लखीसराय जिले में 77 फीसदी लोगों ने एमडीए अभियान के दौरान फाइलेरिया रोधी दवा खायी
—सर्वजन दवा सेवन अभियान ही है फाइलेरिया उन्मूलन अभियान
—राज्य में हर साल दो बार चलाया जाता है सर्वजन -दवा सेवन अभियन
लखीसराय-
फाइलेरिया एक गंभीर ही नहीं बल्कि लाइलाज बीमारी है। जो भी व्यक्ति इस बीमारी के चपेट में आता है । उसकी पूरी जिन्दगी उस इंसान के लिए एक बोझ बनकर रह जाता है। चाहकर भी वो इंसान इस बीमारी से छुटकारा नहीं पा सकता है। इसलिए समय रहते इसके उन्मूलन हेतु दवा खाना ही इससे बचाव का सफल रास्ता है। पुर राज्य में सरकार इस बीमारी से बचाव हेतु साल में दो बार सर्वजन -दवा सेवन अभियान चलाकर लोगों को आशा दीदी के माध्यम से पूरे समुदाय को दवा खिलाती है। लखीसराय जिला में भी इस बार 10 अगस्त से 29 अगस्त तक सर्वजन -दवा सेवन अभियान चलाया गया। अभियान के बाद 7 दिनों तक मॉप-अप राउंड चलाया गया। इस अभियान के दौरान कुल 77 प्रतिशत लोगों ने फाइलेरिया रोधी दवा खायी है।
सिविल सर्जन डॉ बीपी सिन्हा कहते हैं कि फाइलेरिया बीमारी होने के बाद इंसान की शारीरिक ही नहीं। बल्कि सामाजिक व आर्थिक के साथ—साथ कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए इस गंभीर एवं लाइलाज बीमारी से बचने का एक मात्र उपाय है।
सरकार द्वारा समय -समय पर चलाए जाने वाले सर्वजन -दवा सेवन अभियान के दौरान फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन करना।
अभियान की सफलता हेतु 6 सौ टीम एवं 60 सुपरवाइजर बनाया :
वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी गौतम प्रसाद ने बताया कि दवा खिलाने के लिए जिले की लक्षित आबादी कुल 13,10000 (तेरह लाख दस हजार ) थी। दवा खिलाने के लिए जिला में कुल 6 सौ टीम एवं 60 सुपरवाइजर बनाए गए थे। सभी को सख्त निर्देश दिया गया था किसी भी व्यक्ति के बीच दवा बांटनी नहीं है बस अपने सामने ही खिलानी है। ताकि हम फाइलेरिया उन्मूलन में अपनी सही सहभागिता निभा सकें।
याद रखना चाहिए :
•दो साल से काम उम्र के बच्चों नहीं खिलानी है दवा।
•गर्भवती महिलाओं एवं गंभीर रोग से पीड़ित व्यक्तियों के छोड़कर सभी स्वस्थ लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन है करानी।
•फाइलेरिया रोधी दवा कभी भी खाली पेट नहीं खानी है।