श्रमिक स्पेशल ट्रेन में 5 दिन तक शौचालय में ‘सफर’ करता रहा मजदूर का शव
कोरोना और लॉकडाउन ने मजदूरों की दुर्गति
झांसी-
कोरोना और लॉकडाउन ने मजदूरों की ऐसी दुर्गति कर दी है, जो कभी भी भूली नहीं जाएगी. भूखे, प्यासे, इलाज के अभाव में बीमार प्रवासी मजदूरों की मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. इस क्रम में एक मामला झांसी रेलवे यार्ड में खड़ी श्रमिक स्पेशल ट्रेन से जुड़ा है. इसके एक कोच के शौचालय में बीते बुधवार की रात मजदूर का शव मिलने से हड़कंप मच गया.
बताया जा रहा है कि प्रवासी मजदूर गैर राज्य से लौटकर 23 मई को झांसी से गोरखपुर के लिए रवाना हुआ था. कई घंटों की देरी से चल रही ट्रेनों ने श्रमिक के सब्र का इम्तिहान लेना शुरू किया. श्रमिक की रास्ते में ट्रेन के शौचालय में मौत हो गई. ट्रेन गोरखपुर गई और लौट भी आई और उसका शव शौचालय में पड़ा रहा. झांसी तक लौटकर वापस आ गया.
23 मई को झांसी से गोरखपुर के लिए एक श्रमिक एक्सप्रेस रवाना हुई थी. इस ट्रेन से जिला बस्ती के थाना हलुआ गौर निवासी मोहन शर्मा (38) भी सवार होकर गए थे. वे मुंबई से झांसी तक सड़क मार्ग से आए थे. यहां बॉर्डर पर रोके जाने के बाद उनको ट्रेन से गोरखपुर भेजा गया था. वे जब चलती ट्रेन में शौचालय गए थे, तभी उनकी तबीयत बिगड़ गई और मौके पर उन्होंने दम तोड़ दिया. ट्रेन के 24 मई को गोरखपुर पहुंचने के बाद उनके शव पर किसी की नजर नहीं पड़ी.
इसके बाद ट्रेन के खाली रैक को 27 मई की रात 8.30 बजे गोरखपुर से झांसी लाया गया. यार्ड में जब ट्रेन को सैनिटाइज किया जा रहा था, तभी एक सफाई कर्मचारी की नजर शौचालय में शव पर पड़ी. सूचना पर जीआरपी, आरपीएफ, स्टेशन कर्मचारी व चिकित्सक मौके पर पहुंच गए. जांच के बाद जीआरपी ने पंचनामा भरकर शव को पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज भेज दिया.