स्वास्थ्य

अमानत प्रशिक्षण से सुदृढ़ हुई प्रसव की सुविधाएं, मिल रही है बेहतर स्वास्थ्य सेवा 

– संस्थागत प्रसव को प्राथमिकता देने लगी प्रसूती महिलाएं, अस्पतालों की बदलने लगी तस्वीर 
– जिले के मानसी पीएचसी में दिया जा रहा अमानत का प्रशिक्षण, सिखाए जा रहे हैं बेहतर प्रसव कराने के  तरीके  

खगड़िया, 19 फरवरी| 
सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध प्रसव की सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए जिले की जीएनएम एवं एएनएम को केयर इंडिया के सहयोग से अमानत का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ताकि प्रसव के दौरान किसी भी प्रकार की परेशानियाँ से निपटने के लिए लेबर रूम में तैनात एएनएम एवं जीएनएम बखूबी अपनी जिम्मेदारी निभाने में सक्षम हो सकें। वहीं, इस प्रशिक्षण का अस्पतालों में सकारात्मक प्रभाव दिख रहा है। प्रशिक्षण से जहाँ अस्पतालों में उपलब्ध प्रसव की सुविधाएं सुदृढ़ हुई हैं । वहीं, प्रसूती महिलाएं संस्थागत प्रसव को प्राथमिकता देने लगी हैं । जिससे पूर्व के सापेक्ष वर्तमान में सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में प्रसव की संख्या में वृद्धि हुई है| इससे अस्पतालों में प्रसूती महिलाओं की भीड़ बढ़ने लगी है। वहीं अस्पतालों की तस्वीर भी बदलने लगी है। 

– जिले के मानसी पीएचसी में दिया जा रहा है अमानत का प्रशिक्षण :- 
केयर इंडिया के डीटीएल अभिनंदन आनंद ने बताया कि जिले के अस्पतालों में उपलब्ध प्रसव की सुविधाएं को सुदृढ़ करने के लिए लगातार जीएनएम एवं एएनएम को अमानता का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। वर्तमान में जिले के मानसी पीएचसी में एएनएम को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह प्रशिक्षण मेंटर नवनीता द्वारा दिया जा रहा है। जिसमें बेहतर प्रसव, जटिल प्रसव, उचित प्रबंधन समेत अन्य आवश्यक जानकारियाँ दी जा रही हैं । 

– प्रशिक्षण प्राप्त एएनएम एवं जीएनएम  बेहतर तरीके से करा रही हैं  प्रसव :- 
केयर इंडिया के फैमिली प्लानिंग के जिला समन्वयक राजेश पांडेय ने बताया कि प्रशिक्षण प्राप्त जिले के विभिन्न सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में तैनात एएनएम एवं जीएनएम बेहतर तरीके से प्रसव करा रही हैं । जिससे ना सिर्फ संस्थागत प्रसव को बढ़ावा मिल रहा है, बल्कि, प्रसूती महिलाओं को उचित प्रबंधन के साथ स्वास्थ्य सेवा दी जा रही है। 
– प्रशिक्षण से सुदृढ़ होगी  प्रसव की सुविधाएं, सुरक्षित और सामान्य प्रसव को मिलेगा बढ़ावा :- 
मानसी पीएचसी में प्रशिक्षण दे रही मेंटर नवनीता ने बताया कि अमानत प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य जीएनएम एवं एएनएम को ऑपरेशन थिएटर रूम, लेबर रूम, ओपीडी समेत अस्पतालों के अन्य विभागों के बारे में विस्तृत रूप से तकनीकी जानकारी देना है। उन्हें इन विभागों में काम करने के लिए मरीजों से जुड़ी सभी प्रक्रियाओं और जटिलताओं की जानकारी दी जाती है। प्रशिक्षण के पहले और बाद में एएनएम एवं जीएनएम की टेस्ट ली जाती है। प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी  एएनएम एवं जीएनएम प्रसव के दौरान किसी भी स्थिति से निपटने के लिए खुद को सक्षम महसूस करेंगी। जिससे प्रसव की सुविधाएं सुदृढ़ होगी और संस्थागत प्रसव को बढ़ावा मिलेगा।

– सुरक्षित प्रसव को सुनिश्चित करने को लेकर दिया जा रहा है प्रशिक्षण :- 
मेंटर नवनीता ने बताया कि सुरक्षित प्रसव को सुनिश्चित करने को लेकर यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिसमें सिमुलेशन ट्रेनिंग के माध्यम से अमानत मेंटर्स को ऑन द स्पॉट नहीं बल्कि डमी के माध्यम से भी सभी तकनीकी पहलुओं से अवगत कराया जाता है। इस प्रशिक्षण में मरीजों की बुनियादी  प्रक्रियाओं और उनमें आने वाली जटिलताओं की पहचान करने और उसका समुचित इलाज करने की जानकारी दी जाती है। उन्होंने बताया इससे पहले सुरक्षित संस्थागत प्रसव और मातृ-शिशु स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जिले भर में जीएनएम नर्सो के लिए ओरिएंटेशन ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किया गया था। 

– प्रशिक्षण के दौरान  दी जाती है यह जानकारी :- 
प्रशिक्षण के दौरान नर्सों को पीपीई डोनिंग एंड डोफिंग, हैंड वाशिंग, वाइटल मॉनिटर, बीपी- पल्स रेट, टेम्परेचर चेकिंग, ऑक्सीजन लगाना, इंजेक्शन लगाना, कैथेटर लगाना, ऑटो क्लेव लगाना, लेबर रूम व्यवस्थित करना, बायोमेडिकल वेस्ट प्रोडक्ट का प्रबंधन करने के साथ ही मरीजों में होनी वाली जटिलताओं को पहचानने और उसे मैनेज करने के लिए तकनीकी रूप से प्रशिक्षित किया गया। 

– प्रशिक्षित नर्स हर समस्याओं का आसानी से समाधान करने में खुद को सक्षम करेंगी महसूस :- 
प्रशिक्षण के बाद प्रशिक्षित नर्स अस्पताल के किसी भी विभाग में काम करने के लिए खुद को सक्षम महसूस करेंगी। साथ ही मरीजों में होने वाली परेशानी को पहचान कर उसका सही तरीके से इलाज कर पाएंगी। जिससे सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा मिलेगा और लोग संस्थागत प्रसव को प्राथमिकता देंगे। इतना ही नहीं लंबे समय से चली आ रही महिला चिकित्सकों की कमी का अस्पताल को एहसास नहीं होगा और संस्थागत स्वास्थ्य व्यवस्था मजबूत होगी। इसको लेकर प्रशिक्षण में लेबर रूम और ऑपरेशन थियेटर से सबंधित सभी आवश्यक तकनीकी पहलुओं से अवगत कराया जाता है। ताकि वो इन स्थानों पर मरीजों में होने वाली जटिलताएं पहचान कर, उसका सही समय पर समुचित इलाज कर सके। इस प्रशिक्षण के बाद मातृ-शिशु स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के साथ हीं मातृ-शिशु मृत्यु दर को भी कम करने में मदद मिलेगी।

– इन मानकों का करें पालन, कोविड-19 संक्रमण से रहें दूर :- 
– मास्क और सैनिटाइजर का नियमित रूप से  उपयोग करें।
– बाहरी खाना खाने से परहेज करें।
– साबुन या अल्कोहल युक्त पदार्थों से हाथ धोएं।
– दो गज की शारीरिक दूरी का पालन करें।
– अनावश्यक यात्रा से परहेज करें।
– गर्म व ताजा खाना का सेवन करें और बासी खाना से बिलकुल दूर रहें।

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