स्वास्थ्य

विश्व स्तनपान सप्ताह • जिले भर में एक अगस्त से चलेगा जागरूकता अभियान 

– राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक ने पत्र जारी कर सभी सिविल सर्जन दिए निर्देश
– शिशु के पोषण का आधार है, माँ का दूध ही सर्वोत्तम आहार है…नारे के साथ किया जाएगा जागरूक

लखीसराय-

जिले में स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए 01 अगस्त से विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाएगा। जिसके तहत जिले के सभी प्रखंडों में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन कर इस सप्ताह  को सफल बनाने के लिए सामुदायिक स्तर पर लोगों को जागरूक किया जाएगा। इस  दौरान स्तनपान कराने से होने वाले फायदे समेत अन्य जानकारियाँ दी जाएगी और घर-घर जाकर लोगों को स्तनपान कराने के लिए प्रेरित किया जाएगा। ताकि सामुदायिक स्तर पर लोगों को स्तनपान से होने वाले फायदे की जानकारी मिल सके और स्तनपान सप्ताह का सफलतापूर्वक समापन सुनिश्चित हो सके। इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने पत्र जारी कर प्रदेश के सभी सिविल सर्जन को आवश्यक निर्देश दिए हैं। साथ हीं  कार्यक्रम के  सफल संचालन के लिए सारी तैयारियाँ 01 अगस्त के पूर्व ही कर लेने को कहा है।

– शिशु के  सर्वांगीण शारीरिक व मानसिक विकास के लिए छः माह तक सिर्फ सिर्फ माँ का दूध जरूरी :
सिविल सर्जन डाॅ देवेन्द्र कुमार चौधरी ने बताया, शिशु के  सर्वांगीण शारीरिक व मानसिक विकास के लिए जन्म के पश्चात छः माह तक सिर्फ और सिर्फ माँ का दूध जरूरी है। इससे शिशु का ना सिर्फ शारीरिक और मानसिक विकास होता  बल्कि, रोग-प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूती मिलती , जो संक्रामक बीमारी से बचाव करता है। इसलिए, सभी शिशु को जन्म के पश्चात छः माह तक सिर्फ और सिर्फ माँ का ही दूध पिलाएं। इसके बाद ही ऊपरी  आहार देना शुरू करें। इसके अलावा पुराने  ख्यालातों और अवधारणाओं से बाहर आकर जन्म के एक घंटे के अंदर ही बच्चे को दूध पिलाना शुरू कर दें। माँ का यह गाढ़ा-पीला दूध बच्चों के लिए अमृत के समान होता है। वहीं, पूरे सप्ताह शिशु के पोषण का आधार है, माँ का दूध ही सर्वोत्तम आहार है…समेत अन्य नारे के माध्यम से सामुदायिक स्तर पर लोगों को जागरूक किया जाएगा।

– छः माह के बाद भी ऊपरी  आहार के साथ दो वर्षों तक स्तनपान भी जरूरी :
शिशु को जन्म के पश्चात छः माह तो सिर्फ माँ का दूध ही सेवन तो जरूरी है ही, इसके बाद भी कम से कम दो वर्षों तक ऊपरी आहार के साथ स्तनपान भी जरूरी है। तभी शिशु का सर्वांगीण शारीरिक, मानसिक विकास और स्वस्थ शरीर का निर्माण होगा। साथ ही रोग-प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूती मिलेगी और संक्रामक रोग से भी दूर रहेगा। इसलिए, स्तनपान कराने वाली सभी माताओं को पुराने  ख्यालातों और अवधारणाओं से बाहर आकर दो वर्षों तक अपने शिशु को स्तनपान कराना चाहिए। स्तनपान  शिशु के लिए काफी फायदेमंद और कई बीमारियों से बचाव के लिए कारगर भी है।

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