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मीडिया का कार्य चुनौतीपूर्ण: मृदुला घई

नईदिल्ली-

कहा जाता है जहां न पहुंचे रवि वहां पहुंचे कवि इस कथन को हमेशा अपने कृतित्व एवं व्यक्तित्व से चरितार्थ करती रही हैं कवयित्री एवं श्रम मंत्रालय की आयुक्त मृदुला घई। एक कवायित्री का मन भावुक एवं संवेदनशील होता है। वह सभी के दुख दर्द का आकलन और उसका चित्रण बड़े ही मार्मिक ढंग से करती है। पिछले दिनों वर्किंग जर्नलिस्ट्स ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित डिजिटल मीडिया अवार्ड में कवयित्री मृदुला घई ने मीडिया की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मीडिया किसी भी राष्ट्र की रीढ़ की हड्डी है और उनका कार्य चुनौती एवं जोखिम भरा हुआ है। ऐसी स्थिति में मीडिया कर्मियों को उचित सम्मान देना सभी नागरिकों का कर्तव्य बन जाता है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जहां लोगों के लिए जान बचाना एक बड़ी चुनौती थी वही मीडिया कोरोना की खबर एवं जगह जगह आ रही चिकित्सा संबंधी समस्या के बारे में सरकार को लगातार अवगत एवं जागरूक कराता रहा। यह एक कोरोना योद्धा ही कर सकता है इसे मीडिया जगत ने साबित कर दिखाया। कवायित्री घई ने मीडिया के सम्मान में एक गीत की रचना की है जिसको मशहूर गायिका अलका याग्निक एवं शान ने स्वर दिया है । यह मीडिया के लिए एक बड़ी उपलब्धि है और कवयित्री घई का मीडिया जगत को एक महत्वपूर्ण सम्मान एवं योगदान है। इस अवसर पर दिल्ली एनसीआर की डिजिटल मीडिया डायरेक्टरी भी लॉन्च कि गई।

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