राज्य

चिकित्सा, शिक्षा व रोजगार में बिहार सरकार फेल – राजीव राज

जय हिंद नेशनल पार्टी- जेएनपी इंडिया, के रिसर्च टीम ने बिहार के विभिन्न मापदंडों जैसे जनसंख्या, गरीबी, शिक्षा, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, कानून और व्यवस्था, आदि पर सांख्यिकीय विश्लेषण पर काम किया है और पाया है कि ये स्थिति एक साल में बिगड़ी नहीं बल्कि कई वर्षों से कोई काम नहीं हुआ है।
इन सभी मापदंडों को राज्य में विभिन्न सत्तारूढ़ सरकार द्वारा बुरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया और इसके परिणामस्वरूप स्थिति काफी गंभीर हो गई है।
जय हिन्द नेशनल पार्टी – जेएनपी इंडिया के पटना जिलाध्यक्ष राजीव राज ने कहा – वर्तमान बिहार सरकार चिकित्सा, शिक्षा व युवाओं को रोजगार देने में असफल साबित हो रही है। वैसे तो राज्य में बहुतेरे मामले हैं जिसमें राज्य की जग हंसाई विदित है। हत्या, डकैती, अपहरण, महिलाओं का शोषण, बलात्कार चरम पर है।
यह सच है कोरोना महामारी काल में राज्य की चिकित्सा व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार व विधि व्यवस्था जग जाहिर हो गई। न चिकित्सक, न बेड, न ऑक्सीजन, न दवाई सब कमी सामने आ गया। यहां तक कि सत्तासीन मंत्री, विधायक व विधायक के परिजन को भी पर्याप्त चिकित्सा व्यवस्था न मिल पाने के कारण बेड व वेंटिलेटर की कमी से मौत को गले लगाना पड़ा तो आम जन की सुविधा की बात ही व्यर्थ है।
पटना हाईकोर्ट द्वारा बार–बार चिकित्सा व्यवस्था पर नोटिस करना सरकार की निर्लज्ता पर प्रश्नचिन्ह है। राज्य में उद्योग–धंधे नहीं होने की वजह से युवा रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में पलायन को मजबूर होते हैं। आखिर सरकार 15 वर्षों में एक भी उद्योग–धंधे स्थापित करने में असफल क्यों है? क्यों युवाओं को रोजगार नहीं मिल पा रहा है?


वर्तमान सरकार सिर्फ़ सत्ता के लिए और सत्ता पर काबिज रहने के लिए कार्य कर रही है। सत्ता का मोह सरकार को ले डूबेगी। बिहार के लोग इस निरंकुश सरकार से हर मोर्चे पर त्रस्त हो चुकी है, इसलिए जनता अब राज्य में तीसरा विकल्प तलाश रही है।
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.आशीष श्रीवास्तव का मानना है कि बिहार की संभावनाओं और साख को बुरी तरह से नजरअंदाज किया गया और इसका दुरुपयोग किया गया और इसकी वजह से बिहार एक गरीब राज्य बन गया, बजाय इसके कि यह सबसे अमीर राज्य हो। पार्टी का मानना है कि ” बिहार जैसा बड़ा राज्य, अवसरों का सबसे बड़ा स्रोत होना चाहिए”, जो अब तक नहीं हो सका है।
नाम को पुनर्जीवित करने और बिहार को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए, बिहार को निश्चित रूप से जेएनपी इंडिया के नाम पर एक सकारात्मक वैकल्पिक सरकार की आवश्यकता है, जो शिक्षित, प्रतिबद्ध हो और बिहार के लोगों को स्थायी समाधान दे सके। बिहार के लोगों को राज्य के पुनरुद्धार और विकास के लिए अपने मिशन पर जेएनपी इंडिया का समर्थन करना चाहिए।
जेएनपी इंडिया, बिहार के लोगों को उनके मूल अधिकारों के बारे में जागरूक करना चाहती है और उन्हें विभिन्न आँकड़ों के बारे में भी बताती है जो बिहार के लिए सही नहीं हैं। बिहार में स्थितियों को सुधारने के लिए सभी को आगे आना होगा।
जेएनपी इंडिया ने सभी संबंधितों से जवाब मांगा:बिहार के लोगों की ऐसी दयनीय स्थिति के लिए कौन जिम्मेदार है?
जनसंख्या : 12.85 करोड़। बिहार जनसंख्या में नंबर 2 पर है। गरीबी:: बिहार भारत का 2 दूसरा सबसे गरीब राज्य है। अभी भी, 4करोड़ से अधिक लोग (बीपीएल) गरीबी रेखा से नीचे रह रहे हैं। इतना बड़ा राज्य, लेकिन फिर भी समृद्धि नहीं। शिक्षा: बिहार शिक्षा की गुणवत्ता में अंतिम स्थान पर है। अभी भी बिहार में 5 करोड़ से अधिक लोग निरक्षर हैं।भ्रष्टाचार : बिहार भारत का (02nd) दूसरा सबसे भ्रष्ट राज्य है।न्यायपालिका: भारत के विभिन्न न्यायालयों में उच्चतम लंबित मामले (>30 लाख) बिहार से है।
कानून व्यवस्था : बिहार में अपराध दर हमेशा बहुत अधिक रही है।नौकरियां: बिहार में बेरोजगारी दर 46.6% बहुत अधिक है। नौकरी के अवसर नहीं। शिक्षित युवा बेरोजगार हैं।प्रवासन दर: बिहार से प्रवासन दर बहुत अधिक है। क्यों हमें नौकरी पाने के लिए अपना राज्य छोड़ना पड़ता है।
प्रेसवार्ता के दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने बिहार की जनता से अनुरोध किया कि शिक्षित समाज,पढ़े लिखे युवा,महिलाओं को आगे आना चाहिए और एक सकारात्मक बदलाव का भागीदार बनना चाहिए। आगामी चुनावों में जयहिंद नेशनल पार्टी (जेएनपी इंडिया) सभी सीटों पर बिहार में अपना पार्टी उम्मीदवार उतारेगी। वार्ता के दौरान राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. राजीव मिश्रा भी उपस्थित थे।

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