स्वास्थ्य

नवजात मृत्यु दर में कमी लाने एवं शिशुओं के शारीरिक और मानसिक विकास के उद्देश्य से 1से 7 अगस्त के दौरान जिला भर में मनाया जा रहा है विश्व स्तनपान सप्ताह : डीएम

: जिला भर में विश्व स्तनपान सप्ताह के सफल संचालन में स्वास्थ्य विभाग के साथ समेकित बाल विकास सेवाएं निदेशालय के अधिकारी और कर्मी करेंगे सहयोग

: प्रखंड स्तर पर कार्यशाला के साथ- साथ हेल्दी बेबी शो का किया जाएगा आयोजन : सिविल सर्जन

लखीसराय, 2 अगस्त 2024 :

नवजात मृत्यु दर में कमी लाने, शिशुओं के शारीरिक और मानसिक विकास के साथ- साथ उन्हें कुपोषण से बचाने और माताओं के स्वास्थ्य में सुधार लाने के उद्देश्य से 1से 7 अगस्त के दौरान जिला भर में विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जा रहा है। इस आशय कि जानकारी शुक्रवार को विश्व स्तनपान सप्ताह के सफल आयोजन को लेकर आयोजित जिला स्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी रजनीकांत ने कही। उन्होंने बताया कि विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान जिला भर में स्वास्थ्य विभाग के साथ- साथ समेकित बाल विकास सेवाएं निदेशालय के अधिकारी और कर्मियों के सहयोग से विभिन्न गतिविधियों का आयोजन कर प्रत्येक माताओं को नियमित स्तनपान के महत्व के बारे में जागरूक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि नवजात के जन्म के पहले घंटे में स्तनपान शुरू करने एवम शुरू के छह महीने तक केवल स्तनपान करने से नवजातों में मृत्यु कि संभावना 20% तक कम हो जाती है। इसके अलावा स्तनपान कराने वाली माताओं में भी स्तन और ओवरी कैंसर के होने का खतरा कम हो जाता है।

प्रखंड स्तर पर कार्यशाला के साथ- साथ हेल्दी बेबी शो का किया जाएगा आयोजन

जिला स्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए सिविल सर्जन डॉक्टर बीपी सिन्हा ने बताया कि प्रखंड स्तर पर भी कार्यशाला के साथ- साथ हेल्दी बेबी शो का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम में एसएनसीयू, केएमसी, पिडिएट्रिक वार्ड, पीकू और एनआरसी स्टाफ, ममता कार्यकर्ता और भर्ती बच्चे कि मां हिस्सा लेगी। इस अवसर पर स्तनपान से होने वाले लाभ और डिब्बा बंद दूध और बोतल एवं निपल के प्रयोग से होने वाले नुकसान के बारे में उन्मुखीकरण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा पूरे विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान मां कार्यक्रम के अनुसार गर्भवती महिलाओं और धात्री माताओं के साथ बैठक कर स्तनपान से होने वाले लाभ और स्तनपान के सही तरीके के बारे में चर्चा किया जाएगा। इसके अलावा प्रत्येक स्वास्थ्य संस्थानों में स्तनपान कक्ष (ब्रेस्ट फीडिंग कॉर्नर) का निर्माण कराया जाना है।

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