केन्द्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने मोदी सरकार 2.0 के 1 वर्ष पूरे होने के अवसर पर 30 मई, 2019 से 30 मई, 2020 की अवधि में प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग डीएआरपीजी की उपलब्धियों पर ई-बुकलेट जारी की है। डॉ. सिंह ने अपनी उपलब्धियों को लोगों के सामने पहले पेश करने के लिए विभाग की सराहना की और वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संवाद किया।
डॉ.सिंह ने इस अवसर पर कहा कि डीएआरपीजी ने प्रधान मंत्री के सुशासन के दृष्टिकोण पर खरा उतरा है और सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन का मंत्र अपनाया है। उन्होंने इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि डीएआरपीजी ने 2019 और 2020 में क्रमशः शिलांग और मुंबई में 22 वें और 23 वें राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सम्मेलनों का आयोजन कर केंद्रीय सचिवालय और राज्यों में ई-ऑफिस के कार्यान्वयन के लिए ई-गवर्नेंस को काफी प्रोत्साहन दिया।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने माना कि डीएआरपीजी ने कई मंत्रालयों और विभागों में सीपीजीआरएएमएस सुधारों को आगे बढ़ाते हुए सार्वजनिक शिकायतों से निपटने की प्रक्रिया में काफी सुधार किया है। उन्होंने माना कि डीएआरपीजी ने कई मंत्रालयों और विभागों में सीपीजीआरएएमएस सुधारों को आगे बढ़ाते हुए सार्वजनिक शिकायतों से निपटने की प्रक्रिया में काफी सुधार किया है।
उन्होंने कहा कहा कि डीएआरपीजी द्वारा किए प्रणालीगत सुधारों की सफलता को कोविड महामारी के दौरान देखने का मौका मिला जब कई मंत्रालय / विभागों ने कार्य में व्यवधान के बिना घर से काम करते हुए ई-ऑफिस के जरिए 1.45 दिन के रिकार्ड औसत समय में 0.87 लाख शिकायतों का निपटारा किया।
डॉ जितेंद्र सिंह ने जम्मू कश्मीर सरकार को अपनी सेवाएं देने के लिए डीएआरपीजी की सराहना की। उन्होंने कहा कि डीआरपीजी ने क्षमता निर्माण पर कार्यक्रम और क्षेत्रीय सम्मेलनों का आयोजन कर जम्मू-कश्मीर में सुशासन के लिए सरकार के एजेंडे को आगे बढ़ाने में अभिनव रूप से भागीदार बनने का उदाहरण पेश किया है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि सुशासन सूचकांक (जीजीआई) 2019, राष्ट्रीय ई-सेवा वितरण मूल्यांकन 2019 और केंद्रीय सचिवालय मैनुअल ऑफ़ ऑफ़िस प्रक्रिया 2019 जैसे तीन महत्वपूर्ण प्रकाशनों के लिए डीएआरपीजी की सराहना की। ये प्रकाशन अपनी शैक्षणिक सामग्री में समृद्ध होने के साथ केन्द्रीय सचिवालयों को डिजिटल रूप से सक्षम बनाते हुए सुशासन की ओर कदम बढ़ाने में मदद गार होंगे।
भविष्य को देखते हुए, डॉ. सिंह ने कहा कि डीएआरपीजी के पास शिकायतों को समय पर निपटाने की बड़ी चुनौती है जिसे उसे फीड-बैक कॉल सेंटर के माध्यम से अपने टूल किट को उन्नत बनाकर तथा सॉफ़्टवेयर समाधानों के साथ सरकार के सुशासन के एजेंडे को आगे बढ़ाते हुए करना है। उन्होंने डीएआरपीजी से ई-गवर्नेंस और ई-सर्विस के माध्यम से घरों से काम करने की संस्कृति को बढ़ावा देने का आग्रह किया।
डीएआरपीजी के सचिव डॉ क्षत्रपति शिवाजी, अतिरिक्त सचिव वी श्रीनिवास, संयुक्त सचिव श्रीमती जया दुबे और एन.बी.एस.राजपूत के साथ विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। यह कार्यक्रम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित किया गया था।