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सीपीएसई इकाइयों का टर्नओवर, दक्षता और लाभप्रदता बढ़ने पर जोर दे रही है सरकार: श्री प्रकाश जावडेकर

वर्तमान में जारी महामारी के इस दौर में केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (सीपीएसई) द्वारा निभाई गई अहम भूमिका की सराहना करते हुए भारी उद्योग और लोक उद्यम मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर ने कहा

वर्तमान में जारी महामारी के इस दौर में केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (सीपीएसई) द्वारा निभाई गई अहम भूमिका की सराहना करते हुए भारी उद्योग और लोक उद्यम मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर ने कहा,“पीएसयू राष्ट्र का गौरव हैं और मोदी सरकार इन इकाइयों की दक्षता, टर्नओवर और लाभप्रदता बढ़ाने पर जोर दे रही है।”

केन्द्रीय मंत्री ने राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल के साथ आज “आत्मनिर्भर, स्व-पुनर्जीवित और लचीले भारत” शीर्षक वाले संकलन की पेशकश की है। यह संकलन महामारी के दौरान पीएसई के योगदान के बारे में है। (e-Compendium)
जावडेकर ने कोविड-19 महामारी के दौरान पीएसई द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की। श्री जावडेकर ने कहा,“कोविड महामारी के दौरान बिजली की आपूर्ति 99 प्रतिशत रही, लोगों की सेवा के लिए लगभग 24,000 एलपीजी वितरक, 71,000 खुदरा आउटलेट, 6,500 एसकेओ डीलर लगातार काम करते रहे।”

लगभग 100 प्रतिशत सामान की आवाजाही और सामानों का उत्पादन बरकरार रखने के लिए सीपीएसई की प्रशंसा करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा,“अप्रैल से जून तक 3 महीने के दौरान 13,000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता के साथ लोगों को लगभग 71 करोड़ एलपीजी सिलिंडर दिए गए, ओएमसी कंपनियों ने उपभोक्ताओं को 21 करोड़ मुफ्त सिलिंडर उपलब्ध कराए।” उन्होंने कहा कि लगभग 33 मिलियन एमटी सामान की ढुलाई की गई और सीपीएसई ने देश के बड़े शहरों और दूरदराज के स्थानों में स्थित 201 अस्पतालों को लगभग 11,000 बिस्तरों के साथ ही चिकित्सा सहायता भी उपलब्ध कराई।
जावडेकर ने कहा कि जैसे-जैसे देश अनलॉक हो रहा है और “आत्मनिर्भर” भारत की ओर बढ़ रहा है, वैसे वैसे पीएसई की भूमिका बढ़ती जा रही है। उन्होंने इस बात पर खुशी जाहिर की कि सीपीएसई ने 90 प्रतिशत से ज्यादा उत्पादन क्षमता हासिल कर ली है।

केन्द्रीय मंत्री ने बताया,“आज सालाना लगभग 1.75 लाख करोड़ रुपये सकल लाभ और 25 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा टर्नओवर वाली कुल 249 सीपीएसई परिचालन में हैं, वे लगभग लाभांश, ब्याज, कर और जीएसटी के रूप में लगभग 3.62 लाख करोड़ रुपये का भुगतान करती हैं। साथ ही उनका सालाना कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व व्यय लगभग 3,500 करोड़ रुपये है।”

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