
नयी दिल्ली-
भारतीय लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल का मानना है कि लार के उपयोग पर प्रतिबंध से तेज गेंदबाजों ही नहीं स्पिनरों को भी नुकसान होगा क्योंकि इससे उन्हें बीच के ओवरों में जरूरी ड्रिफ्ट नहीं मिलेगी। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने कोविड-19 महामारी को देखते हुए अंतरिम स्वास्थ्य उपायों के तहत गेंद पर लार का उपयोग करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके बाद माना जा रहा है कि यह खेल बल्लेबाजों के लिये अधिक अनुकूल बन जाएगा। चहल ने कहा जब आप लार जैसी कोई प्राकृतिक चीज का उपयोग करते हो तो इससे तेज गेंदबाजों को स्विंग हासिल करने और स्पिनरों को ड्रिफ्ट पाने में मदद मिलती है। ड्रिफ्ट क्रिकेट की शब्दावली है जिसका उपयोग धीमी गति के गेंदबाज द्वारा हवा के बहाव से स्पिन हासिल करने के लिये किया जाता है।
चहल ने कहॉ अगर एक स्पिनर बीच के ओवरों में ड्रिफ्ट हासिल नहीं कर सकता तो बल्लेबाजों के लिये आसानी होगी। इससे दुनिया का प्रत्येक गेंदबाज प्रभावित होगा। एक बार नेट्स पर गेंदबाजी करने के बाद ही मैं इसका समाधान ढूंढ पाऊंगा। उन्होंने कहा ‘स्पिनर भी गेंद को चमकाने के लिये लार का उपयोग करते हैं क्योंकि हमें पता होता है कि हमारे बाद तेज गेंदबाज गेंद थामंगे या वह दूसरे छोर से गेंदबाजी कर रहा होता है। चहल ने कहा, ‘‘मैं गेंद को उस स्थिति में रखना पसंद करता हूं जिससे उससे तेज गेंदबाजों को मदद मिले। तेज गेंदबाज भी ऐसा सोचते हैं। जब वे देखते हैं कि स्पिनर आने वाले हैं तो वे गेंद को बहुत अधिक चमकाने से बचते हैं। हम इस तरह से रणनीति बनाते हैं। अपने खेल के बारे में इस लेग स्पिनर ने कहा कि मुंबई इंडियन्स की तरफ से आईपीएल खेलते हुए हरभजन सिंह की एक सलाह उनके लिये हमेशा काम आयी।