स्वास्थ्य

राष्ट्रीय डेंगू दिवस : जागरूकता कार्यक्रम में डेंगू की रोकथाम को लेकर की गई चर्चा

 

– डेंगू के कारण, लक्षण, बचाव एवं उपचार पर की गई चर्चा 
– डेंगू से बचाव को लेकर सामुदायिक स्तर पर लोगों को किया जाएगा जागरूक 

लखीसराय, 16 मई-

सोमवार को राष्ट्रीय डेंगू दिवस के अवसर पर एसीएमओ कार्यालय में सिविल सर्जन डाॅ देवेन्द्र कुमार चौधरी की अध्यक्षता में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें डेंगू की रोकथाम पर विस्तृत चर्चा की गई और इसे सार्थक रूप देने के लिए सामुदायिक स्तर पर लोगों को इस बीमारी से बचाव के लिए जागरूक करने का निर्णय लिया गया। साथ ही सामुदायिक स्तर पर लोगों को डेंगू के कारण, लक्षण, उपचार एवं इससे बचाव के लिए आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराने पर बल दिया गया। इस मौके पर सिविल सर्जन डाॅ देवेन्द्र चौधरी ने कहा, डेंगू बीमारी संक्रमित एडीज मच्छर काटने से होता है। इसलिए, अगर आप दिन में भी सोते हैं तो अनिवार्य रूप से मच्छरदानी लगाएं। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें। घर एवं सभी कमरे को साफ-सुथरा एवं हवादार बनाएं रखें। साथ ही आसपास भी साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें। इसके लिए अपने पड़ोस में रहने वाले अन्य लोगों को भी जागरूक करें। ताकि इस बीमारी के दायरे से सामुदायिक स्तर पर लोग दूर रहें। इस बीमारी से बचाव के लिए रहन-सहन में बदलाव के साथ-साथ साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान देने की दरकार है। दरअसल, डेंगु के शुरुआती लक्षण बुखार से ही शुरू होते हैं। जिसके कारण लोगों को बीमारी की पहचान करने में भी काफी परेशानी होती है। इसलिए, लक्षण दिखते ही तुरंत नजदीकी अस्पताल में जाँच कराने की जरूरत है। 

– लक्षण दिखते ही तुरंत करायें इलाज, अस्पतालों में समुचित व्यवस्था है उपलब्ध :
लक्षण दिखते ही ऐसे मरीजों को तुरंत जाँच करानी चाहिए। जाँच रिपोर्ट के अनुसार इलाज करानी चाहिए। ताकि बड़ी परेशानियाँ का सामना नहीं करना पड़े और समय पर इलाज शुरू हो सके। इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में समुचित व्यवस्था उपलब्ध है। यह बीमारी संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से होता है, जो स्थिर साफ पानी में पनपता है। इसलिए, घर समेत आसपास में जलजमाव नहीं होने दें। जलजमाव होने पर उसे यथाशीघ्र वैकल्पिक व्यवस्था कर हटायें और पानी जमा होने वाले जगहों पर किरासन तेल या कीटनाशक दवाई का छिड़काव करें।

– डेंगू के लक्षण :
– तेज बुखार, बदन, सर एवं जोड़ों में दर्द तथा ऑखों के पीछे दर्द होना 
– त्वचा पर लाल धब्बे या चकते का निशान 
– नाक, मसूढ़े से या उल्टी के साथ रक्त स्राव होना 
– काला पैखाना होना

– बचाव के उपाय : 
– दिन में भी सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
– पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें अथवा मच्छर भगाने वाली दवा/क्रीम का उपयोग करें।
– टूटे-फूटे बर्तनों, कूलर, एसी/फ्रिज के पानी निकासी ट्रे, पानी टंकी, गमला, फूलदान, घर के अंदर एवं आसपास पानी नहीं जमने दें।
– जमे हुए पानी पर मिट्टी का तेल डालें अथवा कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें।

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