर सकें।
प्रोटिनयुक्त आहार लेने पर दें जोरः सिविल सर्जन कहते हैं कि आयरन और कैल्सियम की गोली लेने के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं को प्रोटिनयुक्त आहार का जरूर सेवन करना चाहिए। दूध, अंडा, मछली, मांस के साथ हरी सब्जियों का भरपूर सेवन करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को एक साथ दो जान की परवाह करनी पड़ती है। एक तो खुद का, दूसरा गर्भस्थ बच्चे का। पौष्टिक और प्रोटिनयुक्त आहार लेने से दोनों का ध्यान रखा जाता है। जो गर्भवती महिलाएं मांसाहार का सेवन नहीं करती हैं, उन्हें दूध, हरी सब्जियों और फल के सेवन पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। इन चीजों के सेवन से वह कमी दूर हो जाएगी, जो कि मांसाहार के सेवन करने से होता।

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