नीतीश ने फिर से पलटी मारी, इंडी गठबंधन छोड़ एनडीए संग 9 वीं बार ली मुख्यमंत्री पद की शपथ
-बिहार में महागठबंधन को झटका, नीतीश की पलटी के लिए खड़गे जिम्मेदार
-रितेश सिन्हा, वरिष्ठ पत्रकार व राजनीतिक विश्लेषक
राजद-कांग्रेस और वाम दलों के साथ गठबंधन को तोड़कर कर नीतीश कुमार ने भाजपा के नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाले एनडीए गठबंधन में अपनी गांठ बांध ली। जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने रविवार सुबह इस्तीफा देकर शाम को पुनः अपने 8 मंत्रियों के साथ शपथ ले ली। नीतीश कुमार ने जातिगत समीकरण को साधते हुए अगड़े, पिछड़े और दलित वर्ग के साथ लेते हुए बिहार के सामाजिक ताने-बाने को बांधते हुए नए मंत्रीमंडल का गठन कर लिया है। आगामी लोकसभा चुनाव से ठीक दो महीने पूर्व नीतीश की राजनीतिक पलटी सुर्खियों में है जो एक नए सत्ता समीकरण की ओर इशारा करती है। एनडीए में पुनर्वापसी के साथ नीतीश अब 2019 की तर्ज पर 39 सीटों की बजाए अब 40 सीटों पर जीत का दावा कर रहे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 17, जदयू ने 16 और 6 सीटों पर रामविलास की लोजपा ने जीत दर्ज की थी। 1 सीट कांग्रेस के खाते में गई थी।
बिहार में पिछड़े और अतिपिछड़ों को अपने पाले में खींचने के लिए भाजपा ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित कर सूबे में एक बड़ा दांव चल दिया है। नीतीश ने प्रधानमंत्री मोदी की इस कदम की भूरि-भूरि प्रशंसा भी की। तभी से ये कयास लगने लगे कि मोदी और नीतीश के बीच में संवाद बन चुका है जिसे जोड़ने में राज्यसभा में उपसभापति हरिवंश ने बड़ी भूमिका निभाई। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि करिश्माई नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भाजपा एनडीए गठबंधन द्वारा अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा देश की बहुसंख्यक समुदाय में अपना विशेष प्रभाव छोड़ चुकी है। अब जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न का सम्मान देना और नीतीश का एनडीए गठबंधन में शामिल होना पूरे बिहार को भगवामय कर देगा।
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भले ही खेला होने की बात कर रहे हों, लेकिन उनके हाव-भाव बता रहे हैं कि राजद में भारी निराशा है। 2024 के लोकसभा चुनाव में राजद की स्थिति 2019 वाली ही रहने वाली है। इस पूरे घटना से एक बार उभर कर आती है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपनी महत्वाकांक्षा में पार्टी को ही दांव पर लगा दिया है। इंडी महागठबंधन में स्वयंभू खलीफा बने खड़गे ने पूरी पार्टी को ही पश्चिम बंगाल में ममता के हाथों में सौंप दिया है। कांग्रेस अब बिहार में लालू के भरोसे है, और यूपी में अखिलेश के आगे घुटने टेक चुकी है। रही सही कसर पंजाब और दिल्ली में कांग्रेस को कुल 3 सीटें देकर केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने हरियाणा में भी अपना बड़ा दावा ठोक दिया है। अब तो केजरीवाल भी राम-राम कर रहे हैं। जदयू के एनडीए में शामिल होने के बाद बिहार में कितने विधायक कांग्रेस में टिकेंगे, ये दो-तीन दिनों में साफ हो जाएगा।
बिहार में फिर एक बार नई सरकार का गठन हो गया है जिसकी अगुवाई नीतीश कुमार करेंगे। नीतीश ने बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में नौंवीं बार शपथ ली है। उनके साथ शपथ लेने वालों में सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा उपमुख्यमंत्री बनाए गए हैं। नीतीश ने रविवार को सुबह राज्यपाल के समक्ष अपना इस्तीफा सौंपा था। इसके पूर्व महागठबंधन की सरकार का बतौर मुख्यमंत्री नेतृत्व कर रहे थे जिसमें जदयू, राजद के अलावा कांग्रेस और वामदल भी शामिल थे। नीतीश ने एक बार फिर से पलटी मारते हुए भाजपा और एनडीए के अन्य दलों के साथ सरकार का दावा पेश करते हुए मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली।
शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई दिग्गज नेता भी मौजूद थे। नीतीश के साथ उपमुख्यमंत्री के अलावा जमुई जिले की चकाई सीट से निर्दलीय विधायक सुमित सिंह भी नए मंत्रीमंडल में युवा चेहरे के तौर पर शरीक हुए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री व हम पार्टी के अध्यक्ष जीतन राम मांझी के पुत्र संतोष कुमार सुमन ने भी मंत्री पद की शपथ ली। वहीं जदयू के श्रवण कुमार, विजय कुमार चौधरी और विजेंन्द्र यादव ने भी शपथ ली। भाजपा के नेता के तौर पर दोनों उपमुख्यमंत्री के बाद गया के प्रेम कुमार ने भी शपथ ली। नीतीश समेत कुल 9 मंत्री बनाए गए हैं।
तेजस्वी : 2024 में जदयू खत्म
पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण समारोह पर हल्ला बोलते हुए बड़ा हमला करते हुए कहा कि पाला बदलने वाले नीतीश कुमार की पार्टी जदयू 2024 में खत्म हो जाएगी। हम हार मानने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में असली खेल अब होगा। तेजस्वी ने कहा कि नीतीश की सरकार में रहते हुए हमलोगों ने 17 महीने में ऐतिहासिक काम किए हैं।