स्वास्थ्य

फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर सरकार द्वारा चलाया जाते हैं विभिन्न  कार्यक्रम 

– बचाव के लिए सामुदायिक स्तर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर लोगों को किया जाता है जागरूक 

खगड़िया, 08 जुलाई-

सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर काफी गंभीर और सजग है। जिसे सार्थक रूप देने के लिए  फाइलेरिया के खिलाफ सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम चलाए  जाते  हैं । इन कार्यक्रमों के   माध्यम से लोगों को इस बीमारी के कारण, लक्षण, बचाव एवं उपचार की जानकारी दी जाती है। ताकि सामुदायिक स्तर पर लोग जागरूक हो  शुरुआती दौर में ही बीमारी की पहचान कर  अपना इलाज शुरू करवा स । दरअसल, इस बीमारी से बचाव के लिए जागरूकता के साथ-साथ सतर्कता  भी बेहद जरूरी है। इसलिए, जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियमित तौर पर लगातार विभिन्न गतिविधियों का आयोजन कर लोगों को जागरूक किया जाता है। साथ ही फाइलेरिया से पीड़ित व्यक्ति को  सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध सुविधाओं की भी जानकारी दी जाती है। ताकि संबंधित मरीज  अपना सुविधाजनक तरीके से आसानी के साथ इलाज करवा सकें  और बीमारी पर रोकथाम सुनिश्चित हो सके। 

– फाइलेरिया से बचाव के लिए अल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा का सेवन जरूरी : 
वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ विजय कुमार ने बताया, फाइलेरिया से बचाव के लिए अल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा का सेवन भी बेहद जरूरी है। इसलिए, सरकार द्वारा समय-समय पर एमडीए अभियान का आयोजन कराया जाता है। जिसके माध्यम से जिले भर में पखवाड़ा चलाकर लोगों को दवाई का सेवन कराया जाता है। जबकि, फाइलेरिया से पीड़ित व्यक्ति को स्थानीय स्वास्थ्य संस्थानों में शिविर आयोजित कर एमएमडीपी किट उपलब्ध करायी  जाती  है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग द्वारा एएनएम, आशा कार्यकर्ता समेत अन्य कर्मियों के सहयोग से अभियान चलाकर लोगों को जागरूक भी किया जाता है। 

– क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है फाइलेरिया : फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है, जो क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इसका कोई पर्याप्त इलाज संभव नहीं है। लेकिन, इसे शुरुआती दौर में ही पहचान करते हुए रोका जा सकता है। इसके लिए संक्रमित व्यक्ति को फाइलेरिया ग्रसित अंगों को पूरी तरह स्वच्छ पानी से साफ करना चाहिए। साथ ही सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही डीईसी व अल्बेंडाजोल की दवा का नियमित सेवन करना चाहिए। 

– फाइलेरिया मुख्यतः शरीर के चार अंगों  को करता है प्रभावित : 
फाइलेरिया मुख्यतः मनुष्य के शरीर के चार अंगों को प्रभावित करता है। जिसमें पैर, हाथ, हाइड्रोसील एवं महिलाओं का स्तन शामिल हैं । हाइड्रोसील के अलावा फाइलेरिया संक्रमित अन्य अंगों को ऑपरेशन द्वारा ठीक नहीं किया जा सकता है। संक्रमित व्यक्ति को समान्य उपचार के लिए किट उपलब्ध कराई जाती है, जबकि हाइड्रोसील फाइलेरिया संक्रमित व्यक्ति को मुफ्त ऑपरेशन की सुविधा मुहैया कराई जाती है। 

– फाइलेरिया क्या है ? 
– फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है।
– किसी भी उम्र का  व्यक्ति फाइलेरिया से संक्रमित हो सकता है।
– फाइलेरिया के लक्षण हाथ और पैर में सूजन (हाँथीपाँव) व हाईड्रोसील (अण्डकोष में सूजन) है। 
– किसी भी व्यक्ति को संक्रमण के पश्चात बीमारी होने में 05 से 15 वर्ष लग सकते हैं। 

– फाइलेरिया से बचाव के उपाय : 
– सोने के समय मच्छरदानी का निश्चित रूप से प्रयोग करें।
– घर के आसपास गंदा पानी जमा नहीं होने दें।
– अल्बेंडाजोल व डीईसी दवा का निश्चित रूप से सेवन करें। 
– साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें।
 से बचाव के लिए जागरूकता और सतर्कता बेहद जरूरी

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