स्वास्थ्य

नवजात शिशु की जीवन रक्षा के लिए अपनाएं कंगारू मदर केयर तकनीक

– माँ की धड़कन सुनकर शिशु के स्वस्थ्य शरीर का होता है निर्माण
– शिशु को माँ के सीने से चिपकाने से शिशु को मिलती है गर्माहट

लखीसराय-

नवजात शिशु को जन्म के वक्त वजन 2 किलो से कम होने या जन्म निर्धारित समय से पहले होने की स्थिति में बहुत सारी परेशानियों से होकर गुजराना पड़ता है। जन्म के बाद यदि नवजात शिशु ठीक से स्तनपान नहीं करता है तो उसकी मां को सही तरीके से साफ- सफाई के साथ शिशु की देखभाल करने के साथ ही विशेष तौर से कंगारू मदर केयर तकनीक की आवश्यकता होती है। समय पूर्व जन्म लेने वाले शिशु का ना सिर्फ वजन कम होता है। बल्कि ऐसे शिशु जन्म के साथ ही कई तरह की समस्याओं से घिर जाते हैं। ऐसी स्थिति में किसी तरह की लापरवाही नवजात शिशु की परेशानी को कई गुना बढ़ा देती है। खासकर इस कोविड-19 के संक्रमण के दौर में | ऐसे समय में शिशुओं के स्वस्थ शरीर के निर्माण के लिए विशेष ख्याल रखना बेहद ही जरूरी है। इस तरह के शिशु के मानसिक एवं शारीरिक विकास के लिए कंगारू मदर केयर तकनीक को अपनाना सबसे आसान एवं बेहतर उपाय है|

– बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास का होता है निर्माण :
जिले के अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. देवेंद्र चौधरी ने बताया कि कंगारू मदर केयर तकनीक नवजात शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास में काफी सहयोग करता है। शिशु जब अपने माँ के नजदीक रहता है तो वह खुद को तनावमुक्त महसूस करता है| इससे शिशु के स्वस्थ शरीर का निर्माण होता है। कंगारू मदर केयर तकनीक बिना खर्च का सबसे अच्छा उपाय है।

क्या है कंगारू मदर केयर तकनीक ? किस तरह से होता है इस तकनीक का उपयोग :
जिले के अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. देवेंद्र चौधरी ने बताया कि कंगारू मदर केयर तकनीक एक ऐसा उपाय है जो कम वजन के साथ जन्म लेने वाले शिशु के स्वास्थ में सुधार लाने के लिए अपनाया जाता है। इससे शिशु का वजन तो बढ़ता ही है साथ ही वो स्तनपान भी बेहतर ढंग से कर पाता है। कंगारू मदर केयर तकनीक अपनाने से शिशु के शरीर का तापमान भी ठीक रहता है और वो किसी प्रकार के इन्फेक्शन से भी दूर रहता है। बताया कि कंगारू मदर केयर तकनीक से शिशु और उसकी माँ के बीच रिश्ता भी मजबूत होता है। इस तकनीक के तहत शिशु को माँ के सीने पर चिपकाकर रखा जाता है। इस दौरन माँ की छाती पूरी तरह से खुली होनी चाहिए जिससे माँ के शरीर की गर्माहट आसानी से और जल्दी से शिशु में स्थानांतरित हो सके। इस तकनीक से शिशु के शरीर का तापमान मेंटेन रखा जाता है। इस तकनीक का माँ के अलावा परिवार की अन्य महिला व पुरुष भी उपयोग कर शिशु को सुरक्षित रख सकते हैं । इस दौरान सिर्फ इस बात का ख्याल रखना आवश्यक है कि शिशु को कंगारू मदर केयर की सुविधा देने वाला व्यक्ति पूरी तरह से स्वस्थ हो।

निमोनिया जैसी बीमारी के संक्रमण से भी सुरक्षित करता है कंगारू मदर केयर तकनीक :
उन्होंने बताया कि नवजात शिशु को गर्म रखने एवं निमोनिया जैसी संकामक बीमारी से बचाने में भी कंगारू मदर केयर तकनीक कारगर है। इस तकनीक के जरिये नवजात शिशु मृत्यु दर को कम से कमतर किया जा सकता है । बताया कंगारू मदर केयर तकनीक वीक न्यू बोर्न प्रोजेक्ट से जुड़ा हुआ है। इसके तहत कमजोर नवजात शिशु के जीवन रक्षा और उसकी उचित देखभाल के लिए उनकी मां एवं अन्य लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

उन्होने बताया कि नवजात शिशुओं को निमोनिया से बचाव के लिए हमेशा गर्म कपडे पहनाकर या उसमें लपेटकर रखने की आवश्यकता है। इसके साथ ही घर के जिस स्थान पर नवजात शिशु को रखा जा रहा हो उस स्थान को भी हमेशा गर्म रखने की आवश्यकता है। इसके साथ हीं बच्चे के बेड एवं उसके नैपकिन पैड को भी हमेशा सूखा रखने की आवश्यकता है। नवजात शिशु की मां को हमेशा अपने बच्चे को स्तनपान हीं करना चाहिये ताकि बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो और वो कई बीमारियों से लड़ने में सक्षम हो सके।
नवजात शिशु को आवश्यक टीका अनिवार्य तौर पर लगवाएं-
उन्होंने बताया कि नवजात शिशु के लिए आवश्यक टीका अनिवार्य तौर पर लगवाएं। इसके साथ हीं नवजात बच्चे की मां को अपने रहन- सहन, खानपान में काफी सावधानी बरतने की आवश्यकता है ताकि नवजात बच्चे के देखभाल में कोई चूक नहीं हो और नवजात शिशु की मृत्यु दर को समाप्त किया जा सके।

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