राज्य

आंगनबाड़ी केंद्रों पर हुआ नियमित टीकाकरण 

टीकाकरण के दौरान सामाजिक दूरी का रखा गया ख्याल

बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर दिया गया जोर
बांका, 12 अगस्त
कोरोना काल में भी बच्चों व गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखा जा रहा है। नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के बेहतर संचालन के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ आईसीडीएस भी सहयोग कर रहा है। इसी क्रम में बुधवार को नियमित टीकाकरण का आयोजन सभी आंगनबाड़ी केंद्रों के साथ अतरिक्त केंद्रों पर किया गया। इस दौरान आंगनबाड़ी केंद्रों पर आई हुयी गर्भवती और धात्री महिलाओं को स्तनपान की आवश्यकता और महत्व के बारे में जानकारी दी गयी।
शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. सुनील कुमार चौधरी ने बताया कि नियमित टीकाकरण का आयोजन आंगनबाड़ी एवं अतिरिक्त केन्द्रों पर किया गया। टीकाकरण कार्य में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने गर्भवती माताओं को कोरोना संक्रमण से बचाव व टीकाकरण की जरूरत और महत्व के बारे में लोगों को जागरूक किया। आंगनबाड़ी केंद्रों के साथ अतिरिक्त केंद्रों पर भी आशा व एएनम ने लाभार्थी अथवा उसके अभिभावकों में भी बुखार, सर्दी-खांसी के लक्षण की भी जांच की। इसके साथ ही व्यक्तिगत दूरी, मुंह को ढककर रखने व नियमित 40 सेकेंड तक हाथ धोने आदि की भी जानकारी दी गयी।
छह माह तक नियमित स्तनपान का बताया महत्व: डॉ. सुनील कुमार चौधरी ने बताया प्रारंभिक अवस्था में उचित पोषण नहीं मिलने से बच्चों का शारीरिक एवं मानसिक विकास अवरुद्ध हो सकता है। इसलिए 0 से 6 माह के बच्चे को सिर्फ स्तनपान और 6 माह के बाद शिशुओं को स्तनपान के साथ पौष्टिक ऊपरी आहार देना चाहिए। 6 माह तक शिशु को केवल स्तनपान कराने से दस्त और निमोनिया के खतरे से बचाया जा सकता है।
टीके से बच्चों की होती है सुरक्षा: डॉ. सुनील कुमार चौधरी ने बताया कि टीका एक जीवनरक्षक है जो बच्चे का रक्षा कवच बनकर उसके जीवन की सुरक्षा करता है। टीका बच्चे के शरीर को संक्रामक रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है, ताकि नवजात शिशु को कोई भी संक्रामक रोग छू न सकें। बच्चों को टीका लगवाने की यह क्रिया वैक्सीनेशन कहलाती है। संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिये यह प्रक्रिया सबसे सस्ती और सबसे प्रभावी है।
नियमित टीकाकरण कई तरह की बीमारियों से होता है बचाव: डॉ. चौधरी ने बताया शिशुओं व गर्भवती महिलाओं के रूटीन इम्यूनाइजेशन, उन्हें कई तरह की बीमारियों से बचाता है। साथ ही टीकाकरण से बच्चों के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जाता है ताकि उनके रोग से लड़ने की क्षमता विकसित हो सके।  बीमारियां जैसे खसरा, टिटनेस, पोलियो, क्षय रोग, गलाघोंटू, काली खांसी व हेपेटाइटिस बी आदि बीमारियों से यह बच्चों की सुरक्षा करता है।
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