राज्य

कोरोना काल में फरिश्ते की तरह काम कर रही हैं एएनएम अंजू कुमारी

घर-घर जाकर लोगों की कर रही स्क्रीनिंग

क्षेत्र के लोगों को सफाई के प्रति कर रही जागरूक
बांका, 13 जुलाई
कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच स्वास्थ्यकर्मियों की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है. स्वास्थ्यकर्मियों के ही मेहनत का नतीजा है कि लोग कोरोना के प्रति जागरूक हो रहे हैं और संक्रमित होने से बच रहे हैं. बांका  शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की एएनएम अंजू कुमारी इस परिस्थिति में जिस तरह से काम कर रही हैं वह किसी मिसाल से कम नहीं है. शहरी क्षेत्र के घर घर में जाकर लोगों को जागरूक कर रही अंजू कुमारी लोगों के लिए उम्मीद की तरह है। वह घर घर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग कर  रही हैं. साथ में घर के सदस्यों को  स्वच्छता के प्रति जागरूक रहने को भी कह रही हैं. लोगों को घर से निकलते वक्त मास्क पहनने की सलाह भी दे रही हैं.
चुनौतियों को दे रही मात: एएनएम अंजू कुमारी बताती हैं, शहरी क्षेत्र के लोग तो स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहते हैं लेकिन शहर में बाहर से आने वाले लोग उतना जागरूक नहीं रहते हैं. शहरी क्षेत्र के लोगों को समझाना थोड़ा आसान है परंतु बाहर से आए लोगों को समझाना थोड़ा चुनौतीपूर्ण काम जरूर है. एएनएम अंजू कुमारी समय से ड्यूटी पर पहुंचकर अपने काम में लग जाती हैं। संक्रमण से बचने के लिए महिलाओं को सफाई के प्रति विशेष ध्यान रहने की सलाह  देती हूं ताकि घरेलू कार्य में सफाई का ध्यान रख सके. शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आए हुए मरीजों की बेहतर देखभाल करती हैं ।
कर्तव्य के प्रति बेहद ईमानदार है अंजू: पीएचसी प्रभारी डॉ सुनील कुमार चौधरी एएनएम अंजू कुमारी के बारे में बताते हुए कहते हैं कि वह बहुत ईमानदारी से अपना काम कर रही हैं. प्रतिदिन समय से ड्यूटी पर आती हैं और अपने काम में लग जाती हैं. अंजू कुमारी ने अब तक हजारों लोगों की स्क्रीनिंग की है और सैकड़ों लोगों की सैंपलिंग भी करवाई है. दूसरे स्वास्थ्यकर्मियों को उनसे सीख लेनी चाहिए. कोरोना काल में स्वास्थ्य सेवा में दिन रात लगे रहना आसान नहीं है. इस विपरीत परिस्थिति में अंजू कुमारी बांका के लिए एक फरिश्ता बनकर लोगों की सेवा में लगी है. अंजू कुमारी असाधारण तरीके से बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए समर्पित दिख रही हैं। वह गर्व से कहती है कि बांका उनका घर है. यहां के लोगों की सेवा करना कर्तव्य  और ड्यूटी  है। वह बताती हैं कि कोरोना काल में कुछ दिन काम करने के बाद उन्हें एहसास  हो गया था कि अभी अगर  ज्यादा मजबूती से काम नहीं किया तो आगे और भी चुनौती बढ़ने वाली है. इसलिए शुरुआत से ही वह पूरी लगन के साथ काम कर रही हैं। उन्हें उम्मीद है एक दिन हम सभी मिलकर कोरोना मत दे देंगे.
 घर के सदस्यों का मिल रहा साथ:
अंजू कुमारी के दो बच्चे हैं. वह कहती है घर की जिम्मेदारी के साथ ड्यूटी करना आसान नहीं है लेकिन जब घर के सदस्य साथ दे तो चुनौती कम हो जाती है. पति हमारा हमेशा हौसला बढ़ाते हैं जबकि बच्चे भी सहयोग करते हैं. वह जानते हैं मुझे ड्यूटी पर जाना है तो घर का काम खुद से कर लेते हैं.इस तरह से मुझे सहयोग मिल जाता है और मेरे लिए काम करना आसान हो जाता है. अंजू कुमारी कहती हैं कि अगर घर के सदस्य ऐसा नहीं करते तो वह अपने काम को अच्छे से नहीं कर पाती.
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