देशस्वास्थ्य

36 साल के मरीज का बदला जीवन, मैक्स अस्पताल गुरुग्राम में हुई सफल टोटल हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी



 
दिल्ली: मैक्स अस्पताल गुरुग्राम में एक ऐसे मरीज के जीवन को आसान बनाया गया है जिसके दाहिने कूल्हे ने उनको परेशान कर दिया था. 36 वर्षीय इस मरीज को दाहिने कूल्हे में बहुत ज्यादा दर्द होता था और टोटल हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी के बाद मरीज को इससे मुक्ति मिल गई है. मरीज को गंभीर वैस्कुलर नेक्रोसिस की समस्या थी. इस हालत में मरीज के बोन टिशू की डेथ हो जाती है और ब्लड सप्लाई ठीक से नहीं हो पाती.
ये रोग पहले दुर्लभ समझा जाता था लेकिन अब हर उम्र के लोगों में ये समस्या देखी जा रही है. खासकर, कोविड महामारी के बाद से युवा मरीजों में एवैस्कुलर नेक्रोसिस (एवीएन) का असर देखा जा रहा है.

मैक्स हॉस्पिटल गुरुग्राम के चेयरमैन व चीफ सर्जन डॉक्टर एसकेएस मारया ने इस केस के बारे में बताया, ”36 वर्षीय टीके गुरुग्राम के रहने वाले हैं, वो हमारे यहां ओपीडी में दिखाने आए थे. उन्हें राइट हिप यानी दाहिने कूल्हे में बहुत ज्यादा दर्द था जो कुछ साल पहले ही शुरू हुआ था. ये दर्द इतना ज्यादा था कि रोजमर्रा के कामकाज पर भी असर पड़ने लगा था. मरीज की गहन जांच-पड़ताल की गई जिसमें पता चला कि उन्हें सेकंडरी ऑस्टियोअर्थराइटिस है जो एवैस्कुलर नेक्रोसिस का एक गंभीर मामला था.”

मरीज की कंडीशन को देखते हुए रिप्लेसमेंट सर्जरी का फैसला किया गया और डॉक्टरों ने इस युवा मरीज की टोटल हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी की. 36 वर्षीय टीके को दर्द से मुक्ति दिलाने और उनके जीवन को आसान बनाने का यही एक विकल्प था, जो सफल रहा.

डॉक्टर एस.के.एस मारया ने आगे बताया, ”एवैस्कुलर नेक्रोसिस कोई आम बीमारी नहीं है लेकिन कोविड महामारी के बाद से युवा आबादी में इसकी बढ़ोतरी देखी जा रही है. ये समस्या यूं तो शरीर के अलग-अलग हिस्सों के जॉइंट में हो सकती है लेकिन इसका सबसे ज्यादा असर हिप जॉइंट (कूल्हे के जोड़ों)  और नी-जॉइंट (घुटने के जोड़ों ) पर होता है. इसके अलावा कंधों, टखनों और कलाई में भी इसका असर होता है. अगर किसी को शरीर के इन हिस्सों में लगातार दर्द की शिकायत है तो वो जरूर डॉक्टर को दिखाएं ताकि पता चल सके कि दर्द कितना गंभीर है.”

मैक्स हॉस्पिटल गुरुग्राम ने एक बार फिर मेडिकल नॉलेज को आगे बढ़ाने के अपने कमिटमेंट को साबित किया है. एवीएन के बारे में जागरूकता बढ़ाने में अस्पताल ने सक्रिय रुख अपनाया है जिससे इस क्षेत्र में मरीजों को बेहतर परिणाम मिलने की उम्मीद है, साथ ही पब्लिक हेल्थ में भी सुधार की उम्मीद है. 

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