स्वास्थ्य

मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना • सरकारी सुविधाओं की बदौलत जिले के तीन बच्चे का हुआ समुचित इलाज

 

– समय पर बीमारी की पहचान और बेहतर स्वास्थ्य सुविधा की  बदौलत तीनों बच्चे ने हृदय रोग को दी मात 
– आरबीएसके टीम द्वारा तीनों को चिह्नित  कर कराया गया समुचित सफल इलाज 

बेगूसराय, 17 अगस्त-
  
हृदय रोग से पीड़ित बच्चों को इलाज कराने में कोई असुविधा नहीं हो और सुविधाजनक तरीके से समुचित और सफल इलाज हो  इस उद्देश्य से बिहार सरकार द्वारा  मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना चलायी जा रही है ।  यह योजना  ऐसे पीड़ित बच्चों के लिए काफी सहयोगात्मक साबित हो रही  है। दरअसल, उक्त योजना के तहत ना केवल निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही  बल्कि, हृदय रोग से पीड़ित बच्चों का सफल और समुचित इलाज भी हो रहा है। जिसका  सकारात्मक परिणाम यह है कि लगातार ऐसे बच्चे हृदय रोग को मात भी दे रहे  हैं। इसी कड़ी में जिले के तीन बच्चे बेहतर स्वास्थ्य सुविधा की  बदौलत हृदय रोग को मात देने में सफल रहे। जिसमें भगवानपुर के बनहारा निवासी मो. इसराक की 02 वर्षीया पुत्री अनम इसराक, जीनपुर (बीरपुर) निवासी कुंदन कुमार चौधरी के तीन माह की पुत्री अंशिका कुमारी एवं विष्णुपुर निवासी शिवा कुमार की 03 वर्षीया पुत्री युवान शामिल हैं । सभी बच्चे जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित थे । यह सबकुछ सरकार की मजबूत और बेहतर स्वास्थ्य सुविधा की बदौलत ही संभव हुआ। 

– पहले निजी क्लीनिक में करायी  जाँच, फिर सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों का लिया सहारा : 
अनम के  पिता इसराक ने बताया, मेरी बेटी को सर्दी-खांसी की समस्या लगातार रहती थी। जिसके कारण मैं एक निजी क्लीनिक में जाँच कराने गया तो वहाँ मुझे जानकारी मिली कि उसके दिल में छेद है। जिसके बाद मैं पटना गया, वहाँ भी निजी अस्पतालों में जाँच कराने पर चिकित्सकों ने यही बात कही । जिसके बाद मैं इलाज में होने वाले  खर्च के बारे में पूछा तो चार से पाँच लाख  रुपये बताया गया। मैं इतनी बड़ी राशि खर्च करने में सक्षम नहीं था। क्योंकि, मैं एक मजदूर हूँ और मजदूरी की  बदौलत ही पूरे परिवार की  परवरिश करता हूँ। जिसके कारण मैं अपनी बेटी के  इलाज होने की उम्मीद छोड़ कर वापस आ गया। इसके बाद मुझे आरबीएसके टीम के सहयोग से सरकारी खर्च पर इलाज होने की जानकारी मिली। जिसके बाद मैं अपनी बच्ची को लेकर भगवानपुर पीएचसी गया। जहाँ जाँच के बाद स्क्रीनिंग और समुचित इलाज के लिए मुझे पटना भेजा गया। जहाँ मेरी बेटी का समुचित इलाज इलाज हुआ और आज मेरी बेटी पूरी तरह स्वस्थ है। 

– रिश्तेदार के माध्यम से मिली निःशुल्क समुचित इलाज की जानकारी : 
अंशिका के पिता कुंदन कुमार चौधरी ने बताया, मेरी बेटी की तबियत खराब होने पर मैं इलाज कराने के लिए निजी अस्पताल गया। जहाँ मेरी बेटी को दिल में छेद होने की जानकारी मिली एवं इलाज में चार से पाँच लाख रुपये खर्च होने की बात बताई गई। मैं खर्च करने में असमर्थ था। जिसके कारण इलाज की उम्मीद छोड़ कर वापस घर आ गया। इसी दौरान एक रिश्तेदार ने मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत निःशुल्क इलाज होने की जानकारी दी। जिसके बाद मैं सदर अस्पताल गया। जहाँ जाँच के बाद स्क्रीनिंग के लिए आईजीआईसी पटना भेजा गया। वहाँ से स्क्रीनिंग के बाद समुचित इलाज के लिए अहमदाबाद भेजा गया। जहाँ मेरी बेटी का सफल ऑपरेशन हुआ और आज पूरी तरह स्वस्थ है। कुंदन भी मजदूरी  कर अपने परिवार की  परवरिश करता है। 

– अखबार के माध्यम से निःशुल्क समुचित इलाज की मिली जानकारी : 
युवान के पिता शिवा ने बताया, मुझे निजी क्लीनिक में जाँच कराने पर बच्चे को दिल में छेद होने की जानकारी मिली। किन्तु, इलाज में बहुत ज्यादा खर्च बताया गया, जो मेरे वश की बात नहीं थी। क्योंकि, मैं मजदूरी करके  जीवन-यापन करता हूँ। इसी दौरान स्थानीय सेविका ने अखबार में छपी खबर को दिखाकर बताया  कि ऐसे रोगी का सरकारी खर्च पर निःशुल्क इलाज होता है। जिसके बाद मैं सदर अस्पताल में तैनात आरबीएसके टीम के सहयोग से अपने बच्चे का  समुचित इलाज कराया। मेरे बच्चे का अहमदाबाद में सफल इलाज हुआ और आज पूरी तरह स्वस्थ है। 

– इलाज के दौरान मिली  बेहतर और समुचित सुविधाएं : 
तीनों बच्चे के पिता ने बताया, हमलोगों  के पास अपने बच्चे के  इलाज कराने के लिए पर्याप्त राशि   नहीं थी । जिसके कारण  इलाज होने की उम्मीद से हाथ धो चुका था। किन्तु, इसी बीच मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना की जानकारी मिली। जिसके बाद उक्त योजना के तहत हमारे  बच्चे का इलाज शुरू हुआ और आज सभी बच्चे हृदय रोग को मात देकर पूरी तरह स्वस्थ हैं । इलाज के दौरान बेहतर और समुचित स्वास्थ्य सुविधा मिली  एवं आरबीएसके टीम का भी काफी सहयोग मिला। 

– सभी बच्चे है पूरी तरह स्वस्थ, सामान्य बच्चों की तरह जी रहे  हैं जिंदगी : 
आरबीएसके के समन्वयक डाॅ रतिश रमण ने बताया, समय पर इलाज शुरू होने के कारण तीनों बच्चे हृदय रोग को मात देने में सफल रहे और सभी बच्चे आज पूरी तरह स्वस्थ हैं । साथ ही सामान्य बच्चों की तरह जिंदगी जी रहे हैं। वहीं, उन्होंने कहा, मैं अन्य लोगों से भी अपील करता हूँ कि  ऐसी परेशानी होने पर तुरंत स्थानीय स्वास्थ्य संस्थान जाकर आरबीएसके टीम से संपर्क करें। हर जरूरी मदद की जाएगी और समुचित इलाज भी कराया जाएगा।

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