स्वास्थ्य

डेंगू और चिकनगुनिया से बचाव को लेकर रहें सतर्क

-मौसम में लगातार उतार-चढ़ाव होते रहने से बीमारी का खतरा
-अभी के मौसम में हर उम्र के लोगों को सचेत रहने की जरूरत

बांका, 17 अगस्त –

मौसम में उतार-चढ़ाव हो रहा है। कभी बारिश होती है तो कभी नहीं। बारिश होने के बाद जलजमाव की समस्या भी होती है। इस वजह से मच्छर भी पनपते  हैं। मच्छर पनपने की वजह से कई बीमारियों का खतरा रहता है। ऐसे मौसम में डेंगू और चिकनगुनिया होने की संभावना अधिक रहती है। इसलिए हर आयु वर्ग के लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत और सावधान रहने की जरूरत है। इसके लिए रहन-सहन में  सकारात्मक बदलाव के साथ-साथ साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है। लक्षण महसूस होने पर तुरंत जांच कराने की भी आवश्यकता है। शुरुआती दौर में ही बीमारी की पहचान हो जाने से उससे जल्द राहत मिल सकती है। इन सभी बातों के लिए जागरूकता भी बहुत जरूरी है।
शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. सुनील कुमार चौधरी ने बताया, डेंगू और चिकनगुनिया बीमारी संक्रमित एडिस मच्छर काटने से होती है। इसलिए अगर आप दिन में भी सोते हैं तो अनिवार्य रूप से मच्छरदानी लगाएं। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें। घर एवं सभी कमरे को साफ-सुथरा एवं हवादार बनाएं रखें। साथ ही आसपास भी साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें। इसके लिए अपने पड़ोस में रहने वाले अन्य लोगों को भी जागरूक करें, ताकि इस बीमारी के दायरे से सामुदायिक स्तर पर लोग दूर रहें। उन्होंने बताया कि इस बीमारी से बचाव के लिए रहन-सहन में बदलाव के साथ-साथ साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान देने की जरूर  है। दरअसल, डेंगू व चिकनगुनिया के शुरुआती लक्षण बुखार से ही शुरू होते हैं। इस कारण लोगों को बीमारी की पहचान करने में भी काफी परेशानी होती है। इसलिए, लक्षण दिखते ही तुरंत नजदीकी अस्पताल में जांच कराने की जरूरत है।
घर के आसपास जलजमाव नहीं होने दें- यह बीमारी संक्रमित एडिस मच्छर के काटने से होती है, जो स्थिर साफ पानी में पनपता है। इसलिए, घर समेत आसपास में जलजमाव नहीं होने दें। जलजमाव होने पर उसे यथाशीघ्र वैकल्पिक व्यवस्था कर हटायें और पानी जमा होने वाले जगहों पर किरासन तेल या कीटनाशक दवाई का छिड़काव करें। साफ-सफाई का ध्यान हर स्तर पर रखें। सफाई रखने से न सिर्फ इन बीमारियों से बचे रहेंगे, बल्कि कई और तरह की बीमारियों से आपका बचाव होता रहेगा।

डेंगू और चिकनगुनिया के लक्षण :
– तेज बुखार, बदन, सर एवं जोड़ों में दर्द तथा आंखों के पीछे दर्द होना 
– त्वचा पर लाल धब्बे या चकते का निशान 
– नाक, मसूढ़े से या उल्टी के साथ रक्तस्राव  होना 
– काला दस्त होना

– बचाव के उपाय : 
– दिन में भी सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
– पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें अथवा मच्छर भगाने वाली दवा/क्रीम का उपयोग करें।
– टूटे-फूटे बर्तनों, कूलर, एसी/फ्रिज के पानी निकासी ट्रे, पानी टंकी, गमला, फूलदान, घर के अंदर एवं आसपास पानी नहीं जमने दें।
– जमे हुए पानी पर मिट्टी का तेल डालें अथवा कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें।

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